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क्या आप भी सत्तू का सेवन बहुत ज्यादा करते हैं? एक्सपर्ट से जानें इससे सेहत को होने वाले 5 नुकसान

Side Effects Of Eating Too Much Sattu In Hindi: सत्तू का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन, जब इसका सेवन ज्यादा किया जाता है, तो कई परेशानियां होने लगती हैं। इसके नुकसान जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें-
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क्या आप भी सत्तू का सेवन बहुत ज्यादा करते हैं? एक्सपर्ट से जानें इससे सेहत को होने वाले 5 नुकसान


Sattu Khane Ke Nuksan: आपने देखा होगा कि गर्मियों के दिनों में लोग अधिक मात्रा में सत्तू का सेवन करते हैं। खासकर, इन दिनों इसका शरबत काफी पिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि यह शरीर को ठंडा रखने का काम करता है। वैसे भी इन दिनों गर्मी अपनी चरम पर है। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में तापमान और भी बढ़ेगा। ऐसे में हीट स्ट्रोक, चक्कर आने, बेहोशी, डिहाइड्रेशन जैसी तमाम समस्याओं से बचने के लिए आवश्यक है कि हम ऐसे चीजों का सेवन करें, जिससे शरीर का तापमान ठंडा रहे, बॉडी हाइड्रेट रहे। ऐसे में सत्तू एक बेहतर विकल्प है। लेकिन, जैसा कि आपने सुना होगा कि किसी भी चीज की अति सही नहीं है। इसी तरह, अधिक मात्रा में सत्तू का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकार है। इस लेख में हम जानेंगे कि अगर सत्तू का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए, तो सेहत का इस पर क्या असर पड़ सकता है? आइए, जानते हैं Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से।

अधिक सत्तू खाने के नुकसान- Too Much Sattu Side Effects In Hindi

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पाचन संबंधी समस्या

सत्तू पेट को ठंडा रखने का काम करता है, जिससे पाचन क्षमता में सुधार होता है। वहीं, अगर आप अधिक मात्रा में इसका सेवन करने लगते हैं, तो यह आपकी पाचन क्षमता को कमजोर कर सकता है। असल में, सत्तू में हाई फाइबर कंटेंट होता है। जिन लोगों को हाई फाइरब डाइट आसानी से हजम नहीं होती है, उन लोगों के लिए यह परेशानी का सबब बन सकती है। यही नहीं, अत्यधिक सत्तू का सेवन करने से कब्ज और डायरिया जैसी परेशानी भी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें, तो यह सच है कि फाइबर कब्ज को दूर करने का काम करती है। लेकिन, जब ज्यादा मात्रा में इसका सेवन किया जाए, तो इसकी वजह से डाइजेस्टिव ट्रैक्ट पर बुरा असर पड़ सकता है।

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ब्लोटिंग और गैस

सत्तू का सेवन करने से ब्लोटिंग और गैस की समस्या भी ट्रिगर हो सकती है। जैसा कि पहले ही जिक्र किया है कि सत्तू में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। जब आप फाइबर का सेवन करते हैं, तो इससे लंबे समय तक पेट भरे रहने का अहसास होता है। जबकि, अधिक मात्रा में फाइबर का सेवन करने से ब्लोटिंग और गैस बनने की दिक्कत भी हो सकती है। वैसे भी इस बात का ध्यान रखें कि गर्मियों के दिनों पाचन क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे कुछ भी अनहेल्दी या अधिक मात्रा में खाया जाए, तो सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।

एलर्जी

भुने हुए चने सत्तू बनता है। कुछ लोगों को चने से एलर्जी होती है। ऐसे में अगर वे अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो एलर्जी ट्रिगर हो सकती है। असल में, सत्तू में मौजूद प्रोटीन के प्रति मौजूद प्रोटीन के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण होता है। इस तरह की प्रतिक्रिया से हिस्टामाइन निकलता है, जिससे खुजली, पित्ती या पाचन संबंधी परेशानी जैसे लक्षण पैदा होते हैं। इसलिए, अगर किसी को चने से एलर्जी है, तो उन्हें सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं, अधिक मात्रा में इसके सेवन से पूरी तरह बचना चाहिए।

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मिनरल का अवशोषण

आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी कि सत्तू में फाइटेट्स नाम का तत्व होता है। यह एक ऐसा कंपाउंड है, जो आयरन, जिंक और कई जरूरी मिनरल्स को अवशोषण में बाधा उत्पन्न करता है। इसलिए, विशेषज्ञ यह सला देते हैं कि जो लोग सत्तू का सेवन करते हैं, उन्हें इसके साथ विटामिन-सी जरूर लेना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो सत्तू का भरपूर लाभ आपको नहीं मिल सकेगा।

किडनी स्टोन का रिस्क

सत्तू में ऑक्सालेट नाम का तत्व भी पाया जाता है। ऑक्सालेट एक नेचुरल कंपाउंड होता है, जिसे ऑक्सेलिक एसिड भी कहा जाता है। यह कई तरह के खाद्य पदार्थों में मिलता है। खासकर, हरी सब्जियां, फल आदि। ऑक्सालेट की मदद से कैल्शियम का स्तर रेगुलेट होता है। बहरहाल, तब आप सत्तू का अधिक मात्रा में सेवन करने लगते हैं, तो यह कैल्शियम के साथ बंधकर स्टोन बनाने का काम करता है। खासकर, किडनी स्टोन का जोखिम बढ़ जाता है। अतः डाइट में सत्तू को सीमित मात्रा में ही शामिल करें। सेहत के लिए फायदेमंद होगा।

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सत्तू का सेवन कैसे करें

गर्मियों के दिनों में सत्तू करना अच्छी बात है। लेकिन, इसे अपनी डाइट का हिस्सा बनाने से पहले यहां दी गई कुछ बातों पर जरूर गौर करें-

  1. अगर हाल ही में सत्तू का सेवन शुरू किया है, तो इसे कम मात्रा में ही डाइट का हिस्सा बनाएं। धीरे-धीरे इसके पोर्शन साइज को बढ़ाया जा सकता है।
  2. जब सत्तू का सेवन करें, तो अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें। ऐसा करके सत्तू को हजम करने में मदद मिलेगी।
  3. अगर कोई बीमारी है या किसी तरह की एलर्जी है, तो सत्तू को अपनी डाइट का हिस्सा बनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना न भूलें।
  4. अगर सत्तू का सेवन करने से शरीर में किसी तरह की परेशानी होने लगे, तो तुरंत इसे खाना छोड़ दें।
  5. अगर कोई दवा चल रही है, तब भी सत्तू को डाइट का हिस्सा न बनाएं। इस संदर्भ में एक्सपर्ट की सलाह मददगार साबित हो सकती है।
All Image Credit: Freepik

FAQ

  • सत्तू पीने के क्या नुकसान हैं?

    सत्तू का शरबत अधिक मात्रा में पीने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है।, जैसे गैस बनना, एसिडिटी, पाचन तंत्र में गड़बड़ी आदि। इसके अलावा, पेट फूलना, ऐंठन और डायरिया का जोखिम भी बढ़ जाता है।
  • सत्तू कब नहीं पीना चाहिए?

    आमतौर पर सत्तू के शरबत का सेवन कभी भी किया जा सकता है। ज्यादातर लोग इसे खाली पेट लेना पसंद करते हैं। लेकिन, अगर आपको गैस्ट्रिक, पित्ताशय में पथरी या एलर्जी है, तो इसका सेवन न करें।
  • क्या सत्तू से गैस बनती है?

    सत्तू में फाइबर काफी ज्यादा होता है। इसलिए, ज्यादा सत्तू का सेवन करने से पेट में गैस बनना, दर्द होना और अपच जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

 

 

 

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