Side Effects of Being on Dialysis in Hindi: आजकल खराब और असंतुलित जीवनशैली के चलते लोगों को किडनी से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए उसे समय-समय पर साफ करते रहना जरूरी होता है। किडनी शरीर का जरूरी अंग है, जो शरीर से विषाक्त तत्वों को निकालने का काम करती है। किडनी की समस्या होने पर शरीर में टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं, जिसका नतीजा कई बार किडनी डैमेज भी हो सकती है। इसे नजरअंदाज करना कई बार एक्यूट किडनी फेलियर का भी कारण बन सकता है, जिससे मरीज की किडनी सुचारू रूप से काम करना बंद कर देती है। इसके बाद मरीज की किडनी या तो ट्रांसप्लांट की जाती है या तो उसे डायलिसिस पर रखा जाता है।
डायलिस पर रखकर मरीज के किडनी फंक्शन्स को दोबारा से एक्टिवेट किया जाता है, जिससे वह सुचारू रूप से अपना काम कर सके। हालांकि, डायलिसिस पर रहने के बाद भी मरीज को कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइये दिल्ली के अग्रवाल होम्योपैथी क्लीनिक के डॉ. पंकज अग्रवाल से जानते हैं डायलिसिस पर रहने से कौन सी समस्याएं होना नॉर्मल है? (Common Side Effect of Dialysis in Hindi) -
डायलिसिस पर रहने से कौन सी समस्याएं होना नॉर्मल है? (Normal Problems of Dialysis in Hindi)
1. इंफेक्शन होना (Dialysis Can Cause Infection in Hindi)
अगर आप डायलिसिस पर हैं तो संभव है कि आपको इंफेक्शन का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, डायलिसि कराने पर बार-बार शरीर में इंजेक्शन लगाए जाते हैं, जो कई बार आपको सामान्य इंफेक्शन से लेकर सेप्सिस तक के खतरे में डाल सकता है। इसलिए अगर आप डायलिसिस करा रहे हैं तो ऐसे में ध्यान रखें कि आपको इंजेक्शन को बदलवाकर या सैनिटाइज्ड कराकर लगवाना चाहिए।
2. मसल क्रैंप्स (Dialysis Can Cause Muscle Cramps in Hindi)
डायलिसिस के दौरान मसल क्रैंप्स यानि मांसपेशियों में ऐंठन होना एक आम समस्या है। दरअसल, डायलिसिस की प्रक्रिया के दौरान शरीर से विषाक्त तरल पदार्थों को निकाला जाता है। जिससे शरीर में फ्लूड और इलेक्ट्रोलाइट्स का इंबैलेंस हो जाता है। इसके चलते आपको थकान होने के साथ-साथ मांसपेशियों में ऐंठन होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
3. त्वचा से जुड़ी समस्याएं (Dialysis Can Cause Skin Problems in Hindi)
डायलिसिस के मरीजों को त्वचा से जुड़ी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। किडनी से जुड़ी समस्या होने पर आपको डायलिसिस पर रखा जाता है। जिसके बाद शरीर में कुछ जिद्दी टॉक्सिन्स इकठ्ठा हो जाते हैं। यह टॉक्सिन्स आसानी से नहीं निकलने पर कई बार त्वचा पर ड्राईनेस, चिड़चिड़ापन आने के साथ-साथ खुजली का भी सामना करना पड़ सकता है।
4. ब्लड प्रेशर लो होना (Dialysis Can Cause Low Blood Pressure in Hindi)
अगर आप डायलिसिस पर हैं तो संभव है कि आपका ब्लड प्रेशर लो हो सकता है। डायलिसि की प्रक्रिया में शरीर से काफी मात्रा में फ्लूड निकलता है, जिसे रिकवर करने में समय लग सकता है। डायलिसिस होने पर व्यक्ति को लो ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह फ्लूड शरीर में से कुछ ही समय के लिए लॉस होता है।
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5. थकान होना (Dialysis Can Cause Fatigue in Hindi)
थकान होना डायलिसिस के मरीजों में होने वाली एक आम समस या है। दरअसल, डायलिसिस की प्रक्रिया में शरीर से न केवल फ्लूड निकाला जाता है, बल्कि कई बार इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं। इससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए महसूस करते हैं। ऐसे में आपको थकान और कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है।