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कमर से लेकर पैरों तक रहता है दर्द? जानें इस समस्या के पीछे क्या हैं जोखिम कारक

कमर से पैरों तक जाने वाली नस में दर्द होने की समस्या को सायटिका कहा जाता है। आगे जानतें हैं इसके किन जोखिम कारकों से यह परेशानी हो सकती है।
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कमर से लेकर पैरों तक रहता है दर्द? जानें इस समस्या के पीछे क्या हैं जोखिम कारक


सायटिका (Sciatica) एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को पीठ के निचले हिस्से से लेकर जांघ और पांव तक तेज या चुभने वाला दर्द महसूस होता है। यह दर्द सायटिक नर्व (sciatic nerve) के दबने, सूजन या किसी प्रकार की चोट के कारण हो सकता है। यह नर्व शरीर की सबसे लंबी और मोटी नस होती है, जो रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर पैरों तक जाती है। डॉक्टर्स बताते हैं कि सायटिका खुद कोई रोग नहीं है, बल्कि यह किसी अन्य मूल कारण जैसे हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइन में बोन स्पर (हड्डी की वृद्धि), या स्पाइनल स्टेनोसिस (रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना) का एक लक्षण है। इसका दर्द कभी-कभी असहनीय होता है और लंबे समय तक बैठना, खड़े रहना या झुकना मुश्किल बना देता है। सायटिका के जोखिम को बढ़ाने वाले कई कारण होते हैं, जिनमें गलत जीवनशैली, उम्र बढ़ना, मोटापा, ज्यादा देर तक बैठना, भारी वजन उठाना, अचानक झटका लगना और डायबिटीज जैसे रोग को शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा जिन लोगों की मांसपेशियां कमजोर होती हैं या जो नियमित व्यायाम नहीं करते, उनमें भी सायटिका विकसित होने की संभावना अधिक होती है। इस लेख में वेव क्योर सेंटर के ऑर्थोपेडिक्स सीनियर कंल्टेंट डॉ अंकित पाठक से जानते हैं कि किन जोखिम कारकों से सायटिका का दर्द हो सकता है।

सायटिका के क्या कारण हो सकते हैं?

सायटिका मुख्य रूप से तब होती है जब रीढ़ की हड्डी से निकलने वाली नसों पर दबाव पड़ता है। यह दबाव विभिन्न कारणों से हो सकता है जिनको आगे बताया गया है।

  • रीढ़ की हड्डी का संकुचन (Spinal stenosis)
  • स्लिप डिस्क (herniated disc)
  • स्पाइन में हड्डी का बढ़ना (Bone spur)
  • पेल्विक इंजरी या ट्यूमर आदि।

सायटिका के जोखिम कारक (Risk Factors For Sciatica)

उम्र बढ़ना

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, डिस्क और रीढ़ की हड्डियों में घिसाव होता है। 30 से 50 की उम्र के बाद, स्लिप डिस्क और स्पाइनल डिजेनेरेशन का खतरा बढ़ जाता है, जो सायटिका की संभावना को जन्म देता है।

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डायबिटीज (Diabetes)

डायबिटीज नसों को नुकसान पहुंचा सकती है (डायबेटिक न्यूरोपैथी), जिससे सायटिक नर्व भी प्रभावित हो सकती है और दर्द की स्थिति पैदा हो सकती है।

मोटापा (Obesity)

अधिक वजन शरीर पर विशेषकर रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे स्पाइन की नसें प्रभावित हो सकती हैं। मोटापा न केवल हड्डियों पर दबाव बढ़ाता है बल्कि मांसपेशियों की ताकत भी घटा देता है।

बैठने की जीवनशैली (Sedentary Lifestyle)

जो लोग लगातार घंटों तक कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं जैसे ऑफिस वर्कर्स, ड्राइवर्स उनमें सायटिका का खतरा अधिक होता है क्योंकि इससे निचले हिस्से की नसों पर दबाव पड़ता है। ऐसे में आपको कुछ समय के लिए ब्रेक लेना चाहिए।

भारी वजन उठाना या गलत तरीके से उठाना

जिन लोगों को भारी सामान उठाने का कार्य करना पड़ता है, वे अगर गलत पॉश्चर में यह काम करें तो कमर की नसों पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे सायटिका हो सकता है। जैसे झुक कर वजन उठाना या अचानक झटका लगना।

सायटिका से बचाव के उपाय - How To Prevent Sciatica In Hindi

  • नियमित रूप से योग और एक्सरसाइज करें
  • सही पॉश्चर में बैठें और चलें
  • भारी वजन उठाते समय सावधानी बरतें
  • वजन नियंत्रित रखें
  • संतुलित आहार लें
  • तनाव कम करें और अच्छी नींद लें।

इसे भी पढ़ें: साइटिका के दर्द से परेशान रहते हैं, तो रोज करें ये एक्सरसाइज मिलेगी राहत

सायटिका एक गंभीर लेकिन काबू में आने वाली समस्या है, अगर समय रहते इसके जोखिम कारकों को पहचाना जाए। उम्र, जीवनशैली, वजन, डायबिटीज जैसी स्थितियां इस बीमारी का खतरा बढ़ाती हैं। यदि आप इन जोखिम कारकों को नियंत्रित करने में सफल होते हैं, तो सायटिका से बचा जा सकता है या इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है।

FAQ

  • क्या केवल बुजुर्ग लोगों को ही सायटिका होता है?

    नहीं, यह युवाओं में भी हो सकता है, खासकर वे लोग जो ज्यादा बैठते हैं, भारी वजन उठाते हैं या जिनकी जीवनशैली सक्रिय नहीं होती।
  • क्या सायटिका का इलाज केवल सर्जरी से ही संभव है?

    नहीं, अधिकतर मामलों में फिजियोथेरेपी, एक्सरसाइज, दर्द निवारक दवाएं और जीवनशैली सुधार से ही आराम मिल जाता है। सर्जरी केवल गंभीर मामलों में की जाती है।
  • क्या सायटिका दोबारा हो सकता है?

    हां, यदि आप अपने पॉश्चर और जीवनशैली में सुधार नहीं करते हैं, तो सायटिका बार-बार हो सकता है। इसके लिए नियमित एक्सरसाइज और वजन नियंत्रण जरूरी है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 05, 2025 13:02 IST

    Published By : Vikas Arya

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