
महिलाओं की जिंदगी में मेनोपॉज (Menopause) आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच आने वाला फेज होता है, जिसमें शरीर में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। यह वह समय होता है जब पीरियड्स हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन का लेवल घटने लगता है। इस हार्मोनल बदलाव का सीधा असर महिलाओं की हड्डियों, दिल, स्किन, मानसिक स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल पर पड़ता है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को हॉट फ्लैशेज, नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, थकान, जोड़ों का दर्द, बार-बार पेशाब आने और वजन बढ़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं अपने खानपान, लाइफस्टाइल और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इस लेख में दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन से जानिए, मेनोपॉज के समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
मेनोपॉज के समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? - What Precautions Should Be Taken During Menopause
ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन बताती हैं कि मेनोपॉज (Menopause) के समय महिलाओं को अपने खानपान और लाइफस्टाइल में खास बदलाव करने की जरूरत होती है ताकि वे स्वस्थ रह सकें और भविष्य की बीमारियों से बचाव कर सकें।
1. घर का खाना और बैलेंस डाइट
डॉ. गुंजन के अनुसार, मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को बाहर के ऑयली और प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए। घर का बना संतुलित भोजन हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। डाइट में कैल्शियम, विटामिन D, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर चीजें जरूर शामिल करें। दूध-दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, फल और साबुत अनाज न केवल शरीर को पोषण देते हैं बल्कि हड्डियों और पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाते हैं।
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2. कैल्शियम और विटामिन D
मेनोपॉज के बाद महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्यादा रहता है। शरीर में एस्ट्रोजन की कमी हड्डियों को कमजोर करती है। ऐसे में कैल्शियम और विटामिन D बेहद जरूरी पोषक तत्व हैं। दूध, पनीर, तिल, अलसी और हरी सब्जियों से कैल्शियम मिलता है, जबकि सुबह की धूप से विटामिन D प्राप्त किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है।
3. नियमित एक्सरसाइज
मेनोपॉज के दौरान नियमित एक्सरसाइज बेहद जरूरी है। रोजाना 30 मिनट वॉक, योग, प्राणायाम या हल्का स्ट्रेचिंग करने से हड्डियां मजबूत रहती हैं, वजन कंट्रोल होता है और हार्ट डिजीज का खतरा घटता है। साथ ही एक्सरसाइज मानसिक तनाव भी कम करता है और नींद को बेहतर बनाता है।
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4. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
हार्मोनल बदलाव का असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इस दौरान महिलाएं डिप्रेशन, चिंता और अनिद्रा का अनुभव कर सकती हैं। डॉ. गुंजन सलाह देती हैं कि मेडिटेशन, योग और परिवार के साथ समय बिताने से मन शांत रहता है। अगर लक्षण ज्यादा गंभीर हों तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
5. नियमित चेकअप
इस उम्र में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायराइड और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए साल में एक से दो बार स्वास्थ्य जांच कराना जरूरी है। ब्लड टेस्ट, बोन डेंसिटी और हार्ट हेल्थ चेकअप से बीमारियों का समय रहते पता चल सकता है।
6. धूम्रपान और शराब से दूरी
मेनोपॉज के दौरान धूम्रपान और शराब से बचना बेहद जरूरी है। ये आदतें हड्डियों की कमजोरी, हार्ट डिजीज और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं। डॉ. गुंजन कहती हैं कि इन आदतों से दूरी बनाना ही स्वास्थ्य के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प है।
निष्कर्ष
संतुलित डाइट, नियमित एक्सरसाइज, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान, समय-समय पर चेकअप और डॉक्टर से परामर्श, ये सभी उपाय महिलाओं को मेनोपॉज के बाद हड्डियों की कमजोरी, हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाते हैं। डॉ. गुंजन मल्होत्रा सरीन कहती हैं कि यह जीवन का अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है, जिसे महिलाएं सकारात्मक सोच और स्वस्थ आदतों से बेहतर बना सकती हैं।
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FAQ
मेनोपॉज किस उम्र में होता है?
आमतौर पर मेनोपॉज 45 से 55 साल की उम्र के बीच होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह इससे पहले या बाद में भी हो सकता है।मेनोपॉज के दौरान किन पोषक तत्वों का सेवन जरूरी है?
इस दौरान कैल्शियम, विटामिन डी, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर डाइट लेना जरूरी है। ये हड्डियों को मजबूत रखते हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाते हैं।क्या मेनोपॉज में एक्सरसाइज करना जरूरी है?
हां, रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या हल्की एक्सरसाइज करने से हड्डियां मजबूत होती हैं, वजन कंट्रोल रहता है और मानसिक तनाव कम होता है।
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