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प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन से कैसे बचें? डॉक्टर से जानें

प्रग्नेंसी का समय हर एक महिला के लिए बेहद खास होता है लेकिन कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां जानिए, प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन से कैसे बचें?
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प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन से कैसे बचें? डॉक्टर से जानें


प्रेग्नेंसी का समय हर महिला के जीवन में एक बेहद खास होता है, यह वो दौर होता है जब शरीर में कई तरह के हार्मोनल और शारीरिक बदलाव होते हैं। हालांकि यह समय उम्मीदों और खुशियों से भरा होता है, लेकिन इसके साथ ही कई बार प्रेग्नेंट महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। इन्हीं में से एक आम और परेशान करने वाली समस्या यीस्ट इंफेक्शन है। यीस्ट इंफेक्शन एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन होता है। यह इंफेक्शन खासतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा देखा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस समय महिला के शरीर में हार्मोनल असंतुलन, शुगर लेवल में बढ़ोतरी और इम्यून सिस्टम में थोड़ी कमजोरी आ जाती है। जिससे योनि में खुजली, जलन, सफेद गाढ़ा डिस्चार्ज और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इस स्थिति में कई महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर प्रेग्नेंसी के दौरान यीस्ट इंफेक्शन से कैसे बचा जाए? क्या इसके लिए घरेलू उपाय कारगर हैं या डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है? इस लेख में हम दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन (Dr. (Col.) Gunjan Malhotra Sareen, Senior Consultant, Obstetrics and Gynecologist, Gynecology: Every Woman Matters Clinic, located in Anand Niketan, Delhi) से जानिए, प्रेग्नेंसी में यीस्ट इन्फेक्शन होने से कैसे रोकें?

प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन से कैसे बचें? - How To Avoid Yeast Infection In Pregnancy

डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का लेवल काफी बढ़ जाता है, जिससे योनि का वातावरण फंगल ग्रोथ के लिए ज्यादा अनुकूल हो जाता है। महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन आमतौर पर कैंडिडा नामक फंगस के कारण होता है, जो सामान्य रूप से शरीर में पाया जाता है, लेकिन जब इसका संतुलन बिगड़ता है, तो यह इंफेक्शन का रूप ले लेता है। प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन कई कारणों से हो सकता है। जब योनि का pH लेवल बदल जाता है, शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है तो इन सभी कारकों से Candida फंगस की ग्रोथ होने लगती है और इंफेक्शन हो सकता है।

1. पर्सनल हाइजीन मेंटेन करें

रोजाना हल्के गुनगुने पानी से योनि को धोएं और बिना खुशबू वाले केमिकल फ्री साबुन का प्रयोग करें। लेकिन ध्यान रखें कि योनि को बहुत ज्यादा धोने (how to avoid yeast infection in pregnancy) से बचें। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे नेचुरल बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है।

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2. सूती कपड़े पहनें

सिंथेटिक कपड़ों की बजाय सूती अंडरवियर पहनें ताकि हवा का संचार बना रहे और तंग कपड़े पहनने से बचें, जिससे नमी न बनी रहे।

3. गीले कपड़े तुरंत बदलें

अगर आप पसीने से भीग जाएं या स्विमिंग के बाद कपड़े गीले हों, तो तुरंत सूखे कपड़े पहनें, नमी फंगल इंफेक्शन को बढ़ावा देती है।

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4. चीनी और स्टार्च युक्त फूड्स से बचें

बहुत अधिक मीठा और प्रोसेस्ड फूड खाने से शरीर में शुगर लेवल बढ़ सकता है, जो फंगस की ग्रोथ को बढ़ावा देता है। साबुत अनाज, हरी सब्जियां और दही का सेवन करें।

How To Avoid Yeast Infection

5. प्रोबायोटिक लें

प्रोबायोटिक सप्लीमेंट या दही जैसे फूड्स शरीर में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा बनाए रखते हैं, जो फंगस को कंट्रोल करते हैं।

प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन होने से क्या होता है? - What happens if you have a yeast infection during pregnancy

यीस्ट इंफेक्शन आमतौर पर गंभीर नहीं होता, लेकिन यदि इसका समय पर इलाज न हो, तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए असुविधाजनक हो (pregnancy mein infection hone se kya hota hai) सकता है। इसके कारण योनि में खुजली या जलन, सफेद, गाढ़ा और पनीर जैसा डिस्चार्ज, पेशाब करते समय जलन, संभोग के दौरान दर्द और योनि और वल्वा (vulva) में सूजन या लालिमा की समस्या हो सकती है।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

यदि इंफेक्शन बार-बार हो रहा है, या लक्षण बहुत तेज हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। डॉक्टर आमतौर पर टॉपिकल एंटीफंगल क्रीम की सलाह देते हैं। प्रेग्नेंसी में ओरल एंटीफंगल दवाएं आमतौर पर नहीं दी जातीं क्योंकि इनके नुकसान हो सकते हैं।

निष्कर्ष

प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन आम है लेकिन यह कोई बड़ी चिंता का विषय नहीं है, यदि आप सजग रहें और सही लाइफस्टाइल अपनाएं। स्वच्छता, पोषण और डॉक्टर की सलाह का पालन करके इस इंफेक्शन से आसानी से बचा जा सकता है। यदि कोई भी लक्षण दिखाई दें तो बिना झिझक डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि मां और बच्चे दोनों सुरक्षित और स्वस्थ रहें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • यीस्ट इंफेक्शन होने से क्या होता है?

    यीस्ट इंफेक्शन एक फंगल इंफेक्शन है जो आमतौर पर कैंडिडा नामक फंगस के कारण होता है। महिलाओं में योनि में खुजली, जलन, सफेद गाढ़ा डिस्चार्ज और दर्द मुख्य लक्षण होते हैं। पुरुषों में भी यह इंफेक्शन हो सकता है, जिससे लिंग पर लालिमा, खुजली और जलन होती है। कमजोर इम्यून सिस्टम, डायबिटीज, ज्यादा एंटीबायोटिक का सेवन और गीले कपड़े पहनने से इसकी संभावना बढ़ जाती है।
  • प्राइवेट पार्ट में खुजली के कारण?

    प्राइवेट पार्ट में खुजली होना एक सामान्य समस्या है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। आम कारणों में फंगल या यीस्ट इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, त्वचा की एलर्जी, अधिक पसीना आना, साफ-सफाई की कमी या टाइट कपड़े पहनना शामिल हैं। महिलाओं में योनि इंफेक्शन और पुरुषों में लिंग की सूजन भी खुजली का कारण बन सकते हैं। कभी-कभी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) भी इसके पीछे हो सकती है। खुजली के साथ जलन, रैश या डिस्चार्ज होने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
  • प्राइवेट पार्ट में जलन हो तो क्या करें?

    प्राइवेट पार्ट में जलन होना असुविधाजनक हो सकता है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे इंफेक्शन, एलर्जी, रेजर से कट, टाइट कपड़े या केमिकल प्रोडक्ट्स का प्रयोग। जलन होने पर सबसे पहले उस क्षेत्र को साफ पानी से धोकर सुखा लें और कोई हार्श साबुन या परफ्यूम युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल (private part mai jalan ho to kya karen) न करें। सूती और ढीले कपड़े पहनें। यदि जलन के साथ खुजली, लालपन या डिस्चार्ज हो रहा है, तो यह यीस्ट या बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। 

 

 

 

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