प्रेग्नेंसी में महिलाओं की बॉडी बहुत कमजोर हो जाती है। इन दिनों उनके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिस वजह से उनकी इम्यूनिटी पॉवर भी प्रभावित होती है। यही कारण है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं आसानी से किसी भी तरह के संक्रमण की चपेट में आ सकती हैं। हालांकि, हर महिला के साथ ऐसा नहीं होता है। बहरहाल, प्रेग्नेंसी में कई महिलाओं को यीस्ट इंफेक्शन की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। वैसे तो प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन होना सामान्य है और सही ट्रीटमेंट की मदद से इससे रिकवरी भी संभव है। लेकिन, कई बार देखने में आता है कि महिलाएं यीस्ट इंफेक्शन का ट्रीटमेंट नहीं करवाती हैं। क्या आप जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन का ट्रीटमेंट नहीं करवाने से आपकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है? इस लेख में हम यही जानेंगे कि गर्भावस्था में यीस्ट इंफेक्शन का इलाज न करने पर किस तरह के नुकसान हो सकते हैं? इस बारे में हमने नोएडा स्थित Yatharth Hospital में Associate Consultant - Department of Obstetrics & Gynaecology डॉ. स्वाति कुमारी से बात की।
प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन की अनदेखी करने के नुकसान- What Happens If I Ignore My Yeast Infection
इचिंग का बढ़ना
वैसे तो यीस्ट इंफेक्शन ज्यादा गंभीर समस्या नहीं है। इसके बावजदू, अगर आप इसका ट्रीटमेंट नहीं करवाते हैं, तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक है, इचिंग बढ़ना। यीस्ट इंफेक्शन की वजह से महिलाओं में असहजता बढ़ जाती है, प्रभावित हिस्से में इचिंग होने लगती है, जो कि असहनीय होती है। अगर महिला इचिंग करती है, तो त्वचा फट सकती है और वहां छोटे-छोटे घाव हो सकते हैं।
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थकान महसूस करना
डॉ. स्वाति कुमारी बताती हैं, "वैसे तो यीस्ट इंफेक्शन का थकान से कोई सीधा संबंध नहीं है। लेकिन, यह देखने में आता है कि प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल इंबैलेंस होते हैं। यह स्थिति पहले से ही महिला को काफी थकान और कमजोरी से भर देती है। ऐसे में अगर महिला को यीस्ट इंफेक्शन हो जाता है और समय पर इसका ट्रीटमेंट न किया जाए, तो उनमें थकान और कमजोरी बढ़ सकती है। ऐसा खासकर, उन महिलाओं के साथ होता है, जिन्हें बार-बार यीस्ट इंफेक्शन हो जाता है।"
डिलीवरी के दौरान शिशु पर असर
डॉ. स्वाति कुमारी स्पष्ट करती हैं कि यीस्ट इंफेक्शन का शिशु की ग्रोथ पर किसी तरह का नेगेटिव असर नहीं पड़ता है। इसके बावजूद, महिलाओं को अपना ट्रीटमेंट करवा लेना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करती हैं, तो इसकी वजह से डिलीवरी के दौरान यीस्ट इंफेक्शन की वजह से शिशु को थ्रश हो सकता है। असल में, वजाइनल डिलीवरी के दौरान कैंडीडा यीस्ट शिशु को ट्रांसफर हो सकता है, जो उनमें थ्रश का कारण बनता है।’ डॉक्टर आगे बताती हैं कि शिशु को थ्रश होने उनकी नाखून, आंख, स्किन और मुंह में इसके लक्षण दिखते हैं।
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प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन का इलाज
Americanpregnancy में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन होने पर महिलाओं को इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। जैसे ही यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण, जैसे इचिंग, यूरिन पास करते हुए जलन आदि समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपना ट्रीटमेंट करवाएं। डॉक्टर कुछ मेडिसिन देंगे, जिन्हें मरीज को समयानुसार लेना होता है। आमतौर पर यीस्ट इंफेक्शन करीब से 10-14 दिन में पूरी तरह ठीक हो जाता है।
निष्कर्ष
यीस्ट इंफेक्शन कोई गंभीर समस्या नहीं है। प्रेग्नेंसी में इस तरह की परेशानी कॉमन होती है और यह शिशु के विकास को भी प्रभावित नहीं करती है। फिर भी डॉक्टर सलाह देते हैं कि किसी महिला को यीस्ट इंफेक्शन हो, तो उन्हें बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए और प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाना चाहिए।
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FAQ
क्या यीस्ट इंफेक्शन प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है?
प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन हो, तो महिलाएं घबराए नहीं क्योंकि इसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर नहीं पड़ता है। फिर भी महिलाओं को समय पर इलाज जरूर करवाना चाहिए।गर्भावस्था के दौरान यूरिन इंफेक्शन क्या बच्चे के लिए हानिकारक है?
प्रेग्नेंसी में यूरिन इंफेक्शन होना सही नहीं है। अगर ऐसा होता है, तो डिलीवरी के कुछ जटिलताएं बढ़ सकती हैं।प्रेग्नेंसी में इंफेक्शन हो जाए तो क्या करें?
प्रेग्नेंसी में कई तरह के इंफेक्शन का रिस्क रहता है। इस स्थिति में जरूरी है कि आप डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं। अगर प्रेग्नेंसी में यूटीआई हो गया है, तो इसके लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं।