एक व्यक्ति को छींक तब आती है जब नाक के भीतर धूल, परागकण, धुआं, तेज गंध या एलर्जी पैदा करने वाले तत्व जाते हैं। यह शरीर का नेचुरल डिफेंस मैकेनिज्म है, जिसके जरिए नाक और रेस्पिरेटरी सिस्टम साफ रहता है। सामान्य परिस्थितियों में दिन में कुछ बार छींक आना चिंता का विषय नहीं होता, लेकिन जब छींक लगातार और बार-बार आने लगे, तो यह न केवल असुविधाजनक लगता है बल्कि इसके साथ सिरदर्द जैसी समस्या भी जुड़ सकती है। कई लोग यह अनुभव करते हैं कि जब वे बार-बार छींकते हैं, तो उनका सिर भारी लगने लगता है या माथे और आंखों के आसपास दर्द शुरू हो जाता है। इस लेख में हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से विस्तार से जानेंगे कि क्या लगातार छींक आने से सिर दर्द हो सकता है?
लगातार छींक आने से सिर दर्द हो सकता है? - Can Constant Sneezing Cause Headache
डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज बताते हैं कि जब व्यक्ति लगातार छींकता है, तो हर बार छींकने पर सिर और गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। छींक के दौरान अचानक हवा बाहर निकलती है जिससे खोपड़ी (Skull) और साइनस पर दबाव बढ़ जाता है। यही दबाव कई बार सिरदर्द का कारण बन सकता है। खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से साइनसाइटिस या माइग्रेन की समस्या हो, उनमें यह दर्द और ज्यादा बढ़ सकता है।
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एलर्जी या वायरल इंफेक्शन के कारण जब बार-बार छींक आती है, तो नाक और साइनस में सूजन हो जाती है। यह सूजन हवा को प्रभावित करती है और साइनस में दबाव बढ़ाती है। नतीजा यह होता है कि सिर के आगे के हिस्से, आंखों के आसपास और माथे पर दर्द महसूस होता है। यही कारण है कि सर्दी-जुकाम और एलर्जी के मरीज अक्सर छींकने के साथ सिरदर्द की शिकायत करते हैं।
अगर छींक के साथ सिरदर्द बार-बार हो रहा है और यह लंबे समय तक बना रहता है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह साइनस इंफेक्शन या माइग्रेन (Migraine) जैसी स्थिति का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, अगर सिरदर्द बहुत तेज है, अचानक शुरू होता है या इसके साथ बुखार, आंखों में धुंधलापन, कान में दर्द या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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माइग्रेन और छींक - Migraine and sneezing
जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है, उनमें छींक सिरदर्द को ट्रिगर कर सकती है। दरअसल, छींकने के दौरान मस्तिष्क में ब्लड फ्लो और प्रेशर बदल जाता है, जिससे माइग्रेन अटैक हो सकता है। कई मरीजों में रिपोर्ट किया गया है कि तेज रोशनी, धूल और प्रदूषण से छींकने के बाद माइग्रेन का सिरदर्द शुरू हो जाता है।
निष्कर्ष
लगातार छींक आने से सिरदर्द होना कोई असामान्य बात नहीं है। हालांकि, यह हमेशा गंभीर समस्या का संकेत नहीं होता। लेकिन अगर सिरदर्द बार-बार और तेज हो या इसके साथ अन्य लक्षण भी हों, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। सही इलाज और सावधानियों से छींक और सिरदर्द दोनों से राहत पाई जा सकती है।
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