महिलाओं में 40 की उम्र के बाद मेनोपॉज का फेज आता है, जिसके बाद हर महीने मासिक धर्म यानी पीरियड्स बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं और इस समय कई ऐसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं, जैसे कि गर्मी ज्यादा लगना, रात को पसीना आना, अनिद्रा, मूड स्विंग्स, थकान, योनि में सूखापन, वजन बढ़ना और त्वचा संबंधी समस्याएं। ऐसा सब शरीर में हार्मोनल बदलावों के कारण होता है। कई महिलाओं का सवाल होता है कि क्या मेनोपॉज का असर स्तन यानी ब्रेस्ट पर भी पड़ता है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल (Dr. Tanima Singhal, Pregnancy educator and Lactation Consultant at Maa-Si Care Clinic, Lucknow) से बात की है।
मेनोपॉज का ब्रेस्ट पर क्या असर होता है?
डॉक्टर ने बताया कि महिलाओं में मेनोपॉज आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच होता है, हालांकि यह उम्र विभिन्न महिलाओं में अलग-अलग हो सकती है। मेनोपॉज के दौरान, महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, विशेषकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में कमी आती है। ये बदलाव कई शारीरिक और मानसिक लक्षणों का कारण बन सकते हैं। इस दौरान महिलाओं को योग और ध्यान का नियमित अभ्यास करना चाहिए, यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।
1. हार्मोनल बदलाव
मेनोपॉज के दौरान, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में कमी आती है। यह कमी स्तनों की दृढ़ता 'firmness of breasts' को प्रभावित कर सकती है। एस्ट्रोजन के कम होने से त्वचा की लोच कम हो जाता है, जिससे स्तन ढीले और लटके हुए दिख सकते हैं। यह परिवर्तन सामान्य है और अधिकांश महिलाओं में देखा जाता है।
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2. स्तनों के आकार और वजन में बदलाव
मेनोपॉज के दौरान वजन में होने वाले बदलाव भी स्तनों के आकार को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ महिलाओं का वजन बढ़ सकता है, जिससे स्तनों का आकार बढ़ सकता है, जबकि कुछ महिलाओं का वजन घट सकता है, जिससे स्तनों का आकार छोटा हो सकता है। यह एक व्यक्तिगत अनुभव है और हर महिला में अलग-अलग हो सकता है।
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3. स्तन में दर्द और संवेदनशीलता
मेनोपॉज के दौरान कुछ महिलाएं स्तनों में दर्द या संवेदनशीलता महसूस कर सकती हैं। यह हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकता है।
4. नियमित जांच और देखभाल
स्तनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित जांच और उचित देखभाल बेहद जरूरी है। मेनोपॉज के दौरान और बाद में, महिलाओं को अपने स्तनों की नियमित जांच करवानी चाहिए और किसी भी असामान्य बदलाव या समस्या के मामले में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
निष्कर्ष
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव स्तनों पर प्रभाव डाल सकता है। स्तनों की दृढ़ता, आकार और संवेदनशीलता में होने वाले परिवर्तन सामान्य हैं और उन्हें समझना और स्वीकार करना महिलाओं को आना चाहिए। उचित देखभाल और नियमित जांच से स्तनों के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है। मेनोपॉज के दौरान बैलेंस डाइट, एक्सरसाइज और डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।
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