High Hormone Level Side Effects: हार्मोन्स हमारे शरीर को बेहतर ढंग से काम करने और स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी हैं। हार्मोन्स शरीर में मौजूद सेल्स और ग्रनिथियों से निकलने वाले केमिकल्स हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों को प्रभावित करते हैं। हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव हमारे मेटाबॉलिज्म, इम्यूनिटी, फर्टिलिटी और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर में हार्मोनल बदलाव होना आम बात है, लेकिन गलत खानपान, खराब लाइफस्टाइल और शारीरिक गतिविधियों की कमी जैसे कारकों से हमारे शरीर में हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं। हार्मोन असंतुलन से स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। कल्पना होमियो क्लिनिक की होम्योपैथी डॉ. सुरभि जैन ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके बताया कि, हार्मोन का स्तर बढ़ने से शरीर कैसे प्रभावित होता है? (How Do High Hormones Affect Your Body)
शरीर में हार्मोन बढ़ने से क्या होता है?
उच्च टेस्टोस्टेरोन - High Testosterone
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन, पुरुषों में पाया जाने वाला एक प्रमुख सेक्स हार्मोन है। महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का बढ़ता स्तर हाइपरएंड्रोजेनिज्म का कारण बन सकता है, जो आमतौर पर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी समस्याओं की समस्या को बढ़ा सकता है। चेहरे और शरीर पर बहुत ज्यादा बाल (हिर्सुटिज्म), सिर पर बालों का पतला होना, ऑयली स्किन और एक्ने की समस्या शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ने के लक्षण हैं।
उच्च इंसुलिन - High Insulin
हमारे शरीर में इंसुलिन हार्मोन ब्लड शुगर के स्तर को नियमित करने के लिए बहुत जरूरी है। हालांकि, शरीर में हाई इंसुलिन स्तर, अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण होता है, जो मेटाबोलिक सिंड्रोम की समस्या का कारण बनता है। शरीर में इंसुलिन हार्मोन बढ़ने से बेली फैट, PCOS, अनियमित पीरियड्स और टाइप 2 डायबिटीज की समस्या हो सकती है।
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उच्च थायरायड हार्मोन - High Thyroid Hormones
शरीर में थायराइड हार्मोन का ज्यादा उत्पादन हाइपरथायरायडिज्म की समस्या का कारण बनता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा देता है। थायराइड हार्मोन बढ़ने से बहुत ज्यादा थकान, वजन कम होना, गर्मी बहुत ज्यादा लगना। इतना ही नहीं, महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ सकती है।
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उच्च प्रोलैक्टिन - High Prolactin
शरीर में हाई प्रोलैक्टिन का स्तर महिलाओं में प्रजनन प्रणाली को बाधित कर सकता है। हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया ओव्यूलेशन के दौरान आप में बांझपन का कारण बन सकता है। प्रोलैक्टिन स्तर बढ़ने से व्यक्ति में कामेच्छा कम हो सकती है, जो यौन रोग का कारण बन सकता है, जिससे व्यक्तिगत संबंध और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
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इन सभी हार्मोन्स को संतुलित करना आपके ओवरओल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए, इन हार्मोन्स के असंतुलन के लक्षणों को समझना और उन्हें ठीक करना आपके लिए बहुत जरूरी है।
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