
Possible Causes Of Abnormal Nipple Discharge : महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी कई ऐसी समस्याएं हैं, जिन्हें भूलकर भी इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए। इसी तरह की समस्याओं में से एक निप्पल से डिस्चार्ज होना भी है, जिसे अक्सर इग्नोर कर दिया जाता है। शर्मिंदगी के कारण हमारे देश में ज्यादातर मामलों में महिलाएं इस बारे में बात नहीं कर पाती हैं और बाद में कई बार यह स्थिति गंभीर बन जाती है। हालांकि, कम जानकारी होने के कारण कई बार महिलाएं इसकी गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा पाते हैं। इस बारे में हमने डॉक्टर परिनिता कलिता से बात की जिन्होंने निप्पल डिस्चार्ज से जुड़े कुछ जरूरी संभव कारणों के बारे में बताया। डॉक्टर परिणीता कलीता इस दौरान दिल्ली स्थित पटपड़गंज के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में वरिष्ठ सलाहकार और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।
निप्पल डिस्चार्ज के लक्षण
डॉक्टर परिणीता के बताती हैं कि निप्पल डिस्चार्ज एक प्रकार की स्तनों से जुड़ एक ऐसी समस्या है, जो आमतौर पर गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में देखी जाती है। निप्पल से डिस्चार्ज की समस्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान या इस समय के आसपास देखी जाती है, जो आमतौर पर दोनों स्तनों में एक साथ ही होती है। इस समस्या को ब्रेस्टफीडिंग बंद होने के कई साल बाद भी देखा जा सकता है। निप्पल से डिस्चार्ज होना आमतौर पर किसी अंदरूनी समस्या के कारण होता है, जो आमतौर पर कैंसर से जुड़ा नहीं होता है। हालांकि, कुछ दुर्लभ मामलों में यह कैंसर से जुड़ा भी हो सकता है। यदि निप्पल डिस्चार्ज से जुड़े निम्न लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो यह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है -
- स्तन में किसी प्रकार की गांठ होना
- किसी एक स्तन से डिस्चार्ज होना
- निप्पल से निकलने वाले द्रव में खून होना
- द्रव लगातार बहना या फिर कभी-कभी आना
निप्पल डिस्चार्ज के कारण
निप्पल से डिस्चार्ज होना पूरी तरह से असाधारण स्थिति है, जो किसी न किसी अंदरूनी गड़बड़ी का संकेत देती है। निप्पल डिस्चार्ज के कारण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं -
- स्तन के अंदर या निप्पल के पास फोड़ा होना
- बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना (बिना डॉक्टर की सलाह के)
- ब्रेस्ट में कैंसर होना
- ब्रेस्ट या निप्पल में किसी प्रकार का संक्रमण होना
- डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (DCIS)
- एंडोक्राइन ग्रंथि से जुड़े विकार
- स्तनों को बार-बार असामान्य रूप से छूना
- फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट (स्तनों में गांठदार और रस्सी नुमा ऊतक बनना)
- गेलेक्टोरिया (निप्पल से दूध जैसा सफेद द्रव निकलना)
- स्तनों में किसी प्रकार की चोट लगना
- इंट्राडक्टल पेपिलोमा (मिल्क डक्ट में मस्से जैसी चर्बी बन जाना)
- मैमरी डक्ट एक्टेसिया (मिल्क डक्ट चौड़ी हो जाना)
- किसी प्रकार की दवा लेना
- मासिक धर्म से जुड़े हार्मोन में बदलाव होना
- स्तनों में पेजेट रोग होना
- प्रोलैक्टिनोमा (पीट्यूटरी ग्लैंड में नोन-कैंसरस ट्यूमर)
- प्रेगनेंसी या ब्रेस्टफीडिंग
इलाज के लिए सटीक कारण का पता लगाना जरूरी
अन्य बीमारियों की तरह निप्पल डिस्चार्ज का इलाज करने के लिए भी उसके कारण का सटीक रूप से पता होना बहुत जरूरी है। इसलिए इसका निदान किया जाता है। निप्पल डिस्चार्ज का निदान डॉक्टर या किसी हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा किया जाना चाहिए। हालांकि, सिर्फ डिस्चार्ज देखकर यह पता नहीं लगाया जा सकता है कि यह समस्या किस कारण से हो रही है। निप्पल डिस्चार्ज के अंदरूनी कारण का पता लगाने के लिए आमतौर पर साइटोपैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड, मैमोग्राफी और बायोप्सी आदि शामिल हैं। समस्या का समय पर निदान करके स्थिति का सही तरीके से इलाज किया जा सकता है।
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