पोलीडेक्टिली वह अवस्था है जिसमें बच्चा हाथ या पैर की एक अतिरिक्त उंगली के साथ जन्म लेता है। यह स्थिति कुछ हजार में से किसी एक बच्चे में देखने को मिलती है। इस स्थिति में बच्चे के हाथ में पांच की जगह छ: उंगली होती हैं। बॉलीवुड स्टार ऋतिक रोशन इस स्थिति के एक सबसे बड़े उदाहरण हैं। उनके एक हाथ में 5 की बजाए 6 उंगलियां हैं। मदरहुड हॉस्पिटल में सीनियर आब्सट्रिशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट डॉ मनीषा रंजन बताती हैं कि हाथ या पैर की एक अतिरिक्त उंगली या तो सीधे हाथ या फिर उल्टे पैर में हो सकती है। लेकिन एक अतिरिक्त उंगली की संभावना हाथ में होने की ज्यादा रहती है और ये संभावना पुरूषों में दोगुनी होती है। यह अतिरिक्त उंगली आधी भी हो सकती है और कुछ बच्चों में पूरी तरह से विकसित भी हो सकती है। इसे सुपर न्यूमरी डिजिट के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं किन कारणों के द्वारा यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
पॉलीडेक्टिली के प्रकार (Types Of Polydactyly)
प्री एक्सियल : इसमें अतिरिक्त उंगली बड़ी उंगली से या अंगूठे से बिल्कुल अलग होती है।
पोस्ट एक्जियल : इसमें अतिरिक्त उंगली सबसे छोटी उंगली से बाहर होती है।
सेंट्रल : इसमें अतिरिक्त उंगली उंगलियों के बीच में होती है।
पोलीडेक्टिली के कारण (Causes For Polydactyly)
इसका सबसे पहला कारण जेनेटिक होता है। अगर बच्चे के परिवार में किसी को यह स्थिति होगी तो बच्चे में भी देखने को मिल सकती है। हालांकि जेनेटिक के अलावा इसके और भी कारण होते हैं जैसे
- पटाऊ सिंड्रोम
- कारपेंटर सिंड्रोम
- बार्डेट बायडल सिंड्रोम
- रिबिंस्टीन तायबी सिंड्रोम
- स्मिथ लेमली ओपिट्ज सिंड्रोम
- जियून सिंड्रोम
- एलिस वान क्रेवल्ड सिंड्रोम
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पोलीडेक्टिली के लक्षण (Symptoms Of Polydactyly)
इस स्थिति में बच्चे की 5 से ज्यादा उंगली होना ही एक लक्षण होता है। कुछ बच्चों में थोड़ी सी स्किन की एक गांठ सी भी नजर आ सकती है। यह उंगली पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती है और इसे नबीन कहा जाता है। इस उंगली के द्वारा कोई काम भी नहीं किया जा सकता है हालांकि कुछ बच्चों में उंगली पूरी तरह से विकसित हो जाती है और वह इससे काम भी कर सकते हैं। इसके अलावा बहुत कम लक्षण ही देखने को मिलते हैं।
पोलीडेक्टिली के लिए उपचार (Treatment for Polydactyly)
अगर आप बच्चे की इस उंगली को निकलवाना चाहते हैं तो इसमें सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है। अगर यह उंगली बच्चे के हाथ को पूरी तरह काम नहीं करने दे पा रही है तो इसे निकलवाना जरूरी हो जाता है। अगर इससे कोई दिक्कत नहीं हो रही है तो इसकी कोई जरूरत नहीं होती है। इसके दो तरह के उपचार होते हैं। पहला सर्जरी और दूसरा वैस्कुलर क्लिप। वैस्कुलर क्लिप का प्रयोग तब किया जाता है जब उंगली में हड्डी नहीं होती है और उसे निकलवाना होता है।
डायग्नोसिस पोलीडेक्टिली का (How To Diagnose Polydactyly)
प्री नेटल अल्ट्रा साउंड में भी कई बार यह एक्स्ट्रा उंगली दिख जाती है। लेकिन पूरी तरह से साफ नहीं दिखता है। जिस कारण स्पष्ट नहीं हो पाता है। पोस्ट नटाल चेक अप से इसकी पुष्टि की जा सकती है। एक अतिरिक्त हड्डी की पुष्टि करने के लिए एक्सरे का सहारा लिया जा सकता है। इससे यह जानने में मदद मिल सकती है कि यह एक्स्ट्रा उंगली हाथ से किस तरह जुड़ी है।
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इस स्थिति से क्या क्या समस्या देखने को मिल सकती हैं? (Risk Related To Polydactyly)
- कई बार यह अतिरिक्त उंगली अधिक टाइट हो जाती है जिस कारण इसमें दर्द होने लगता है।
- पैर में अतिरिक्त उंगली है तो बच्चे को जूता फिट होने में समस्या होती है।
- हाथों में अन्य उंगली के कारण लिखने में और अन्य काम कर पाने में दिक्कत हो सकती है।
यह स्थिति बच्चे की किसी शारीरिक स्थिति (बीमारी) से नहीं जुड़ी होती है। बहुत से बच्चे इस अन्य उंगली के साथ भी सामान्य जीवन जीते हैं और उन्हें किसी तरह की समस्या भी देखने को नहीं मिलती है। तो बहुत से बच्चे ऐसे भी होते हैं जो इसके कारण काफी परेशान हो जाते हैं। इस केस में यह उंगली सर्जरी के द्वारा निकाल दी जाने में ही भलाई होती है।