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पपीता की तासीर कैसी होती है? जानें किन लोगों के लिए पपीता खाना हो सकता है नुकसानदायक

पपीता सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इस खाने से कई स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं। लेकिन कुछ लोगों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
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पपीता की तासीर कैसी होती है? जानें किन लोगों के लिए पपीता खाना हो सकता है नुकसानदायक


अधिकतर लोगों को पपीता खाना पसंद होता है। पपीता स्वादिष्ट होने के साथ ही पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। पपीते में वे सभी विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं, जो स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी होते हैं। पपीते में पोटैशियम, फाइबर, विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है। इसके साथ ही पपीते में कुछ मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन भी पाया जाता है। 

पपीता खाने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है, आंखें भी स्वस्थ रहती हैं। इनता ही नहीं पपीता हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। पपीता खाने से वजन को कंट्रोल में रखा जा सकता है, साथ ही हाई ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है। पपीता खाने से कई लाभ मिलते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे में है जिन्हें पपीता खाने से नुकसान पहुंच सकता है। गर्भवती महिलाओं को पपीता न खाने की सलाह दी जाती है, ऐसा क्यों? साथ ही इस लेख में जानेंगे की इसके अलावा किन-किन लोगों को पपीता नहीं खाना चाहिए। आरोग्य डाइट और न्यूट्रीशन क्लीनिक की डायटीशियन डॉक्टर सुगीता मुटरेजा से जानें इसके बारे में- 

पपीता की तासीर कैसी होती है? (Papita ki Taseer Kaisi Hoti Hai)

पपीता खाने से स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। पपीते के तासीर गर्म होती है, इसलिए ठंडी चीजों के साथ इसका सेवन करने से बचना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में गर्मी बढ़ने पर पपीते का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही गर्मी के मौसम में भी पपीते का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

इन लोगों को नहीं खाना चाहिए पपीता (People Who Should Avoid Papaya)

1. गर्भवती महिलाएं

गर्भवती महिलाओं को पपीते का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। पपीते की तासीर बहुत गर्म होती है। गर्भावस्था में में गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ खाना अच्छे नहीं होते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पपीता खाना हानिकारक हो सकता है।

2. स्तनपान कराने वाली महिलाएं

जो महिलाएं शिशु को स्तनपान करवाती हैं, उन्हें भी पपीते का सेवन करने से बचना चाहिए। या फिर डॉक्टर की सलाह पर पपीता खाना चाहिए।

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3. पथरी होने पर

जिन लोगों को पथरी की समस्या है, उन्हें पपीता का सेवन करने से बचना चाहिए। पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट किडनी के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है। किडनी की पथरी होने पर पपीते से परहेज करें। अन्यथा पथरी बढ़ सकती है।

4. अस्थमा

अस्थमा के रोगियों को पपीता का सेवन नहीं करना चाहिए। पपीते में मौजूद पपेन, शक्तिशाली एलर्जीन है। यह एंजाइम घरघराहट, दमा और श्वसन विकार का कारण बन सकता है। इसलिए जिन लोगों को पहले से ही अस्थमा या श्वसन प्रणाली से जुड़ी कोई समस्या है, तो उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

5. पित्त प्रकृति के लोग

आयुर्वेद के अनुसार पपीते की तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में पित्त प्रकृति के लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। अधिक मात्रा में पपीता खाने से त्वचा में खुजली, दाने निकल सकते हैं। शरीर में अग्नि या पित्त बढ़ सकता है।

6. एक साल से कम उम्र के शिशु

छोटे बच्चों को भी पपीता सीमित मात्रा में ही खिलाना चाहिए। अगर आपका बच्चा एक साल से छोटा है, तो उसे पपीता बिल्कुल न खिलाएं। इससे उसके शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, एलर्जी भी हो सकती है। 

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7. डायरिया होने पर

दस्त या डायरिया से पीड़ित लोगों को भी पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पेट खराब हो सकता है। पेट में दर्द, मरोड़ उठ सकता है। 

इसके अलावा कब्ज, पेट दर्द, ब्लोटिंग आदि होने पर पपीते का सेवन किया जा सकता है, लेकिन सीमित मात्रा में। किसी भी व्यक्ति को पपीता का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। 

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