True Story

मिट्टी और चॉक खाने की लत छुड़ाने के लिए मैंने ट्राई किया बंसलोचन, आप भी जानें इसके फायदे

मिट्टी या चॉक खाने का मन शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण होता है। बांस से बनने वाला बंशलोचन कैल्शियम की कमी दूर कर सकता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
मिट्टी और चॉक खाने की लत छुड़ाने के लिए मैंने ट्राई किया बंसलोचन, आप भी जानें इसके फायदे


बच्चों से लेकर वयस्कों तक को मिट्टी या चॉक खाने की आदत लग जाती है, जो कि सेहत के लिए हानिकारक है। नोएडा में रहने वाली आकांक्षा को भी मुल्तानी मिट्टी और चॉक खाने की लत थी। आकांक्षा ने अपना अनुभव हमारे साथ शेयर किया है, उन्होंने बताया कि कैसे बंशलोचन खाने से उनकी चॉक और मिट्टी खाने की आदत छूटी और शरीर में कैल्शियम की कमी भी पूरी हुई।

बता दें कि ज्यादातर मिट्टी खाने का मन शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण होता है, अगर आपका मन भी मिट्टी खाने का करता है और आप चोरी छिपे मिट्टी या चॉक खाते हैं तो आज से ही इसे खाना बंद कर दीजिए। मिट्टी और चॉक खाने से आपको सेहत से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आप इस आदत को छुड़वाने के लिए बांस से बनने वाला बंशलोचन (Banslochan) खा सकते हैं, जो कि कैल्शियम से भरपूर है और आपकी मिट्टी खाने की क्रेविंग भी खत्म कर देगा। 

शरीर में कैल्शियम बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए? Which food is highest in calcium

आकांक्षा ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर की सलाह के बाद कैल्शियम की कमी दूर करने के लिए बंशलोचन का सेवन किया था, जो कि आपको किसी भी आयुर्वेदिक दवाइयों वाली दुकान पर आसानी से मिल जाएगा। सफेद रंग का क्रिस्टल जैसा दिखने वाले बंशलोचन को वंशलोचन, वंशकपूर, बांस कपूर और तबाशीर के नाम से भी जाना जाता है। बंशलोचन बांस के तने से निकलता है, इसे इंग्लिश में Bamboo Silica कहते हैं।

कमजोर हड्डियों को कैसे मजबूत करें? How to strengthen weak bones

बंशलोचन खाने से न सिर्फ आकांक्षा की मिट्टी खाने की आदत छूटी बल्कि शरीर में कैल्शियम की कमी भी दूर हुई। डॉक्टर के परामर्श पर बंशलोचन को बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी खा सकते हैं। 40 की उम्र के बाद ऑस्टियोआर्थराइटिस और जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है, जिनमें बंशलोचन के सेवन से आपको लाभ मिल सकता है।

इसे भी पढ़ें: कम उम्र में ही ह‍िलने लगे हैं दांत? डाइट में शाम‍िल करें ये 5 कैल्‍श‍ियम र‍िच फूड्स, अच्‍छी रहेगी डेंटल हेल्‍थ

vanshlochan

आकांक्षा ने बताया कि क्रिस्टल जैसे दिखने वाले बंशलोचन में कोई स्वाद नहीं होता है, इसे आप ऐसे ही खा सकते हैं। अपने अनुभव से आकांक्षा का कहना है कि शुरुआत में बंशलोचन अच्छा नहीं लगेगा लेकिन कुछ दिनों तक जब भी चॉक या मिट्टी की क्रेविंग होने पर इसे खाएंगे तो आपको ये अच्छा लगने लगेगा। समय के साथ आपको ऐसा भी महसूस होगा कि आपकी मिट्टी और चॉक की आदत तो छूट रही है लेकिन बंशलोचन की आदत लग रही है। लेकिन जब आपके शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी हो जाएगी तो आपको बंशलोचन खाने का मन भी नहीं करेगा। आप बंशलोचन को दूध में मिलाकर और इसका पाउडर बनाकर शहद के साथ भी ले सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: क्या सिर्फ दूध पीने से कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है? जानें एक्सपर्ट की राय

बंशलोचन के फायदे Benefits of Banslochan

  • मुंह के छालों की समस्या को दूर करने में भी बंशलोचन का इस्तेमाल किया जाता है।
  • शहद के साथ बंशलोचन लेने से हाथों और पैरों में होने वाली जलन से आराम मिलता है।
  • बंशलोचन और शहद साथ में लेने से सूखी खांसी की समस्या भी दूर होती है।
  • पेशाब की जलन दूर करने के लिए भी बंशलोचन का इस्तेमाल कारगर साबित हो सकता है।

ध्यान रखें कि अगर आप मिट्टी और चॉक की क्रेविंग खत्म करने के लिए इसका सेवन करना चाहते हैं तो बंशलोचन को कितना और कब-कब खाना है ये डॉक्टर के परामर्श लेकर ही शुरू करें।

Read Next

महिलाओं की इन 5 समस्याओं को दूर करती है कसूरी मेथी, जानें इस्तेमाल का तरीका

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version