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बीमार बच्चों को खिलाने-पिलाने से जुड़े ये 4 मिथक हैं काफी पॉपुलर, एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई

जब बात बीमारी के दौरान बच्चों को खिलाने-पिलाने की आती है, तो पेरेंट्स कई भ्रामक बातों में आ जाते हैं और बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर देते हैं।
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बीमार बच्चों को खिलाने-पिलाने से जुड़े ये 4 मिथक हैं काफी  पॉपुलर, एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई


पेरेंट्स होने के नाते हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चे हमेशा हेल्दी रहें। लेकिन जैसे ही मौसम बदलता है, बीमारियां दस्तक दे ही देती हैं। बचपन में बीमारी आना एक सामान्य बात है, लेकिन जब बच्चे बीमार होते हैं, तो उनकी देखभाल के दौरान पेरेंट्स को कई सारे मिथक का सामना करना पड़ता है। खासकर जब बात बीमारी के दौरान बच्चों को खिलाने-पिलाने की आती है, तो पेरेंट्स कई भ्रामक बातों में आ जाते हैं और बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर देते हैं। इस लेख में नोएडा के सेक्टर 110 स्थित प्राइवेट क्लीनिक पर प्रैक्टिस कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित सेठी (Dr Mohit Sethi, Pediatrician, Noida Sector 110) से जानेंगे बीमारी में बच्चों को क्या खिलाने-पिलाने से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में।

मिथक 1 : बच्चों को खांसी-जुकाम में केला नहीं खिलाना चाहिए? | children not be fed bananas when they have cough and cold?

सच्चाई : डॉ. मोहित का कहना है कि आज भी ज्यादातर भारतीय घरों में माना जाता है कि बच्चों को खांसी और जुकाम में केला नहीं खिलाना चाहिए। केला खिलाने से बच्चों को जुकाम की समस्या ज्यादा हो जाती है। लेकिन ऐसा नहीं है। खांसी और जुकाम की समस्या में बच्चों को केला खिलाया जा सकता है। बीमारी में बच्चों की जुबान का स्वाद खराब हो जाता है और ऐसे में उन्हें जो कुछ खाने की क्रेविंग होती है उन्हें खाने देना चाहिए। ताकि पोषक तत्व उन्हें मिल सके।

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मिथक 2 : सर्दियों में बीमार पड़ने पर दही खिला सकते हैं? | Can we feed curd if we fall sick in winter?

सच्चाई : सर्दी-खांसी और जुकाम की समस्या होने पर अक्सर पेरेंट्स बच्चों को दही खाने के लिए नहीं देते हैं। हालांकि ऐसा ऐसी नही हैं। रुम टेम्प्रेचर पर बच्चों को दही दिया जा सकता है और खिलाया जा सकता है। दही में प्रोबायोटिक होते हैं। इससे पेट में गुड बैक्टीरिया बढ़ता है जो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए पेरेंट्स बिना किसी संकोच के बीमार पड़ने पर बच्चों को दही खिला सकते हैं। पर ध्यान रहे कि दही फ्रीज में स्टोर न की गई हो।

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मिथक 3 : बुखार के दौरान बच्चों को खाने के लिए मजबूर करना चाहिए | Children should be forced to eat during fever

सच्चाई : बीमार बच्चे का भूख कम लगना सामान्य है। बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने से उनकी हालत बिगड़ सकती है। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि बीमारी में बच्चों को कभी भी जबरन खाना नहीं खिलाना चाहिए। इसकी बजाय, उन्हें हल्के और पचने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे खिचड़ी, सूप या दलिया देना चाहिए। साथ ही, बच्चों की हाइड्रेशन का ध्यान रखते हुए पर्याप्त मात्रा में पानी और ओआरएस देना चाहिए।

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मिथक 4 : कफ होने पर बच्चों को चावल नहीं देना चाहिए | Rice should not be given to children suffering from cough

सच्चाई : ऐसा कहा जाता है कि चावल की तासीर ठंडी होती है और इसमें बलगम बनाने वाले गुण होते है। सर्दी-खांसी होने पर चावल खिलाने से कफ बढ़ जाता है। डॉ. मोहित सेठी के अनुसार, कफ होने पर बच्चों को चावल खिलाया जा सकता है। लेकिन ध्यान कि बच्चों को हमेशा गर्म चावल ही खिलाएं। कफ या किसी भी अन्य बीमारी में बच्चों को ठंडे चावल खाने के लिए न दें।

बीमारी में बच्चों को क्या नहीं खिलाना चाहिए?- What should not be fed to children during illness?

डॉ. मोहित सेठी का कहना है कि बीमारी में बच्चों को सिर्फ घर पर बना हुआ पोषक तत्वों से भरपूर खाना ही देना चाहिए। इसके अलावा बीमारी में बच्चों को नीचे बताई गई चीजें खाने के लिए नहीं देनी चाहिए...

1. चिप्स और कोल्ड ड्रिंक

2. फ्रीज में रखा हुआ सामान

3. आइसक्रीम

4. तला हुआ मसालेदार खाना

5. खट्टे खाद्य पदार्थ (नींबू, आचार)

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निष्कर्ष

बच्चे के बीमारी पड़ने पर पेरेंट्स को समझना चाहिए कि हर बच्चा अलग होता है। किसी मिथक को मानने से पहले वैज्ञानिक जानकारी और डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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