Expert Shares Rules to Become Perfect Parents: 'तुम्हारा बच्चा दो साल का हो गया और घर आने वाले मेहमानों को नमस्ते भी करता है, मेरा बेटा 1 साल के बाद ही घर आए मेहमानों के पैर छूने लगा था। अरे तुम्हारा बच्चा अब तक अपने हाथों से खाना नहीं खाता है, इसे यूं खाना सिखाओ, बच्चे पालने के लिए ये रूल्स फॉलो करो और बढ़ते बच्चों को रोजमर्रा की चीजों को सीखने के लिए इन किताबों को पढ़ों...' उफ्फ नए माता-पिता को घर, परिवार, पड़ोसी और ऑफिस के क्लीग से बच्चों की परवरिश के लिए क्या-क्या सलाह नहीं मिलती है। गौर करने वाली बात तो यह है कि नए माता-पिता इन बातों को मान भी लेते हैं। लेकिन ऐसा करना गलत है। बॉलीवुड एक्टर अरशद वारसी ने कहा है कि पेरेंटिंग के लिए कोई स्पेशल रूल नहीं होता है। जो लोग ऐसा कहते हैं कि बच्चा इस तरह से पालना चाहिए, उस तरीके से बच्चे की देखभाल करनी चाहिए, तो यह सब गलत है। कोई माता-पिता बच्चों को नहीं सिखाते हैं, बल्कि बच्चे माता-पिता सिखाते हैं। इसलिए अच्छे पेरेंट्स बनने के लिए कभी भी एक रास्ता नहीं होना चाहिए।
एक्टर अरशद वापसी की बातों को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद भी मानते हैं। डॉ. तरुण आनंद ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके बताया कि पेरेंट्स बनने के लिए कोई रूल नहीं होता है और साथ ही अच्छे माता-पिता बनने के लिए आपको क्या करना चाहिए।
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अच्छे पेरेंट्स बनने के लिए क्या करें?- What to do to be a good parent?
डॉ. तरुण आनंद के अनुसार, माता-पिता बनना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह हर दिन कुछ नया सीखने का एक्सपीरियंस हैं।
1. खुद को कोसना छोड़ें
माता-पिता के तौर पर गलतियां करना ठीक है। आपके बच्चे को एक आदर्श माता-पिता की जरूरत नहीं है। उन्हें एक वर्तमान में समझदार माता-पिता की जरूरत है। इसलिए गलतियां होने पर खुद को कोसना छोड़ दें। अच्छे पेरेंट्स बनने के लिए हमेशा बच्चों के कंफर्ट के हिसाब से काम करें।
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2. जुड़ाव को दें प्राथमिकता
छोटे बच्चों को दिमाग फूल की तरह नाजुक होता है। वो बाहर जो कुछ भी देखते हैं, तेजी से सीख लेते हैं। कई बार आस-पड़ोस के चक्कर में बच्चे कुछ गलत चीजें सीख लेते हैं। ऐसे में लगातार बच्चे के व्यवहार को सुधारने के बजाय एक मजबूत रिश्ता बनाने पर ध्यान दें। बच्चे प्यार और भरोसे से जल्दी सीखते हैं। ऐसे में बच्चों को डांटने की बजाय जुड़ाव पर प्राथमिकता देने की कोशिश करें।
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3. लचीलापन से काम लें
बच्चे हमें दयालुता के साथ असफलताओं को संभालते हुए देखकर लचीलापन सीखते हैं। पेरेंट्स होने के नाते हमें इन चीजों को जानना चाहिए। बच्चों को प्यार से ही सीखने की कोशिश करें। अगर आप बच्चा एक से दो बार में नहीं सीखता है, तो इसमें घबराने और टेंशन लेने से बचें।
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4. छोटी जीत का जश्न मनाएं
बच्चों के विकास में हर छोटा कदम मायने रखता है। विकास, जुड़ाव और खुशी के छोटे-छोटे पलों का जश्न मनाएं। छोटी-छोटी बातों का जश्न मनाने से पेरेंट्स को खुशी मिलती है और बच्चे भी नई चीजों के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
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5. तुलना करना छोड़ दें
पेरेंट्स होने के नाते अपनी प्रवृत्ति पर भरोसा करें और दूसरों से अपनी तुलना करने से बचें। ध्यान दें कि हर बच्चा अलग होता है। जिस तरह से हर बच्चा 1 साल के अंदर चलना नहीं सीखा है, ठीक वैसे ही हर माता-पिता की सीख और सिखाने का तरीका अलग होता है।
निष्कर्ष
बच्चे के जन्म के बाद परवरिश करना थोड़ा मुश्किल काम होता है, लेकिन इसके लिए माता-पिता को तनाव लेना जरूरी नहीं है।