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सभी न्यू पेरेंट्स को शिशु के बारे में पता होनी चाहिए ये 10 चीजें

शिशु के दूध पीने से लेकर रात को सोने तक सभी नए माता-पिता को अपने शिशुओं के बारे में कुछ जरूरी बातें जानना महत्वपूर्ण है। 
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सभी न्यू पेरेंट्स को शिशु के बारे में पता होनी चाहिए ये 10 चीजें

माता-पिता बनना किसी भी कपल के लिए बेहद सुखद पल होता है। लेकिन बच्चा होने के साथ उनकी जिम्मेदारियां भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। खासकर अगर आप पहली बार माता-पिता बने हैं तो ऐसी कई बातें होती हैं, जिनके बारे में आपको ज्यादा जानकारी नहीं होती है। कम जानकारी होने के कारण शिशुओं के बेहतर विकास के लिए आप सही कदम नहीं उठा पाते हैं और छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान रहने लगते हैं। अगर आप भी न्यू पेरेंट्स हैं तो आइए उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कॉलेज के गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. आशिक अली से जानते हैं शिशुओं के सेहत से जुड़ी जरूरी बातें क्या हैं?

शिशु के बारे में जरूरी बातें

दूध पिलाएं

बेबी को हर 2 से 3 घंटे में दूध पिलाने की कोशिश करें, जिससे शिशु का पेट भरा रहे और वजन अच्छी तरह से उम्र के साथ बढ़ता रहे। 

डकार दिलाना

शिशु को दूध पिलाने के बाद कंधे पर लगाकर कम से कम 10 मिनट तक उसकी पीठ को हल्के हाथों से सहलाएं, जिससे बच्चे को डकार आ सके और दूध बाहर आने की संभावना कम हो सके। 

पेशाब पर दें ध्यान

शिशु दूध या सिर्फ लिक्विड डाइट पर रहते हैं, इसलिए जरूरी है कि वे एक दिन में कम से कम 6 से 7 बार पेशाब जरूर करें। पेशाब होना इस बात का संकेत होता है कि आपके बच्चे का पेट सही तरह से भर रहा है और उसका बेहतर ग्रेत हो रहा है। 

पोटी को न करें इग्नोर

शिशुओं के लिए एक दिन में कई बार पोटी करना या 2 से 3 दिनों में 1 बार पोटी करना, दोनों चीजें ही नॉर्मल हैं। इसलिए अगर शिशु सामान्य तरीके से पोटी कर रहा है तो इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है। 

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डायपर पहनाना

शिशुओं को पूरा दिन डायपर पहनाने से बचने की कोशिश करें। शिशु को डायपर फ्री टाइम देना बेहद जरूरी है, ताकि उनके डायपर के स्थान पर रेशेज होने का खतरा कम हो। 

हिचकी आना

बच्चों को हिचकी आना नॉर्मल बात है। शिशुओं को हिचकी आने पर घबराएं नहीं, बल्कि उन्हें कंधे पर लेकर हल्के हाथों से पीठ को थपथपाएं। 

खांसी आना

एक दिन में 2 से 3 बार शिशुओं को हल्की खांसी आना आम बात है। दरअसल शिशुओं की नाक में पपड़ी जमने के कारण ये समस्या होती है। ऐसे में आप उनकी नाक में नेजल ड्रॉप डाल सकते हैं, जिससे खांसी से आराम मिल जाएगा। 

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दूध पिलाने की पॉजीशन

माताओं को कभी भी अपने शिशु को लेटाकर फीडिंग नहीं करवानी चाहिए। इस पॉजीशन में दूध पिलाने से शिशु को कान का इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है। 3 महीने से बड़े बच्चे को आप लेटाकर दूध पिला सकते हैं। 

शिशुओं को सुलाना

शिशुओं को हमेशा पीठ के बल सुलाना चाहिए। उन्हें कभी भी करवट या पेट के बल सुलाने से बचना चाहिए। 

 
 
 
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रोना

शिशु अक्सर कोलिक दर्द के कारण जन्म के शुरुआती 3 से 4 महीने तक रोते हैं। ऐसी स्थिति में आप शिशु के पेट को राउंड शेप में हल्के हाथों से मसाज करें। ऐसा करने से शिसु को आराम मिलेगा। 

Image Credit: Freepik 

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