Six Months Baby Diet Chart for Good Health: जन्म के 6 महीने के बाद शिशु का पेट सिर्फ मां के दूध से नहीं भरता है। यही कारण है कि डॉक्टर और स्वास्थ्य विशेषज्ञ 6 माह के बाद बच्चे को दूध के साथ ठोस आहार देने की सलाह देते हैं। जब बच्चा दूध के साथ ठोस आहार खाता है, तो उसका मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर बनाने में मदद मिलती है। ज्यादातर पेरेंट्स शिशु को जब ठोस आहार खिलाने की बात आती है, तो उसे दाल, रोटी और रेगुलर मील देते हैं, लेकिन शिशु इसे खाना पसंद नहीं करता है। ऐसे में पेरेंट्स को चिंता सताती है कि आखिरकार बच्चे को ठोस आहार में ऐसा क्या दें, जिससे न सिर्फ उसे पोषण मिले, बल्कि वह मन लगाकर खाए भी। अगर आप भी इस चिंता में हैं, तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपकी चिंता को दूर करने वाले हैं। लखनऊ के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरूण आनंद ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर की है। इस वीडियो में डॉक्टर ने 6 महीने के बाद शिशु को क्या-क्या और कितनी मात्रा में खिलाना चाहिए, इस बात की जानकारी दी है।
6 महीने के बाद शिशु को क्या खिलाना चाहिए?- What should I feed my baby after 6 months?
डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि 6 महीने के बाद शिशु को शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर हो सके, इसके लिए उसे ठोस आहार में खिचड़ी, बाजरा, रागी से बनें खाद्य पदार्थ और उपमा दिया जा सकता है। 6 से 10 महीने के शिशु को मां के दूध के साथ दिन में 2 बार खाना और 1 स्नैक देना चाहिए। वहीं, 10 से 12 महीने के बाद शिशु को 3 बार खाना और 2 स्नैक्स देना चाहिए। 12 महीने के बाद शिशु को रेगुलर खाना और दूध देना चाहिए। इसके अलावा आप बच्चे को फिंगर फूड भी दे सकते हैं। डॉक्टर के अनुसार, 12 महीने तक के बच्चे के गम पूरी तरह से विकसित हो चुके होते हैं। 1 साल के बाद बच्चे को फिंगर फूड देने से मसूड़ों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, फिंगर फूड खाने से बच्चा सही तरीके से खाने को चबाना सिखता है। बच्चे को इस तरह खाना देने से उनका मानसिक और शारीरिक विकास सही तरीके से होता है।
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1. प्यूरी से करें शुरुआत
डॉ. तरूण का कहना है कि 6 महीने के बाद शिशु को सीधे ठोस आहार नहीं देना चाहिए। बच्चे को खाना देने की शुरुआत प्यूरी से करनी चाहिए। पेरेंट्स शुरुआत में शिशु को सेब, गाजर या शकरकंद जैसी प्यूरी दे सकते हैं। छोटे बच्चे को प्यूरी देते वक्त ध्यान दें कि किसी एक ही फल या सब्जी की प्यूरी बच्चे को लगातार न दें। अगर आपने बच्चे को सुबह सेब की प्यूरी दी है, तो शाम के समय उसे शकरकंद की प्यूरी दें। ऐसा करने से बच्चे को अलग-अलग स्वाद का अनुभव होगा और वह खाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाएगा।
2. बीन्स और दालें दें
6 महीने के बाद शिशु के शरीर में खून की कमी न हो इसके लिए आहार में बीन्स और दालों को शामिल करें। डॉक्टर के अनुसार, बीन्स में फोलिक एसिड पाया जाता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसके अलावा, हरी बीन्स में मौजूद फोलिक एसिड बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए भी बहुत अच्छा है। बीन्स और दालों के अलावा बच्चे को खाने में फोर्टिफाइड अनाज दें।
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3. पानी भी है जरूरी
कई बार पेरेंट्स बच्चे को ठोस आहार तो देते हैं, लेकिन पानी नहीं देते हैं। ऐसा करने से बच्चे को डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि ठोस आहार के साथ बच्चे को छोटी-छोटी घूंट पानी की भी देना जरूरी होता है। हर बार खाना खिलाने के बाद बच्चे को 1 से 2 चम्मच पानी जरूर पिलाएं।
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4. खुद खाने दें
बच्चा खाना गिराए और फैलाए नहीं इसलिए पेरेंट्स उसे खुद अपने हाथों से खिलाना पसंद करते हैं। लेकिन डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि बच्चा अगर अपने हाथों से ही खाना खाने दें। जब बच्चा खुद अपने हाथों से खाना खाता है, तो उसे न सिर्फ खाने में मजा आता है, बल्कि यह उसे सीखने में भी मदद करता है।
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5. एलर्जी पर ध्यान दें
ठोस आहार देते वक्त बच्चे को किसी तरह की एलर्जी न हो इसके लिए मूंगफली, अंडे और डेयरी जैसी चीजों को धीरे-धी दें। पनीर और मूंगफली कभी भी बच्चे को एक साथ न दें। इसके अलावा अपने बच्चे को टेबल पर अपने साथ बैठने दें। यह बचपन से ही स्वस्थ खाने की आदतों को प्रोत्साहित करने का एक शानदार तरीका है।
6 महीने के बाद शिशु को कौन से मसाले देने चाहिए?
डॉ. तरूण आनंद की मानें तो 6 महीने के बाद शिशु को नमक, हल्दी, इलायची और पुदीना जैसे मसाले दिए जा सकते हैं। ये मसाले बच्चे के टेस्ट को डेवलप करने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं हल्दी और पुदीना के पोषक तत्व बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने और संक्रमण से बचाव करने में भी मदद करते हैं।
उम्मीद करते हैं इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप बच्चे को ठोस आहार देने में किसी तरह की गलती नहीं करेंगे।
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