बच्चों को बीमारियों से बचाने और इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने के लिए वैक्सीन दी जाती है। बच्चे के जन्म के साथ ही 2 वैक्सीन दी जाती है। इसके बाद जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती है, उस हिसाब से वैक्सीन दी जाती है। वैक्सीनेशन के साथ ही बच्चे को बुखार, सिरदर्द, उल्टी और वैक्सीन लगने वाली जगह पर तेज दर्द हो सकता है। न्यू पेरेंट्स अक्सर बच्चे को वैक्सीनेशन के बाद होने वाली परेशानियों से डरते हैं। लगभग 1 साल पहले जब मेरे बेटे को 45 दिन पूरे होने के बाद वैक्सीन लगी थी, तब मैं काफी परेशान हो गई थी। मेरे बेटे को तेज बुखार हो गया था और जिस जगह पर इंजेक्शन लगा था, वहां पर लालिमा और सूजन हो गई थी। इतना ही नहीं वैक्सीन लगने के बाद मेरा बेटा 2 दिन तक रूक-रूक कर रोता था। दूध नहीं पीता था। अगर जबरन दूध पिला भी दिया जाए, तो वो तुरंत उल्टी कर देता था। बेटे की ऐसी हालत देखकर मैं काफी परेशान हो गई थी।
इसके बाद मैंने उत्तर पूर्वी दिल्ली के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डॉ. पीयूष मिश्रा से पूछा कि क्या वैक्सीन बिना दर्द वाली भी होती है? ताकि मेरे बेटे को किसी तरह की परेशानी न हो। तब उन्होंने मुझको बताया कि बच्चों को लगने वाली वैक्सीन दो तरह की दर्द वाली और बिना दर्द वाली, लेकिन दोनों में बहुत अंतर होता है। आज इस आर्टिकल में हम डॉ. पीयूष मिश्रा से जानेंगे दर्द वाली और बिना दर्द वाली वैक्सीन में क्या अंतर होता है और दोनों में से कौन ज्यादा बच्चे के लिए इफेक्टिव होती है।
दर्द वाली या बिना दर्द वाली कौन-सी वैक्सीन है सही?- Painless vaccines vs Non-Painless Vaccines for Kids
डॉ. पीयूष मिश्रा के अनुसार, "दर्द वाला और बिना दर्द वाली दोनों वैक्सीन बच्चों को बीमारियों से बचाने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि बिना दर्द वाली वैक्सीन ज्यादा इफेक्टिव नहीं होती है। वहीं, बिना दर्द वाली वैक्सीन लगाने पर थोड़ा सा भी दर्द नहीं होता है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कोई सी भी वैक्सीन लगाते समय दर्द हर हाल में होना है। ऐसा नहीं है कि बिना दर्द वाली वैक्सीन लगाने से दर्द नहीं होता है। बिना दर्द वाली वैक्सीन लगाने के बाद भी बच्चा रोता है, क्योंकि इसमें भी सुई छूने के समान दर्द होता ही है।"
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डॉ. मिश्रा का कहना है, ध्यान देने वाली बात यह है कि जब भी हम दर्द वाली और बिना दर्द वाली वैक्सीन की के बारे में बात कर रहे हैं, तो हम DTwP और DTaP का उल्लेख कर रहे हैं। डीटीडब्ल्यूपी या डीटीएपी एक संयोजन वैक्सीन है जो डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस से बचाता है, जिसे काली खांसी भी कहा जाता है। सभी वैक्सीनेशन में से, DTwP को सबसे दर्दनाक माना जाता है क्योंकि यह इंजेक्शन लगने बाद वैक्सीन वाली जगह पर गंभीर दर्द, बुखार, उल्टी, सूजन या लालिमा या सूजन हो जाती है। लेकिन याद रखें बिना दर्द वाली वैक्सीन का मतलब यह नहीं है कि बच्चे को शॉट या इंजेक्शन के दौरान कोई दर्द नहीं होगा। बात सिर्फ इतनी है कि पोस्ट इफेक्ट दर्दनाक की तुलना में दर्द हल्के होते हैं। इसलिए, तकनीकी रूप से पेनलेस या कम दर्द वाला कहा जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि बिना दर्द वाली वैक्सीन देने के बाद बुखार, उल्टी और अन्य परेशानी कम होती है।
क्या होती है बिना दर्द वाली वैक्सीन की कीमत- Price of Painless Vaccines in Hindi
बिना दर्द वाली वैक्सीन दर्द वाली वैक्सीन की तुलना में थोड़ी महंगी होती है। डॉ. मिश्रा का कहना है कि देश के सभी सरकारी वैक्सीन सेंटर और अस्पतालों में दर्द वाली वैक्सीन दी जाती है। वहीं, बिना दर्द वाली वैक्सीन सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों में ही उपलब्ध है। एक बिना दर्द वाली वैक्सीन की कीमत 10 से 12 हजार रुपये तक हो सकती है। बिना दर्द वाली वैक्सीन की कीमत अस्पताल द्वारा निर्धारित की जाती है।
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क्या बिना दर्द वाली वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं?- Are Painless vaccines safe and effective?
डॉक्टर ने ओनलीमायहेल्थ के साथ बातचीत में कहा, अब तक हुए अध्ययनों से साबित हुआ है कि दर्द वाले और बिना दर्द वाली वैक्सीन दोनों ही समान रूप से प्रभावी हैं। हालांकि, इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी वैक्सीन 100% प्रभावी नहीं होती है। यह सिर्फ बच्चों को उस संक्रमण से बचाता है, लेकिन जब कोई संक्रमण हवा में होता है, तो वैक्सीन 1 प्रतिशत काम नहीं कर सकती है।
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