Doctor Verified

Parenting Tips: क्या बच्चों को हर समय एक्टिविटीज में बिजी रखना सही है? जानें डॉक्टर की सलाह

Parenting Tips: बच्चों की परवरिश में पैरेंट्स को कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है और इसमें सबसे खास है कि बच्चों को सारा दिन बिजी रखने के लिए एक्टिविटीज में शामिल कर देते हैं। क्या बच्चों को सारा दिन एक्टिविटीज में बिजी रखना उनकी मेंटल हेल्थ के लिए सही है? इस लेख में डॉक्टर ने विस्तार से बताया है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
Parenting Tips: क्या बच्चों को हर समय एक्टिविटीज में बिजी रखना सही है? जानें डॉक्टर की सलाह

Mental Health For Kids: आजकल पैरेंट्स बच्चों की एजुकेशन और गतिविधियों को लेकर बहुत ही अलर्ट हो गए हैं। वे चाहते हैं कि बच्चा कुछ न कुछ सीखता रहे, कभी बच्चों को ट्यूशन भेजना, कभी डांस क्लास, कभी सपोर्ट्स में तो कभी आर्ट और अगर बच्चा कुछ समय के लिए फ्री है, तो टीवी या मोबाइल देखने लगता है। पैरेंट्स को लगता है कि बच्चे को खाली नहीं बिठाना चाहिए क्योंकि इससे उनका समय बर्बाद होता है। लेकिन क्या सच में सारा दिन बच्चे को बिजी रखना उनके मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा है? इस बारे में आकाश हेल्थकेयर के बालरोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मीना जे से बात की।


इस पेज पर:-


बच्चों को खाली समय क्यों देना चाहिए?

डॉ. मीना जे कहती हैं, “हर समय गतिविधियों में व्यस्त रखना कभी-कभी बच्चे की ग्रोथ को आगे बढ़ाने के बजाय उल्टा धीमा भी कर सकता है। इसलिए बच्चों को कुछ समय बिल्कुल खाली बैठने देना चाहिए। इसके कई फायदे हैं, जिसके बारे में सभी पैरेंट्स को सोचना चाहिए।”

free time to kids in hindi doctor quote

यह भी पढ़ें- FAFO पेरेंट‍िंग: बच्‍चों को टोके बगैर सीखाने का नया स्‍टाइल क्‍यों हो रहा है पॉपुलर? जानें इसके बारे में

बच्चों के दिमाग को प्रोसेस करने का समय मिलना

जब बच्चा बिना किसी प्रेशर के खेलता है, अपनी मनपसंद ड्रॉइंग बनाता है, इधर-उधर देखता है या बस आराम करता है, तो असल में उसका दिमाग काम कर रहा होता है। वह दिन भर में सीखी हुई चीजों को जोड़ता है, समझता है और अंदर से मजबूत बनाता है। बच्चों के दिमाग को जानकारी को समझने के लिए खाली समय देना बहुत जरूरी है। लगातार एक्टिविटीज उनके दिमाग ओवरलोड हो जाता है। अगर बच्चा खाली बैठा है, तो वह कुछ न कुछ सीख ही रहा होता है।

क्रिएटिविटी बढ़ना

जब बच्चा खुद से खेल बनाता है, रोल-प्ले करता है, कहानियां बनाता है या नई चीजें खोजता है, तभी उसकी असली कल्पनाशक्ति और समस्या सुलझाने की क्षमता विकसित होती है। आजकल पैरेंट्स बच्चे को हर समय सिखाने की दौड़ में लगाए रखते हैं, लेकिन जब बच्चा बिना किसी प्लान के खुद खेलता है, तो ज्यादा क्रिएटिव होता है।

बच्चे को बिजी रखने के नुकसान

डॉ. मीना कहती हैं कि बचपन कोई प्रतियोगिता नहीं है। सीखना तभी सार्थक होता है जब बच्चा इमोशनल रूप से सेफ और खुश होगा। हर समय बिजी रहने से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बहुत असर पड़ता है।

  1. जब बच्चा दिनभर एक्टिविजी करने के बाद थक जाता है, तो वे चिड़चिड़े हो जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर रोने लगते हैं।
  2. जब दिमाग लगातार एक्टिव रहता है, तो बच्चा देर से सोता है या फिर गहरी नींद नहीं आता, तो इससे उसके मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है।
  3. जब हर एक्टिविटीज पैरेंट्स ही तय करते हैं, तो बच्चे को यह जानने का मौका ही नहीं मिलता कि उसे क्या पसंद है और क्या नहीं।
  4. मोहल्ले में खेलना, दोस्तों से बातचीत करना और रिश्तों को समझना, ये सब बच्चों की ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है।
  5. हर समय अच्छा करना, परफॉर्म करना, जीतना, ये प्रेशर छोटे बच्चों को बहुत जल्दी थका देता है और इसेस उन्हें एंग्जाइटी बढ़ जाती है।

यह भी पढ़ें- देरी से बोल रहा है बच्चा, तो ये हो सकती है स्लीच डिले की प्रॉब्लम, जानिए इसके कारण

बच्चों के लिए पैरेंट्स को क्या करना चाहिए?

डॉ. मीना कहती हैं, “जब बच्चे को सोचने की जगह मिलती है, खेलने की आजादी मिलती है, तो बच्चे को खुद को व्यक्त करने का मौका मिलता है। इससे उसका विकास संतुलित और स्वाभाविक होता है।“

  1. सबसे ज्यादा जरूरी है कि बच्चे को बोर होने दें। बोरियत होने पर भी बच्चा नई चीजें सोचता है।
  2. किसी एक्टिविटी में बच्चे को डालने से पहले उससे जरूर पूछें।
  3. स्क्रीन टाइम कम करने के लिए बच्चे को पार्क लेकर जाए। बच्चे को मिट्टी से खेलने दें, इससे दिमाग और शरीर दोनों मजबूत होती है।
  4. बच्चे से रोजाना बात करें, उसे कहानियां सुनाएं, घर के छोटे-छोटे काम कराएं और घर के माहौल को सीखने वाला बनाएं।
  5. बच्चे को दिन में 50–60% समय फ्री प्ले में दें। अगर बच्चा अक्सर चिड़चिड़ा रहे, काम में मन न लग रहा हो और थकान महसूस कर रहा हो, तो उसके शेड्यूल को दोबारा देखें।

निष्कर्ष

बच्चों को दिन में खाली समय जरूर दें, ताकि वह दिन में किए कामों को प्रोसेस कर सके। पैरेंट्स को समझना चाहिए कि बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए उनका मनपसंद काम करना जरूरी है। उन्हें कुछ समय दें ताकि वह अपने शौक सोच सकें। साथ ही इस बात का ध्यान जरूर रखें कि खाली समय में बच्चा मोबाइल या टीवी में बिजी न हो।

यह विडियो भी देखें

Read Next

छोटे बच्चों को दूध में मुनक्का देना कितना सुरक्षित है? डॉक्टर से जानें

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Dec 10, 2025 18:21 IST

    Published By : Aneesh Rawat

TAGS