सुशांत सिंह राजपूत की मौत (Sushant Singh Rajput Death) के बाद आज हर कोई मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा कर रहा है। खबरों की मानें, तो उन्हें दो मानसिक बामारियां थीं। पहला पैरानोया और दूसरा गंभीर बाइपोलर डिसआर्डर के लक्षण थे। पर क्या आप जानते हैं इन सब की शुरुआत कहां से होती है। इन सबकी शुरुआत मूड स्विंग्स से होती है, जिसे लोग अक्सर महिलाओं से ही जोड़ कर देखते हैं। वहीं बहुत से लोगों को लगता है कि मूड स्विंग्स बेहद ही आम है और अपने आप होता है और ठीक भी हो जाता है। पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े एक्सपर्ट कभी इसे ऐसा बिलकुल भी नहीं मानते। ये एक तरह का मूड डिसऑर्डर (Mood Disorder) है, जो एक गंभीर बीमारी है। वास्तव में मूड स्विंगस (Mood Swings) आने वाले गंभीर मानसिक बीमारियों के लक्षण के रूप में है।
क्या है मूड डिसऑर्डर और इसके लक्षण
मूड डिसऑर्डर (Mood Disorder) शब्द मैनीएक डिसऑर्डर (maniac disorder) से निकला है, जिसे एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) औक डाइस्टीमिक डिसऑर्डर (dysthymic disorder) से भी जोड़ कर देखा जाता है। इससे कई तरह की मानसिक बीमारियां भी आती हैं, जिसमें व्यक्ति के मूड में बहुत बदलाव आता है। इसके लक्षणों (Mood disorders Symptoms) की बात करें, तो
- -वाइल्ड मूड स्विंग्स (Wild mood swings)
- -सुसाइड के बारे में सोचना (Feeling suicidal)
- -अक्सर आत्महत्या (suicide) के बारे में सोचता है और इसके लिए विभिन्न तरीकों का भी शोध करना है
- -सामाजिक गतिविधियों (social activities) में रुचि की कमी
- -अनावश्यक निराश रहना (Feeling unduly pessimistic)
- -ऑब्सेसिव (being obsessive)
- - इम्पल्सिव होना (Being impulsive)
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मूड स्विंग की समस्या क्यों गंभीर है?
मूड स्विंग्स के कारण लोगों के मन, व्यवहार और जीवनशैली में अचानक से बदलाव आते हैं। जब ये परिवर्तन जल्दी-जल्दी हो और बिना कारण परेशान करने लगे, तब आपको समझ लेना चाहिए कि आप किसी मानसिक बीमारी की तरह बढ़ रहे हैं। ये सिर्फ अवसाद यानी कि डिप्पेशन का ही संकेत नहीं है बल्कि से बाइपोलर डिसआर्डर के लक्षण भी है। ऐसे में जरूरी है कि आप मूड स्विंग्स के गंभीर लक्षणों को जानें और डॉक्टर से संपर्क करके या खुद भी इसे काबू करने की कोशिश करें।
मूड स्विंग के लक्षण
- -मूड स्विंग्स में लोगों को बेचैनी होती है
- -चिड़चिड़ापन महसूस होता है
- -व्यवहार में बदला
- -खुद को दूसरों से दूर कर लेना
- -थका हुआ और दुखी महसूस करना
- -भूख न लगना
- -नींद न आना
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मूड स्विंग्स को कम करने के उपाय
- -हर दिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज या योग करें।
- -कैफिन और शुगर को ज्यादा लेने से बचें।
- -नींद पूरी लें और स्ट्रेस मैनेज करना सीखें।
- -लोगों से बात करें और खुद को अकेला न रहने दें।
इसके अलावा, आपके काउन्सेलर्स (counselors) व्यक्तित्व निर्माण अभ्यास (personality building exercises) के साथ-साथ एक हेल्थी फिटनेस वर्कआउट (healthy fitness workout) का भी सुझाव दे सकते हैं, जिसे करने से आपके दिमाग को अच्छा लगता है और फील गुड डोपामाइन हॉर्मोन (feel good dopamine hormone) रिलीज होते हैं। हालांकि, अधिकांश चिकित्सक किस बात पर सहमत हैं, कि एक नियमित सामाजिक जीवन में, हेल्दी लाइफस्टाइल, फिटनेस वर्कआउट्स के साथ, व्यक्ति को सकारात्मक दृष्टिकोण कई सारी मानसिक बीमारियों से आपको बचाए रखने और ठीक करने में भी आपकी मदद कर सकता है।
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