
Monsoon Dandruff vs Seborrheic Dermatitis: मानसून का मौसम जहां एक तरफ बहार लाता है, वहीं दूसरी ओर यह मौसम त्वचा और स्कैल्प के लिए कई समस्याएं भी पैदा करता है। लगातार नमी और पसीने की वजह से सिर की त्वचा पर तेल और मृत कोशिकाएं ज्यादा जमा होने लगती हैं। इसका परिणाम अक्सर डैंड्रफ के रूप में नजर आता है, लेकिन कई बार यह साधारण डैंड्रफ नहीं बल्कि सेबोरिक डर्मेटाइटिस हो सकता है जो एक क्रॉनिक स्कैल्प कंडीशन है। दोनों ही स्थितियों में खुजली, पपड़ी और जलन जैसे लक्षण हो सकते हैं, जिससे सही पहचान करना मुश्किल हो जाता है। डॉक्टरों का मानना है कि मानसून में इन दोनों के बीच फर्क समझना जरूरी है, ताकि समस्या गंभीर रूप न ले। इस लेख में हम जानेंगे मानसून डैंड्रफ और सेबोरिक डर्मेटाइटिस के बीच का फर्क। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ गोमती नगर स्थित डॉ. देवेश मिश्रा क्लीनिक के वरिष्ठ डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ देवेश मिश्रा से बात की।
डैंड्रफ क्या है?- What Is Dandruff
डैंड्रफ सामान्य रूप से स्कैल्प की सूखी या ऑयली त्वचा पर मृत कोशिकाओं के जमाव के कारण होती है। यह आमतौर पर हल्की खुजली और सफेद या पीले फ्लेक्स के रूप में दिखाई देती है। मानसून में नमी और गंदगी के कारण यह और ज्यादा बढ़ सकती है।
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सेबोरिक डर्मेटाइटिस क्या है?- What Is Seborrheic Dermatitis
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ देवेश मिश्रा ने बताया कि यह यह एक क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी कंडीशन है, जिसमें स्कैल्प, भौहों, कानों के पीछे और कभी-कभी चेहरे पर रेडनेस, खुजली और ऑयली पपड़ी बनती है। यह साधारण डैंड्रफ से ज्यादा गंभीर होती है और कई बार दवा की जरूरत पड़ती है।
डैंड्रफ और सेबोरिक डर्मेटाइटिस में अंतर क्या है?- Difference Between Dandruff And Seborrheic Dermatitis

- डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ देवेश मिश्रा ने बताया कि डैंड्रफ होने पर सफेद या पीले हल्के फ्लेक्स नजर आते हैं, जबकि सेबोरिक डर्मेटाइटिस में मोटी और ऑयली पपड़ी दिखती है।
- डैंड्रफ में हल्की खुजली होती है, सेबोरिक डर्मेटाइटिस में रेडनेस, सूजन और लगातार जलन महसूस होती है।
- डैंड्रफ ज्यादातर सिर तक सीमित रहता है, सेबोरिक डर्मेटाइटिस चेहरे, छाती या कानों के पीछे भी हो सकता है।
मानसून में स्कैल्प की समस्याएं बढ़ने के कारण- Why Scalp Problems Worsens In Monsoon
बारिश के मौसम में हवा में नमी ज्यादा होती है। इससे स्कैल्प पर फंगस का विकास तेज हो जाता है। साथ ही पसीना और गंदगी भी मिलकर स्कैल्प की स्थिति खराब कर देते हैं, जिससे दोनों समस्याएं बढ़ जाती हैं।
मानसून में स्कैल्प की समस्याओं से कैसे बचें?- Precautions To Prevent Scalp Infection In Monsoon
- बालों को नियमित रूप से माइल्ड शैंपू से वॉश करें।
- स्कैल्प को साफ और ड्राई रखें।
- ज्यादा तेल या हार्श केमिकल्स वाले प्रोडक्ट्स न लगाएं।
- नीम, टी-ट्री ऑयल जैसे एंटी-फंगल नेचुरल उपायों की मदद लें।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
अगर फ्लेक्स मोटे हो जाएं, खुजली असहनीय हो या स्कैल्प के अलावा चेहरे या छाती पर भी रेडनेस और पपड़ी हो, तो यह साधारण डैंड्रफ नहीं बल्कि सेबोरिक डर्मेटाइटिस हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेकर सही दवा और ट्रीटमेंट करवाना जरूरी है।
निष्कर्ष:
मानसून के मौसम में डैंड्रफ और सेबोरिक डर्मेटाइटिस की समस्या आम हो जाती है, लेकिन दोनों के बीच का फर्क समझकर ही सही इलाज किया जा सकता है। स्कैल्प को साफ-सुथरा रखना, सही शैंपू का इस्तेमाल करना और समय पर डॉक्टर से सलाह लेना आपको गंभीर स्कैल्प समस्याओं से बचा सकता है।
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FAQ
मानसून में डैंड्रफ क्यों बढ़ जाता है?
बारिश में हवा की नमी और पसीना स्कैल्प पर तेल और मृत कोशिकाएं जमा करता है। इससे फंगस की ग्रोथ है और डैंड्रफ ज्यादा दिखाई देता है। साफ-सफाई से यह घट सकता है।ज्यादा डैंड्रफ होने का क्या कारण है?
स्कैल्प का ज्यादा ऑयली होना, हार्मोनल बदलाव, कमजोर इम्यूनिटी, बहुत ज्यादा हेयर प्रोडक्ट्स या शैंपू का गलत चुनाव डैंड्रफ बढ़ाता है। इन कारणों से फंगस पनपता है और खुजली व पपड़ी बढ़ती है।मानसून में बालों का झड़ना कैसे रोकें?
बालों को हल्के शैंपू से धोकर ड्राई रखें, गीले बाल न बांधें, पौष्टिक आहार लें, तेल-मसाज सीमित करें और हेयर स्टाइलिंग कम करें। इससे स्कैल्प स्वस्थ रहता है और बालों का झड़ना कम होता है।
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