सेहतमंद रहने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो करना बहुत जरूरी है। जंक और प्रॉसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन और गतिहीन जीवनशैली कई गंभीर रोगों के जोखिम को बढ़ाता है। हम दिनभर में क्या करते हैं- क्या नहीं, यह भी हमें स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार (BAMS Ayurveda) की मानें, तो हम दिनभर में ऐसी कई गलतियां करते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। ये गलतियां न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए जीवनशैली की इन खराब आदतों में बदलाव करना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम आपको जीवनशैली से जुड़ी ऐसी 5 गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको बदलने की जरूरत है।
सेहतमंद रहने के लिए किन गलतियों से बचना चाहिए (Mistakes To Avoid To Stay Healthy In Hindi)
1. भूख न होने पर खाना
जब आपको भूख लगती है, तो यह बताता है कि आपके द्वारा खाया गया पिछला भोजन पच चुका है। लेकिन कई बार लोग बिना भूख के भी खाते रहते हैं। इसे इमोशनल ईटिंग कहते हैं। अगर आप भूख न होने पर भी भोजन करते हैं, तो यह आपके लिवर पर अधिक दबाव डालता है। अगर भूख लगने पर भोजन नहीं करते हैं या फिर भूख न होने पर भी भोजन करते हैं, तो इससे आपकी आंतों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही आपका मेटाबॉलिज्म भी कमजोर होता है।
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2. अपनी क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज करना
जब आप अपनी क्षमता से अधिक एक्सरसाइज करते हैं, तो आप बहुत अधिक थक जाते हैं। कुछ मामलों में इससे ब्लीडिंग डिसऑर्डर, डायसोनिया, खांसी, बुखार, अत्यधिक प्यास लगना और यहां तक कि उल्टी की समस्या भी हो सकती है। साथ ही अगर आप पौष्टिक आहार नहीं लेते हैं और बहुत अधिक व्यायाम करते हैं, तो इससे शरीर में वात दोष बढ़ता है, जिससे टिश्यूज को नुकसान पहुंचता है और आपकी बॉडी हीट कम होती है।
3. देर रात भोजन करना
हमेशा यह सलाह दी जाती है कि आपको दिन का अंतिम भोजन शाम 7 बजे तक कर लेना चाहिए और 8 बजे के बाद नहीं कुछ भी भारी नहीं खाना चाहिए। इसका कारण यह है कि रात के समय हमारी पाचन अग्नि कमजोर होती है, जिससे भोजन ठीक से पच नहीं पाता है। देर रात भोजन करने से आपका मेटाबॉलिज्म और नींद प्रभावित होती है। लंबे समय में यह आदत डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।
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4. रात को देर से सोना
सोने का सबसे अच्छा समय रात के 10 बजे तक है। आयुर्वेद के अनुसार रात 10 बजे से 2 बजे तक पित्त प्रधान समय होता है। इस दौरान आपका मेटाबॉलिज्म अपने चरम पर होता है। यदि आप शाम 7-7:30 बजे खाना बंद कर देते हैं और जल्दी सो जाते हैं, तो इससे दिन भर में आपके द्वारा खाई गई सभी चीजों को पचाना आसान हो जाता है। साथ ही इससे लिवर को डिटॉक्स करता है होने का भी समय मिल जाता है। अगर आप रात को देर से सोते हैं, तो आपको सोने में दिक्कत होती गै और नींद की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, जिससे मानसिक समस्याएं, विटामिन की कमी और पेट संबंधी समस्याएं होती हैं।
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5. मल्टी-टास्किंग करना
मल्टी-टास्किंग से शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर बढ़ता है, जो आपको आपके लिए ऑटो-इम्यून और जीवनशैली से जुड़े अन्य रोगों का खतरा बढ़ाता है के जोखिम में डालता है। एक समय में एक काम को ध्यान से करने से आपकी कार्यक्षमता में सुधार होता है, तनाव कम होता है और दिन के अंत में आप अधिक संतुष्ट और शांतिपूर्ण महसूस करते हैं।
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