युवा महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले क्याें बढ़ रहे हैं? देश ही नहीं दुनियाभर में युवाओं में हृदय राेग बढ़ते जा रहे हैं। पहले यह अधिकतर बुजुर्गाें में देखने काे मिलता था, लेकिन आजकल युवाओं में भी हृदय राेग सामान्य हाे गया है। नानावती मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ट सलाहकार और कार्डियाेलॉजिस्ट डॉक्टर सलिल शिडाेडकर (Dr Salil Shirodkar, Senior Consultant, Cardiology, Nanavati Max Super Speciality Hospital) बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में वृद्ध महिलाओं में हृदय की समस्याएं अधिक देखने काे मिलती हैं। लेकिन आजकल युवा महिलाओं में भी हार्ट अटैक और अन्य हृदय राेग देखने काे मिल रहे हैं। कम उम्र की महिलाओं में हृदय राेग कई कारणाें से हाे सकता है। डॉक्टर सलिल शिडाेडकर विस्तार से बता रहे हैं, इन्हीं कारणाें के बारे में-
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1) मोटापा (Obesity)
युवा महिलाओं में हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण माेटापा है। माेटापे से ग्रसित लाेगाें में हृदय राेगाें का जाेखिम अधिक देखने काे मिलता है। दरअसल, युवा महिलाओं में माेटापा शरीर के विभिन्न हिस्साें में पाेषक तत्वाें और ऑक्सीजन की जरूरत काे बढ़ाता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हाेती है। हाई ब्लड प्रेशर युवा महिलाओं में दिल के दौरे या हार्ट अटैक के प्रमुख कारणाें में से एक है। माेटापा कई बीमारियाें का कारण भी बनता है।
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2) मधुमेह (Diabetes)
मधुमेह यानी डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिसीज है। लेकिन यह किडनी और हृदय राेगाें का एक अहम कारण हाे सकता है। डॉक्टर सलिल शिडाेडकर बताते हैं कि पिछले कुछ सालाें में मधुमेह से पीड़ित युवा महिलाओं की संख्या में काफी इजाफा देखने काे मिला है। मधुमेह के कारण होने वाली चयापचय संबंधी विसंगतियां युवा महिलाओं में धमनी पट्टिका निर्माण और स्ट्रोक या दिल के दौरे के जाेखिम काे बढ़ाता है।
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3) तनाव (Stress)
स्ट्रेस यानी तनाव कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। यह हृदय राेग और हार्ट अटैक का भी एक प्रमुख कारण है। डॉक्टर सलिल शिडाेडकर कहते हैं कि युवा महिलाएं स्वतंत्र और अपने करियर काे लेकर फाेक्सड रहती हैं। इस बीच वे तनाव का भी सामना करती हैं। स्ट्रेस, तनाव या टेंशन काेराेनरी धमनियाें में एथेरोस्क्लेरोसिस या प्लाक गठन (Atherosclerosis or Plaque Formation) को उत्तेजित करता है, जिससे रक्त का प्रवाह प्रतिबंधित हाे जाता है। जिससे युवा महिलाओं में दिल का दौरा, स्ट्राेक जैसी बीमारियाें की संभावना बढ़ती हैं। हार्ट अटैक हाेने पर कई लक्षण भी नजर आते हैं।
4) गर्भनिराेधक गाेलियाें का सेवन (Contraceptive Pills)
युवा महिलाओं में हार्ट अटैक आने का एक अहम कारण गर्भनिराेधक गाेलियाें का अधिक सेवन करना भी हाे सकता है। गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन से हार्मोनल प्रभाव पड़ता है। हार्मोन के स्तर में परिवर्तन रक्तचाप को बदल सकता है और युवा महिलाओं के दिल पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। गर्भनिराेधक गाेलियां युवा महिलाओं में थक्का निर्माण का कारण भी बन सकता है, जिससे हार्ट अटैक का जाेखिम बढ़ता है
5) खराब जीवनशैली (Sedentary lifestyle)
आजकल के युवा एक खराब जीवनशैली के साथ जी रहे हैं। यानी व्यायाम न करना, स्क्रीन पर निर्भरता (फाेन, लैपटॉप या कंप्यूटर), अच्छी डाइट न लेना। इस तरह की दिनचर्या या जीवनशैली से हृदय की मांसपेशियों कमजाेर हाेने लगती हैं। जिसके कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। खराब जीवनशैली हृदय के अलावा कई अन्य बीमारियाें काे भी आमंत्रित करता है।
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6) अनहेल्दी डाइट और अपर्याप्त नींद (Unhealthy Diet and Inadequate Sleep)
हृदय काे स्वस्थ रखने के लिए अच्छी डाइट और पूरी नींद लेना बहुत जरूरी हाेता है। लेकिन आजकल के युवा अपनी डाइट पर खास ध्यान नहीं देते हैं, साथ ही पर्याप्त नींद भी नहीं लेते हैं। प्रसंस्कृत चीनी, ट्रांस-वसा, सोडा और कोलेस्ट्रॉल का सेवन धमनियों या एथेरोस्क्लेरोसिस में पट्टिका निर्माण के लिए जिम्मेदार साबित होता है। अनहेल्दी डाइट नींद काे भी प्रभावित करता है। यह आगे चलकर युवा महिलाओं में उच्च रक्तचाप और हृदय की समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए अच्छी डाइट लें और 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
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7) धूम्रपान और शराब पीना (Smoking and Alcohol)
युवाओं में धूम्रपान और शराब का सेवन अनियमित दिल की धड़कन और हृदय गति में बदलाव करता है। लंबे समय तक इन चीजाें के सेवन से युवा महिलाओं और पुरुषों में अचानक कार्डियक अरेस्ट या दिल का दौरा पड़ने का जाेखिम अधिक हाेता है।
अगर आप हृदय राेगाें से बचना चाहती हैं, ताे इसके लिए इस सभी कारणाें काे ध्यान में रखें और इनसे बचें। हृदय काे स्वस्थ रखने के लिए अच्छी डाइट लें, पूरी नींद लें। धूम्रपान और शराब से दूर रहें, साथ ही व्यायाम काे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। हृदय राेगाें से बचने के लिए वजन नियंत्रण में रखना भी बहुत जरूरी हाेता है।
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