
शरीर में आंख एक महत्वपूर्ण अंग है जिसकी मदद से आप दुनिया देखते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आंखों का काम सिर्फ किसी चीज को देखना ही नहीं है? आंख आपकी सेहत का आईना भी हो सकती है। शरीर से जुड़ी तमाम स्थितियों का संकेत आंखों से मिलता है। अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है तो उसका पता आंखों से चल सकता है। आंख के पीछे मौजूद रक्त वाहिकाएं सीधे दिल यानी हार्ट से जुड़ी होती हैं। इन रक्त वाहिकाओं की व्यवस्था को रेटिना वैस्कुलेटर कहा जाता है, ये सीधे तौर पर दिल से जुड़ी होती है जिसकी वजह से जब दिल से जुड़ी कोई समस्या होती है तो उसका असर इन पर भी दिखता है। जब आप किसी भी चिकित्सक के पास जाकर अपनी आंखों की जांच कराते हैं तो चिकित्सक आंख की जांच बाहर और भीतर दोनों तरफ से करता है। आपकी आंख के लेंस, रेटिना और ऑप्टिक तंत्रिका जैसी चीजों की जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ करते हैं जो जांच के आधार पर आपकी आंखों के स्वास्थ्य के बारे में बताते हैं। कई शोध और अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों की स्थिति में आंखों पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए आपकी आंखें गंभीर हार्ट डिजीज की स्थिति में कुछ संकेत देती हैं। आइये विस्तार से जानते हैं आंख और दिल की सेहत के बीच कनेक्शन (Eye And Heart Connection) के बारे में।
दिल से जुड़ी बीमारियों में आंखों का कनेक्शन (Eye Problems Associated With Heart Disease)
(image source - freepik.com)
अगर आप आंख को सेहत का आईना कहें तो ये कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों में आपको सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याएं होती हैं। लेकिन यूसी सैन डिएगो हेल्थ के एक शोध में इस बात की पुष्टि की गयी है कि दिल से जुड़ी बीमारियों की शुरूआती स्थिति में आपकी आंखों में कुछ लक्षण देखे जाते हैं। एशिया भर में आंखों के इलाज के लिए मशहूर सीतापुर आंख अस्पताल के डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि आंख की पुतलियों के पीछे मौजूद रक्त वाहिकाओं की व्यवस्था जिसे रेटिना वैस्कुलेटर कहा जाता है सीधे तौर पर दिल से जुड़ी होती हैं। दिल की बीमारी की स्थिति में इन रक्त वाहिकाओं पर प्रभाव पड़ता है जिसका असर आपकी आंखों पर भी देखने को मिलता है। डॉ धर्मेंद्र के मुताबिक दिल से जुड़ी बीमारियों की शुरूआती स्टेज में आपकी आंखों में कुछ लक्षण देखे जाते हैं। इसलिए आंखों से जुड़ी समस्याओं में दिल की स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। आइये जानते हैं दिल से जुड़ी बीमारियों में आंखों में देखे जाने वाले लक्षणों के बारे में।
इसे भी पढ़ें : दिल के रोगों को बढ़ावा देने वाले 5 अजीब कारण, जिनका दिल से नहीं कोई सीधा कनेक्शन
1. हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या खानपान और जीवनशैली की वजह से लोगों में सबसे ज्यादा देखी जाती है। आज के समय में लाखों लोग दिल से जुड़ी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में मरीज के शरीर में खून का प्रवाह अधिक तेजी से होता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण आंख में रक्त आपूर्ति भी प्रभावित होती है। इसकी वजह से आपको आंखों से जुड़ी समस्या रेटिनोपैथी का भी सामना करना पड़ सकता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण आपकी आंखों में रक्तस्राव, धुंधली दृष्टि, सूजन, रक्त के थक्के, तंत्रिका को नुकसान और रेटिना में स्ट्रोक जैसी समस्या हो सकती है। आंख से जुड़ी इन समस्याओं में हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आपको भी अगर ये समस्याएं हैं तो नेत्र चिकित्सक आंखों की रक्त वाहिकाओं की जांच करके ब्लड प्रेशर की स्थिति का पता लगाते हैं। कभी-कभी मरीजों को आंख से जुड़ी ये समस्याएं होती हैं लेकिन उस समय उन्हें ब्लड प्रेशर की स्थिति के बारे में पता नहीं होता है। ऐसे में आप रक्त वाहिकाओं की जांच करवाकर इसका पता लगा सकते हैं।
(image source - freepik.com)
इसे भी पढ़ें : आंखें खोलती हैं सेहत से जुड़े ये दस राज़
2. हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर दिल से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। असंतुलित खानपान और आधुनिक जीवनशैली के कारण तमाम लोगो में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखने को मिलती है। हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से आपको हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर आपकी आंखों के आसपास भी कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है। जिसकी वजह से आपकी आंखों के आसपास पीले रंग की गांठ बन जाती है। ज्यादातर लोगों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक होने पर आपकी आंखों की ऊपरी और निचली पलकों पर और आंख के कोनों पर ये गांठें बन जाती हैं। अगर आपकी आंखों के आसपास ऐसी गांठ दिखाई दे तो आपको चिकित्सक से जरूर संपर्क करना चाहिए।
3. क्षणिक दृष्टि हानि (Transient Vision Loss)
आंख की रक्त वाहिकाओं के अचानक संकुचित होने के कारण लोगों में अस्थाई रूप से दृष्टि यानी नजर का चले जाना हो सकता है। इस समस्या को हृदय रोग का संकेत माना जाता है। जब आपके मस्तिष्क में कुछ समय के लिए रक्त प्रवाह बाधित होता है तो इसकी वजह से आंख में ये समस्या देखने को मिलती है। इस समस्या को मिनी स्ट्रोक भी कहा जाता है और आमतौर पर यह स्थायी नहीं होता है। इस समस्या में ज्यादातर लोगों को इसका पता भी नहीं चल पाता है।
(image source - freepik.com)
इसे भी पढ़ें : World Heart Day 2021: शरीर में मैग्नीशियम की कमी से हो सकती हैं दिल से जुड़ी ये गंभीर बीमारियां, जानें बचाव
4. रेटिना आर्टरी ओक्क्लुसन (Retina Artery Occlusion)
रेटिना आर्टरी ओक्क्लुसन की समस्या में धमनियों में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। ज्यादातर मामलों में यह समस्या कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने या रक्त के थक्के के बनने की वजह से होती है। हृदय से जुड़ी इन स्थितियों के बढ़ने से रेटिना आर्टरी ओक्क्लुसन का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या में आपकी आंखों पर तेज दबाव पड़ता है और इसकी वजह से आंखों में गंभीर दर्द भी हो सकता है। कुछ गंभीर मामलों में मरीज को स्थायी दृष्टि हानि हो सकती है। फ्लोटर्स या आपकी आंखों में दर्द और नजर कमजोर होने या अचानक से दिखाई न देने जैसी समस्या में आपको नेत्र चिकिसक से इसकी जांच जरूर करानी चाहिए।
5. स्ट्रोक के कारण दृष्टि की हानि (Distorted or Lost Vision From a Stroke)
हार्ट स्ट्रोक की समस्या में कई लोगों में नजर के कमजोर होने या दृष्टि हानि की समस्या देखने को मिलती है। नेशनल स्ट्रोक एसोसिएशन द्वारा किये गए एक अध्ययन के मुताबिक स्ट्रोक की समस्या से ग्रसित दो तिहाई लोगों में आंखों की रोशनी खत्म होने या अस्थाई हानि की समस्या देखने को मिलती है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से इंसान को हमेशा के लिए दृष्टि हानि भी हो सकता है। स्ट्रोक की समस्या में आंख की जांच जरूर करानी चाहिए।
इसे भी पढ़ें : World Heart Day: साल 2020-21 में हार्ट अटैक से गई इन 9 सेलिब्रिटीज की जान, जानें क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे मामले
ऊपर बताई गयी समस्याओं में आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रोक जैसी दिल से जुड़ी गंभीर समस्याओं में आंखों पर बुरा असर पड़ता है और इसके लक्षण आंखों में देखे जा सकते हैं। आंख से जुड़ी इन समस्याओं का कारण कई बार गंभीर हृदय रोगों को माना जाता है। इसलिए हमेशा इनके लक्षण दिखने पर तुरंत एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
(main image source - freepik.com)