क्या कोरोना वायरस बन सकता है ब्रेन स्ट्रोक का कारण? डॉक्टर से समझें

कोविड के कारण ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि हुई है। इससे बचने के लिए समय पर इलाज जरूरी है।

Meena Prajapati
Written by: Meena PrajapatiUpdated at: Dec 08, 2021 15:20 IST
क्या कोरोना वायरस बन सकता है ब्रेन स्ट्रोक का कारण? डॉक्टर से समझें

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कोरोना का असर केवल फेफड़ों पर ही नहीं, बल्कि दिमाग और आंखें पर भी होता है। कोरोना की पहली लहर में ही देखा गया था कि कोरोना के चलते ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आए थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में ये मामले बढ़े हैं। शुरूआत में किसी ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब इन परेशानियों पर डॉक्टर्स की नजरें हैं। दिल्ली के मैक्स अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश कुमार (Dr. Mukesh kumar, Neurologist, Max Hospital)  का कहना है कि कोरोना होने पर नसों में खून के थक्के जमने शुरू हो जाते हैं जिसकी वजह से रक्त का प्रवाह बाधित होता है और ब्रेन स्ट्रोक (Covid and brain stroke) की समस्या होती है। ब्रेन स्ट्रोक के कई कारण हैं। जिनमें ब्लड क्लॉटिंग से लेकर हाइपर इम्युन सिस्टम भी शामिल है। डॉक्टर का कहना कि कोविड की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हजार में से एक फीसद को होती है। कोविड और ब्रेन स्ट्रोक एक दूसरे से कैसे जुड़े हैं, इस पर सारे सवालों के जवाब दिए, डॉक्टर मुकेश कुमार ने। तो आइए विस्तार से जानते हैं। 

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कोरोना और ब्रेन स्ट्रोक का क्या संबंध है?

इस सवाल के जवाब में डॉक्टर मुकेश ने बताया कि कोरोना होने पर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि जो लोग पहले ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं उनमें भी ब्लड क्लॉटिंग होने लगती है, जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक होता है। दूसरा साइकाइन स्टार्म और डी-डाइमर के बढ़ने की वजह से भी ब्रेन स्ट्रोक होता है। तीसरा कारण ब्लैक फंगस है। डॉक्टर ने बताया कि कोरोना के बाद मरीजों में ब्लैक फंगस की परेशानी देखने को मिल रही जिसमें फंगस धमनियों में घुस जाता है और रक्त का प्रवाह बाधित होता है। यह क्लॉट जब ब्रेन में फैल जाता है तब ब्रेन स्ट्रोक होता है। 

कोविड मरीजों में किस तरह के स्ट्रोक देखे जाते हैं?

डॉक्टर ने बताय का एक स्ट्रोक फटने वाला होता है दूसरा नसों में बंद होने वाला। कोविड में नसों में ब्लॉक होने वाला स्ट्रोक देखने को मिल रहा है। 

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कोविड का स्ट्रोक बिना कोविड वाले मरीजों से कैसे अलग है?

डॉक्टर ने बताया कि कोविड के बिना और कोविड के बाद वाले स्ट्रोक में अंतर है। बिना कोविड के स्ट्रॉक छोटे-छोटे होते हैं लेकिन कोविड वाले बड़े क्लॉटिंग होते हैं। 

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क्या कोविड की दवाएं बन रही हैं ब्रेन स्ट्रोक का कारण?

नहीं। डॉक्टर का कहना है कि इसमें कोविड की दवाओं का कोई रोल नहीं है।

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क्या कोविड से संबंधित स्ट्रोक केवल बुजुर्गों को होता है?

डॉक्टर का कहना है नहीं। यह 20 से 30 उम्र के लोगों में भी देखा जा रहा है।

कैसे मालूम करें किसी को ब्रेन स्ट्रोक हो रहा है?

इस सवाल के जवाब में डॉक्टर मुकेश का कहना है कि अगर पेशेंट को किसी तरह की कमजोरी और बोलने की क्षमता जा रही है तो वह ब्रेन स्ट्रोक का लक्षण है। इसमें चेहरे पर कमजोरी, हाथों में कमजोरी भी दिखाई देती है।

क्या ब्रेन स्ट्रोक से बचा जा सकता है?

डॉक्टर का कहना है कि अगर मरीज को सही समय पर इलाज मिल जाए तो ब्रेन स्ट्रोक से बचा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि मरीज के लक्षणों को पहचाना जाए। डॉक्टर का कहना है कि 4.5 घंटों के अदंर अगर मरीज को इलाज मिल जाता है तो उसकी परेशानी गंभीर होने से बच जाती है। 

यहां हमने कुछ सवालों के जवाब देने की कोशिश की है लेकिन अगर आपके पास कोविड और ब्रेन स्ट्रोक से संबंधित अन्य सवाल हों तो हमें बताएं। हम कोशिश करेंगे कि एक्सपर्ट से उनके जवाब दिलवाए जाएं। 

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