क्या आप भी किसी बात पर फैसला जल्दी नहीं कर पाते, क्या आप फैसला लेते समय कन्फ्यूज्ड रहते हैं, क्या आप चीजों को लेकर संगठित नहीं हो पाते, क्या करना है, कब करना है, कुछ भी तय करने में कन्फ्यूजन रहती है, कमरे की चाबी रखकर भूल जाते हैं, अगर ऐसे लक्षण आपको दिखाई दे रहे हैं तो आप ब्रेन फॉग का शिकार हो सकते हैं। ब्रेन फॉग एक ऐसा दिमागी बब्बल है जो कन्फ्यूज्ड रहता है। ब्रेन फॉग एक मेडिकल टर्म है जिसमें व्यक्ति चीजों को याद रखने में, प्लानिंग में, भाषा को समझने में और ध्यान रखने में असमर्थ महसूस करने लगता है। कोरोना महामारी में तनाव और चिंता बढ़ा है जिस कारण ब्रेन फॉग की समस्या भी बढ़ रही है। ब्रेन फॉग (Brain fog causes) क्यों होता है, इससे बचने के लिए क्या खाएं और कैसे खाएं, इसके बारे में बरेली के साईं और केके अस्पताल में डायटीशियन मीना शर्मा ने हमें जानकारी दी। आइए इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।
क्यों होता है ब्रेन फॉग (Causes of brain fog)
डिप्रेशन और चिंता
कोरोनाकाल में डिप्रेशन और चिंता के आंकड़े बढ़े हैं। लोगों को अपनी और अपनों की चिंता है। तो वहीं, नौकरी चले जाने, खाद्य पदार्थों की कमी, आर्थिक ढांचा कमजोरी होने की वजह से लोगों में यह परेशानियां बढ़ी हैं। यही कारण है कोरोना के समय में डिप्रेशन और चिंता के आंकड़े बढ़े हैं। तो वहीं, ब्रेन फॉग का कारण भी डिप्रेशन और चिंता है। जो लोग लंबे समय तक डिप्रेशन और एंग्जाइटी में रहते हैं वे चीजों को लेकर ज्यादा क्लियर नहीं पाते है। स्पष्ट फैसला करने में दिक्कत आती है।
एनिमिया
शरीर में आयरन की कमी से एनिमिया की दिक्कत होती है। महिलाओं में यह कमी ज्यादा पाई जाती है। लाल रक्त कोशिकाएं शरीर में अगर सही से ऑक्सीजन का संचार नहीं करेंगे तो व्यक्ति को मानसिक थकान महसूस हो सकती है। इसके अलावा सांस की कमी और ब्रेन फॉग की दिक्कत हो सकती है।
स्लीप एप्नीया
स्लीप एप्नीया एक गंभीर नींद विकार है जिसमें व्यक्ति की सोते समय सांस बार-बार रुकती और चलती है। इस तरह नींद में विकार आने की वजह से भी ब्रेन फॉग की दिक्कत होती है। सोते समय हमारा पूरा शरीर रिलैक्स कर रहा होता है और अगर बॉडी को यह रिलैक्स न मिले तमाम बीमारियां होने लगती हैं।
हार्मोन में परिवर्तन
हार्मोन में परिवर्तन होने की वजह से दिमाग की फंक्शनिंग पर असर पड़ता है। महिलाओं में गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान यह हार्मोन परिवर्तन होते हैं, जिस वजह से वे ब्रेन फॉग का शिकार अधिक होती हैं।
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ब्रेन फॉग से बचने के लिए क्या खाएं
डायटीशियन मीना शर्मा का कहना है कि ब्रेन फंक्शनिंग के लिए जो खाद्य पदार्थ जरूरी हैं वे ब्रेन फॉग को ठीक कर सकते हैं। बढ़ते तनाव की वजह से ब्रेन फॉग बहुत कॉमन हो गया है। यह केवल बुजुर्गों में नहीं बल्कि युवाओं में भी बढ़ रहा है। डॉ. मीना शर्मा का कहना है कि ब्रेन फॉग से बचने के लिए न्यूट्रीशन से पहले एक्सरसाइज जरूरी है। एक्सरसाइज और डाइट दोनों ब्रेन फॉग के लिए जरूरी हैं। विटामिन बी, बी12, अंडा और ओमेगा 3 फैटी एसिड जरूरी है। उनके मुताबिक ऑक्सीजन का इंटैक करने से ब्रेन तक पोषण पहुंचते हैं जिससे ब्रेन बेहतर काम करता है। उन्होंने निम्न खाद्य पदार्थ ब्रेन फॉग से बचने के लिए बताए-
ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा-3 फैटी एसिड फिश ऑयल में सबसे ज्यादा होता है। जो लोग फिश नहीं खाते हैं वे इस ऑयल के कैप्सूल भी खा सकते हैं। इसके अलावा बादाम, अखरोट, फ्लैक्स सीड में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। यह दिमाग की फंक्शनिंग के लिए जरूरी हैं। इसलिए डायटीशियन बादाम और अखरोट खाने की सलाह देते हैं। डायटीशियन मीना शर्मा का कहना है कि गर्मी के मौसम में ज्यादा गर्म चीजें खाना नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए सुबह भीगे हुए बादाम खा सकते हैं। तो वहीं, चाय के साथ भी बादाम खाया जा सकता है।
ऑलिव ऑयल
ब्रेन फॉग में दिमाग की फंक्शिनिंग ठीक करने में ऑलिव ऑयल बहुत मददगार है। ऑलिव ऑयल में मोनोअंसैचुरेटिड फैटी एसिड होते हैं। जो ब्रेन के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। डायटीशियनन मीना शर्मा का कहना है कि ऑलिव ऑयल को सलाद के रूप में लेंगे तो ज्यादा अच्छा होता है। कुकिंग के लिए बहुत लाभकारी नहीं होता है। सरसों का तेल भी इसके लिए बेहतर होता है। कम मात्रा में इन तेलों का प्रयोग किया जा सकता है। पर ध्यान रखें कि ये तेल शुद्ध होने चाहिए।
हरी पत्तेदार सब्जियां
यह सब्जियां ब्रेन फंक्शनिंग के लिए बहुत जरूरी हैं। इन्हें सलाद के रूप में, सब्जी के रूप में या किसी और तरीके से भी खा सकते हैं। सुबह, शाम, दोपहर कभी भी इन्हें खाया जा सकता है। पालक इसके लिए बहुत जरूरी है। पालक में विटामिन सी होता है। जो एक स्वस्थ दिमाग के लिए अच्छा होता है।
सोने से पहले दूध
डॉ. मीना शर्मा का कहना है कि आजकल बहुत से डायटीशियन दूध पीने से मना करते हैं। पर जिनको ब्रेन फॉग, चिंता या नींद न आने की समस्या है उन्हें सोने से पहले दूध जरूर पीना चाहिए। दूध में अमाइनो एसिड पोषक तत्त्व होता है। इसमें क्रिप्टोफैन नामक प्रोटीन होता है। जोकि दिमाग में सेरोटिनिन हार्मोन बनाता है। यह हार्मोन सोने में मदद करता है। अगर अनिद्रा की समस्या है तो रात को सोने से पहले दूध जरूर पीएं।
आयुर्वेदिक चीजें
डायटीशियन मीना शर्मा के मुताबिक हमारे आयुर्वेद में कई बीमारियों को इलाज है। आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी बूटियां हैं जो ब्रेन फॉग में सहायक हैं। अश्वगंधा, ब्राह्मी ये सभी दिमाग के लिए बहुत जरूरी हैं। यह सभी वैज्ञानिक रूप से प्रूव्ड औषधियां हैं।
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संतुलित डाइट
पूरे दिन में संतुलित डाइट लेना जरूरी है। एक ऐसी डाइट जो न आपको शारीरिक और न मानसिक थकान दे। यह ब्रेन को पूरी ऊर्जा दे। कई लोग डाइटिंग करते हैं और खाना पूरी तरह से नहीं खाते उससे भी ब्रेन फॉग की समस्या बढ़ती है। थोड़े-थोड़े समय में कुछ-कुछ हेल्दी चीजें खाते रहें।
फल खाएं
फल में विटामिन और मिनरल होते हैं, जिनसे दिमाग को जरूरी पोषक तत्त्व मिलते रहते हैं। फल खाने से वजन तो कम होता ही साथ ही ब्रेन फॉग की समस्या भी खत्म होती है।
ब्रेन फॉग एक मेडिकल टर्म है। यह एक नई टर्म है। यह समस्या अधिक तनाव, नींद ले पाने की वजह से होती है। इस परेशानी से बचने के लिए खानपान में स्वस्थ आहार को शामिल करना जरूरी है। कोविड के मरीजों में ठीक होने के बाद यह परेशानी अधिक देखी जा रही है।
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