ब्रेन फॉग (Brain Fog) एक मानसिक स्थिति से जुड़ी समस्या है, जिसमें मरीज को अलग-अलग संकेतों के साथ लक्षण नजर आ सकते हैं। इसे आम भाषा में समझा जाए तो ये एक मानसिक विकार है जिसमें कई स्थितियां जुड़ी हुई हैं। इस स्थिति के कारण मरीज के मस्तिष्क को काफी नुकसान हो सकता है जिसके कारण वो गंभीर स्थिति का शिकार होता है। ब्रेन फॉग के दौरान याददाश्त की कमी, सोचने की क्षमता में गिरावट आना, ध्यान केंद्रित न कर पाना जैसी चीजें सामने आती हैं। लोग इस स्थिति को समझने में काफी समय लगा सकते हैं, इसलिए जरूरी होता है कि आप इसके लक्षणों को पहचान कर तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें। चिकित्सक आपकी मानसिक स्थिति की जांच कर आपको इस स्थिति के बारे में बता सकता है। लेकिन इसके साथ आपके ये जानना भी जरूरी है कि आप ब्रेन फॉग (Brain Fog) जैसी स्थिति का सामना क्यों करते हैं या इसका कारण क्या है और कैसे आप इस स्थिति से निपट सकते हैं। इस विषय पर हमने बात की इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक असेसमेंट एंड काउंसलिंग की अध्यक्ष और माइंड डिजायनर डॉक्टर कोमलप्रीत कौर से। जिन्होंने बताया कि कैसे आप इस स्थिति का शिकार हो सकते हैं और इससे बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए और इसके लिए इलाज के विकल्प क्या हैं।
एक्सपर्ट बताते हैं कि इस स्थिति के पीछे एक स्थिति मुख्य भूमिका निभाती है जिसे हम सभी तनाव की स्थिति के नाम से जानते हैं। आपके मस्तिष्क में कुछ ऐसे विषाक्त पदार्थों का निर्माण होता है जो आपके मस्तिष्क में निर्माण और ध्यान केंद्रित करने के साथ याद रखने की क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। जबकि हम सभी कार्यों को तभी आसानी से कर पाते हैं जब हमे पूरी तरह से अपने मस्तिष्क का साथ मिलता है। लेकिन जब आपका मस्तिष्क आपका साथ नहीं देता तो ये एक दुर्लभ स्थिति को पैदा कर सकता है जिसका शिकार कोई भी हो सकता है। इसके पीछे सभी के अलग कारण और अलग लक्षण हो सकते हैं।
किन कारणों से होती है ब्रेन फॉग (Brain Fog) की स्थिति
तनाव
भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच तनाव पैदा होना एक आम स्थिति है, लेकिन इसे समय के साथ दूर करना हमारे लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आप खुद को लंबे समय तक तनाव के साथ रखते हैं तो इससे आप खुद को गंभीर स्थिति में धकेल सकते हैं जिसके कारण आपको कई मानसिक विकार का खतरा हो सकता है। ऐसे ही जब आप तनाव में रहते हैं तो ब्रेन फॉग की स्थिति भी धीरे-धीरे पैदा होने लगती है, जिसके लक्षण हो सकता है आपको काफी समय तक नजर न आएं। लेकिन इसके लक्षण जब नजर आएंगे तो हो सकता है कि आप एक गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हों। जरूरी नहीं कि जब आप तनाव में होते हैं तो आपको सिर्फ मानसिक हानि हो बल्कि इससे आपके अन्य स्वास्थ्य स्थितियों पर भी असर हो सकता है। ऐसे ही तनाव आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है और आपको अवसाद की स्थिति में पहुंचाने का काम कर सकता है। धीरे-धीरे ये स्थितियों आपको उस जगह पहुंचा देती है जहां आप खुद की मानसिक क्षमता को खोने लगते हैं।
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किसी दवा के साइड इफेक्ट्स
ऐसी कई दवाएं हैं जो सीधे आपके मस्तिष्क पर बुरा असर डाल सकती है, इसलिए किसी भी दवा के सेवन से पहले जरूरी है कि आप डॉक्टर से सलाह लें। नींद और एलर्जी की कई दवाओं के कारण ब्रेन फॉग और माइग्रेन की स्थिति पैदा हो सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, जब हम कुछ दवाओं के साथ अल्कोहल का सेवन करते हैं तो ये आपके लिए बुरा असर दिखा सकती है। किसी भी दवा को लेने का तरीका और उसके साथ क्या लेना चाहिए ये आपको अपने डॉक्टर या मनोचिकित्सक से बातचीत के बाद ही करना चाहिए।
नींद
नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है, ये आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और ऊर्जा देने का काम करता है। लेकिन जब आप नींद की कमी को महसूस करते हैं और नींद को पूरा करने से बचते हैं तो आप कुछ दिनों बाद अपने मानसिक स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर देखने लगते हैं। इस स्थिति में आप तनावमुक्त रहने में असमर्थ रह सकते हैं, इससे आपके सोचने की क्षमता कम होती है और ध्यान लगाने में परेशानी दिखने लगती है। जिसके कारण आप एक समय पर ब्रेन फॉग का शिकार हो सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को भी ब्रेन फॉग का खतरा हो सकता है, जिस कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर हो सकता है। गर्भावस्था में ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस दौरान हार्मोन प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है। जिसका सीधा असर आपकी स्मृति पर पड़ता है, जो आपको ब्रेन फॉग (Brain Fog) का शिकार बना सकता है।
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चिकित्सक स्थितियां
शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य दोनों आपस में एक दूसरे को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए जब आप मानसिक स्थिति से गुजर रहे होते हैं तो आपको अन्य स्वास्थ्य हानि का भी खतरा होता है। ऐसे ही जब आप शारीरिक स्थिति से गुजरते हैं तो आपको मानसिक स्थिति का नुकसान भी झेलना पड़ता है। रक्त शर्करा के स्तर में बदलाव के कारण भी आप मानसिक थकान का शिकार हो सकते हैं। क्रोनिक थकान सिंड्रोम (Chronic Fatigue ब्रेन फॉग का एक लक्षण है, जिसमें छह महीने से ज्यादा समय तक थकान हो सकती है।
ब्रेन फॉग (Brain Fog) का इलाज और रोकथाम क्या है
अपने तनाव पर नियंत्रण रखें
किसी भी मानसिक विकार या मानसिक स्थिति से बाहर निकलने के लिए जरूरी है कि आप अपने तनाव पर नियंत्रण रखें। क्योंकि ब्रेन फॉग की स्थिति का मुख्य कारण है तनाव। इसलिए जब आप खुद को तनाव की स्थिति से बाहर निकालते हैं तो आप ब्रेन फॉग की स्थिति को भी कम कर सकते हैं। मनोचिकित्सक आपको इलाज के दौरान ऐसी थैरेपी की मदद लेता है जो आपके तनाव को कम करने के लिए मददगार होता है।
शारीरिक गतिविधियां
शारीरिक गतिविधियों का सीधा संबंध आपके मानसिक स्वास्थ्य से होता है जिसकी मदद से आप खुद को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। ये इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि जब आप शारीरिक गतिविधियां करते हैं तो इससे आपके मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है जो आपको एक्टिव रखने के लिए जरूरी प्रक्रिया है। वहीं, ये भी सत्य है कि जब आपका हृदय सही तरीके से पंप नहीं करता तो इसका असर आपके मस्तिष्क पर भी पड़ता है और मस्तिष्क को ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इससे आप याददाश्त की कमी महसूस कर सकते हैं और अपने मूड को खराब होता देख सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप रोजाना कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधियां जरूर करें। अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर सकते तो आप रोजाना 30 मिनट पैदल चलने की कोशिश जरूर करें जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वास्थ और एक्टिव रखने में मदद कर सकता है।
मल्टी टास्किंग से बचें
एक साथ में बहुत ज्यादा काम करने की आदत आजकल ज्यादातर लोगों में देखी जाती है जबकि ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। मल्टीटास्किंग आपके मस्तिष्क को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है और आपकी क्षमता को कम कर सकता है। इसलिए कोशिश करें कि एक बारे में उतना ही काम करें जितना आपकी क्षमता हो।
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समय-समय पर मस्तिष्क को उत्तेजित करें
नियमित रूप से अपने मस्तिष्क को उत्तेजित करना हमारे लिए जरूरी होता है, इससे हम खुद को मानसिक रूप से लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। इससे आप खुद के लक्ष्य को आसानी से पहचान कर उस पर काम कर सकते हैं और एक बार में बहुत ज्यादा काम करने की आदत को भी दूर कर सकते हैं।
बेहतर और पूरी नींद लें
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने और सही मात्रा में ऊर्जा प्रदान करने के लिए नींद बहुत जरूरी प्रक्रिया है। जिससे दूर रहने के कारण आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। जब आप ब्रेन फॉग की स्थिति से बचने की कोशिश करते हैं तो इस दौरान जरूरी है कि आप खुद को पूरी और बेहतर नींद दें। इससे आप लंबे समय तक एक्टिव और तनावमुक्त रह सकेंगे। इसके साथ ही आपके सोचने की क्षमता में काफी सुधार देखने को मिल सकता है।
डीप ब्रीथिंग
डीप ब्रीथिंग भी ब्रेन फॉग की समस्या को कम करने का काम करता है, ये आपको पूरी तरह से तनावमुक्त करने के साथ आपके मस्तिष्क में ऑक्सीजन को पहुंचाता है। जिसकी मदद से आपके मस्तिष्क में पर्याप्त ऑक्सीजन की पूर्ति होती है और आप खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस कर सकते हैं।