
माइग्रेन और सिरदर्द में काफी अंतर होता है। आमतौर पर माइग्रेन में सिर के दाएं हिस्से दर्द या बाएं हिस्से में दर्द होता है। माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है,जो आसानी से ठीक नहीं होती है।
अक्सर लोग माइग्रेन और सिरदर्द दोनों को ही समान समस्या समझ लेते हैं लेकिन दोनों तकलीफों में जमीन-आसमान का अंतर है। माइग्रेन का मुख्य लक्षण सिरदर्द ही है लेकिन ये सामान्य रूप से होने वाले सिरदर्द से काफी भिन्न होता है। माइग्रेन में आमतौर पर सिर के दाएं या बाएं दोनों में से एक हिस्से में दर्द होता है। माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, जिसका उपचार आसानी से नहीं होता है।
माइग्रेन में लोगों को तेज रोशनी, ब्लाइंड स्पॉट, हाथ-पैर में झनझनाहट, मतली, उलटी और रोशनी , आवाज से संवेदनशीलता का बढ़ना जैसे संकेत नजर आते हैं। सिर दर्द की समस्या दवा लेने के बाद थोड़ी देर में समाप्त हो जाती है जबकि माइग्रेन की पीड़ा कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रहती है।
जीवनशैली हो सकती है वजह
माइग्रेन के मरीज दुनियाभर में बढ़ते जा रहे हैं। हमार देश भी अछूता नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण भागदौड़ की जिंदगी को माना जाता है। यह जिंदगी तनाव से भरपूर है, और लोग इसे बदलने का अधिक प्रयास भी नहीं करते। धीरे-धीरे यही सब माइग्रेन के रुप में बदलने लगती हैं। सामान्य स्थिति से तनाव भरे माहौल में पहुंचने पर सिरदर्द बढ़ जाता है और ब्लडप्रेशर हाई होने लगता है। लगातार ऐसी स्थितियां अगर आपके सामने पेश आएं, तो समझिए आप माइग्रेन के शिकार हो रहे हैं।
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माइग्रेन क्या होता है
माइग्रेन सिरदर्द के पीछे रक्तवाहिनियों का बड़ा होना और नर्व फाइबर्स की ओर से केमिकल का स्राव करने के संयुक्त कारण उत्तरदायी होते हैा। सिरदर्द के दौरान, खोपड़ी के बिलकुल नीचे स्थित धमनी बड़ी हो जाती है। इसकी वजह से एक केमिकल का स्राव होने लगता है, जो जलन, दर्द और रक्तवाहिनी को और चौड़ा करने का काम करता है।
माइग्रेन के लक्षण
- माइग्रेन सिरदर्द के दौरान मतली, डायरिया और उल्टी जैसी शिकायतें हो सकती हैं।
- माइग्रेन के दौरान रक्त प्रवाह भी धीमा हो जाता है, जिससे हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगते हैं।
- रोशनी तथा आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
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15 से 55 साल के लोग हैं ज्यादा प्रभावित
अमेरिका के नेशनल हैडएक फाउंडेशन के मुताबिक, वहां करीब चार करोड़ लोगों को माइग्रेन की समस्या है। यह सिरदर्द 15 से 55 वर्ष की आयु के लोगों को अधिक परेशान करता है। ऐसे लोग जिनके परिवार में माइग्रेन का इतिहास है, उन्हें यह बीमारी होने का खतरा तीन चौथाई अधिक होता है। फाउंडेशन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आधे से कुछ अधिक माइग्रेन पीडि़तों का सही निदान उनके चिकित्सकों द्वारा किया गया। हालांकि, कुछ मामलों में माइग्रन को चिंता से होने वाले सिरदर्द और साइनस सिरदर्द का रूप समझकर इलाज किया गया।
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