
आंखों पर गठिया रोग का क्या असर पड़ता है? गठिया रोग होने पर शरीर में तेजी से एंटीबॉडी और एंटीजन बनने लगते हैं जिसके कारण जोड़ों में दर्द होता है और रेटिना की धमनियों पर इसका असर होने लगता है। आप इस समस्या को हल्के में न लें क्योंकि रेटिना पर गठिया रोग का असर पड़ने पर आंखों की रौशनी भी जा सकती है। अर्थराइटिस होने पर सबसे कॉमन समस्या है आंखों का ड्राय होना। ड्राय आई में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। आंखों के सूखने पर कॉर्निया डैमेज हो सकती है। अर्थराइटिस होने पर आंखों में जलन, सूजन, दर्द मुख्य लक्षण होते हैं जिनसे बीमारी का पता चलता है। अगर आपको अर्थराइटिस है और आंखों में दर्द या अन्य समस्या है तो तुरंत आंखों का इलाज करवाएं। इस लेख में हम अर्थराइटिस के कारण होने वाली आंखों की समस्याओं पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
अर्थराइटिस में आंखों की बीमारी होने के लक्षण (Symptoms of eye problem during arthritis)
अर्थराइटिस में आंखों की बीमारी होने पर-
- आंखों में लालपन की शिकायत
- आंखों में दर्द
- आंखों की रौशनी कम होना
- आंखें ड्राय होना
- आंखों में धुंधलापन
इसे भी पढ़ें- क्या आंखों के लिए फायदेमंद है चिया सीड्स? जानें एक्सपर्ट से
आंखों पर अर्थराइटिस का क्या असर पड़ता है? (How arthritis affect eyes)
अर्थराइटिस होने पर जैसा असर जोड़ों पर पड़ता है कुछ वैसा ही असर आंखों पर भी पड़ता है। कुछ लोगों को लगता है कि अर्थराइटिस का असर केवल जोड़ों पर पड़ता है पर ऐसा नहीं है, गठिया रोग से आंखों की बीमारी भी हो सकती है। अगर आपको अर्थराइटिस के दौरान आंखों में किसी भी बीमारी के लक्षण नजर आ रहे हैं तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं, लक्षण इन बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं-
1. ड्राय आई सिंड्रोम (Arthiritis can cause dry eye syndrome)
अर्थराइटिस होने पर आपको आंखों में ड्रायनेस की समस्या हो सकती है जिसे हम ड्राय आई सिंड्रोम कहते हैं। आंखें ड्राय होने पर धुंधला नजर आता है, आंखों में चुभन महसूस होती है। जिन लोगों को अर्थराइटिस की शिकायत होती है उनमें ड्राय आई सिंड्रोम बहुत कॉमन होता है। ड्राय आई सिंड्रोम होने पर आपको डॉक्टर आई ड्रॉप दे सकते हैं।
2. स्केलेराइटिस (Arthiritis can cause scleritis)
स्केलेराइटिस आंखों की एक गंभीर बीमारी है। जिन लोगों को अर्थराइटिस या टीबी की बीमारी होती है उनमें स्केलेराइटिस के लक्षण देखने को मिलते हैं। स्केलेराइटिस होने से आंखों में जलन, दर्द हो सकता है। ये बीमारी होने पर आंखों की रौशनी कम होने लगती है। अर्थराइटिस, आई वॉल स्केलेरा को पतला कर देता है जिससे ये बीमारी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें- आपकी आंखों को इन 7 तरीकों से प्रभावित करता है गर्म मौसम, जानें गर्मी के लिए जरूरी आई केयर टिप्स
3. रेटिना वास्कुलर ऑक्यूल्युजन (Arthiritis can cause retinal vascular occlusion)
रेटिना वास्कुलर डिसीज होने पर आंखो में काले धब्बे नजर आते हैं। रेटिना में मौजूद ब्लड वैसल्स ब्लॉक हो जाती हैं। इसके चलते आपको आंखों से दिखना बंद होने लगता है। अगर आपको अर्थराइटिस है तो ये बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।
4. यूवाइटिस (Arthiritis can cause uveitis)
यूवाइटिस होने पर आंखों के बीच की परत में सूजन आ जाती है। आंखों में जलन हो सकती है। आपको आंखों से धुंधला नजर आएगा, दर्द होगा और आंखें लाल हो सकती हैं। यूवाइटिस होने पर आंखों की रौशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। जिन लोगों को अर्थराइटिस होता है उन्हें इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती है। अगर आपको ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
5. मोतियाबिंद (Arthiritis can cause cataract)
ग्लूकोमा को काला मोतियाबिंद भी कहते हैं। अर्थराइटिस के मरीजों को ग्लूकोमा का खतरा भी रहता है। काला मोतिया के ज्यादातर केस ऐसे होते हैं जिसमें दर्द नहीं होता पर ये हमारी नर्व पर दबाव डालता है। ग्लूकोमा होने पर आपको आंखों में काला धब्बा, रेनबो जैसी लाइट नजर आ सकती है पर ग्लूकोमा के लक्षण आसानी से पता नहीं चलते। ग्लूकोमा से बचने के लिए आपको समय-समय पर आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए।
आंखों की जांच जरूर करवाएं
- अगर आपको अर्थराइटिस की समस्या है और गठिया रोग से आंखों जलन या सूजन हो सकती है इससे बचने के लिए आप हर दो माह में एक बार अपनी आंखों का चेकअप करवाते रहें।
- अगर आपकी आंखें लाल हो जाती हैं तो इसे नजरअंदाज न करें। आंखों का बार-बार लाल होना इस बात की ओर इशारा करता है कि आपकी हड्डियां कमजोर हो रही हैं।
- अगर आपको अर्थराइटिस की शिकायत नहीं है तो भी आपको आई स्पेशलिस्ट से हर दो महीनों में एक बार मिलना चाहिए।
- रेटिना खराब होने के पांच प्रतिशत मामले गठिया रोग के होते हैं इसलिए आपको लक्षणों पर गौर करने की जरूरत है। हड्डियां कमजोर होने से रेटिना से जुड़ी धमनियों पर भी असर पड़ता है।
जोड़ों को रखें हेल्दी तो नहीं होंगी आंखों की बीमारियां
- अर्थराइटिस और आंखों की समस्याओं से बचने के लिए आपको कैल्शियम और हेल्दी डाइट पर फोकस करना चाहिए, आजकल गलत खानपान के कारण युवाओं में अर्थराइटिस जैसी बीमारी देखने को मिल रही है।
- युवाओं को अपने पॉश्चर पर भी ध्यान देना चाहिए। गलत तरीके से उठने-बैठने से भी गठिया रोग हो सकता है।
- डॉ सीमा ने बताया कि ज्यादातर लोग आलथी-पालथी मार के बैठते हैं पर इससे ज्वॉइंट्स पर असर पड़ता है इसलिए आप पैरों को ज्यादा मोड़ने से बचें।
- आपको पौष्टिक आहार लेने के साथ धूम्रपान या एल्कोहॉल का सेवन नहीं करना है, इसका बुरा असर भी जोड़ों पर पड़ता है।
अगर आपको गठिया रोग है तो आंखों की कसरत और पोषक आहार लेते रहें, कोशिश करें कि हेल्दी आदतों को अपनाएं जिससे बीमारी का असर शरीर के अन्य अंगों पर कम पड़े।
Read more on Other Diseases in Hindi