कोरोना से ठीक होने के बाद बच्चे को हो रहे हैं रैशेज और आंखें लाल होने की समस्या? डॉक्टर से जानें MIS-C की वजह

कोरोना से ठीक होने के बाद ज्यादातर बच्चों में आंखें लाल होने और शरीर पर लाल चकते होने की समस्याएं हो रही हैं। ये MIS-C के लक्षण हो सकते हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में
  • SHARE
  • FOLLOW
कोरोना से ठीक होने के बाद बच्चे को हो रहे हैं रैशेज और आंखें लाल होने की समस्या? डॉक्टर से जानें MIS-C की वजह

क्या आपके बच्चे को भी कोरोना से ठीक होने के बाद तेज बुखार, आंखें लाल होना और शरीर पर लाल चकते होने की समस्याएं हो रही हैं। अगर हां, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। क्योंकि ये मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (Multi System Inflammatory Syndrome) के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में बच्चे को तुरंत इलाज की जरूरत होती है, इलाज में लापरवाही या देरी करने से बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है। लेकिन ऐसा भी जरूरी नहीं है कि बच्चे में कोई लक्षण दिखने पर ही यह समस्या हो, क्योंकि कई बार बिना लक्षणों के भी बच्चे में यह समस्या पैदा हो जाती है। यह ज्यादातर कोरोना से ठीक होने के बाद बच्चों में देखा जाता है। आपके मन में सवाल होगा कि आखिर कोरोना से ठीक होने के बाद बच्चों को यह समस्या क्यों होती है? इसकी क्या वजह हो सकती है? इस बीमारी के दूसरे लक्षण क्या हो सकते हैं? तो आपके इन सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, दिल्ली के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हिमांशु बत्रा-

misc

क्या है मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (What is Multi System Inflammatory Syndrome)

मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम एक बेहद ही दुर्लभ बीमारी है। इसमें बच्चों को कोरोना से ठीक होने के बाद बुखार, शरीर पर दाने होना, आंखें लाल होना, रैशेज होना या सांस लेने में परेशानी होना आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर हिमांशु बत्रा बताते हैं कि बच्चों में कोरोना से ठीक होने के 4-6 हफ्तों के बाद यह समस्या पैदा हो रही है। मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम एक गंभीर स्थिति है। यह बीमारी कोरोना वायरस से जुड़ी हुई लगती है, क्योंकि कोरोना से संक्रमित होने के बाद अकसर बच्चों में यह समस्या हो रही है। MIS-C में बच्चों के हृदय, फेफड़े, किडनी, मस्तिष्क, त्वचा और आंखें गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं और सूज जाते हैं। इसमें बच्चों को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। थोड़ी-सी भी लापरवाही बच्चों की जान पर खतरा बन सकता है।

इसे भी पढ़ें - क्या आपके बच्चे को भी है खांसी-जुकाम, डॉक्टर से जानें पेरेंट्स कब करवाएं बच्चे का कोरोना टेस्ट

मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Multi System Inflammatory Syndrome)

  • - तेज बुखार
  • - पेट में दर्द
  • - शरीर पर लाल चकते होना
  • - आंखें लाल होना
  • - फटे होंठ
  • - हाथों और पैरों में सूजन
  • - रैशेज
  • - सांस लेने में परेशानी
  • - ब्लड प्रेशर कम होना
  • - कमजोरी और उल्टी 
  • - डायरिया
misc1

मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम की वजह (Reason of Multi System Inflammatory Syndrome) 

विशेषज्ञ डॉक्टर हिमांशु बत्रा बताते हैं कि बच्चों में ये समस्याएं कोरोना वायरस के ठीक होने के बाद हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि बच्चों में संक्रमण के बाद इम्यून सिस्टम ज्यादा एक्टिव होने की वजह से यह समस्या हो सकती है। कोरोना के बाद अगर बच्चे में ये सभी लक्षण नजर आ रहे हैं, तो हो सकता है कि उन्हें मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम हो गया हो। अगर कोरोना होने के बाद ऐसे कुछ लक्षण नजर आए तो भी जल्द से जल्द बच्चे को हॉस्पिटल ले जाए। यह समस्या बेहद गंभीर भी हो सकती है।  

क्या इलाज है संभव (Treatment is Possible?)

डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद अगर बच्चे में ये सभी लक्षण नजर आए तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि समय पर इलाज से मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम को ठीक किया जा सकता है। कुछ समय पहले ही जयपुर में डॉक्टरों ने इस बीमारी से पीड़ित बच्ची का सफल इलाज किया था। उनका कहना था कि समय पर इलाज से बच्चे को ठीक किया जा सकता है।

किन बच्चों को है अधिक खतरा (Which Children Are at Greater Risk)

अगर किसी बच्चे को दिल, किडनी और सांस से संबंधित कोई रोग है, तो उन्हें इसका ज्यादा खतरा हो सकता है। लेकिन समय पर इलाज से उसे ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा डायबिटीज और अस्थमा होने पर भी रिस्क फेक्टर बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आपको बच्चे में थोड़े से भी लक्षण नजर आए तो एक बार शिशु रोग विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें।

misc2

इसे भी पढ़ें - ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में प्रोन पोजिशन कैसे है मददगार? जानें सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो का सच

कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं लक्षण (Symptoms Similar to Corona Virus)

यह बीमारी खासतौर पर कोरोनावायरस से जूझ रहे बच्चों को होती है। इसके लक्षण भी कोरोना वायरस से मिलते-जुलते ही होते हैं। इसमें बच्चों को बुखार आना बेहद आम लक्षण है। मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती जा रही हैं। इस सिंड्रोम में दिल, फेफड़ों, आंख, किडनी और त्वचा पर सूजन आ जाती है। इसके अलावा ज्यादातर बच्चों में 24 घंटे तक लगातार तेज बुखार भी इस समस्या का लक्षण हो सकता है। वैसे तो कोरोना वायरस और एमआईएस-सी के लक्षण मिलते-जुलते हैं, लेकिन मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम में श्वसन तंत्र, गैस्ट्रोइंटेस्टनल सिस्टम और त्वचा प्रभावित हो रहे हैं।

मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम में शरीर में जहरीले तत्व पैदा होने लगते हैं और ये पूरे शरीर में फैल जाते हैं। इसका असर नसों और मांसपेशियों पर पड़ता है और इनमें सूजन आ जाती है। इस बीमारी को ठीक करने के लिए बच्चे का समय से इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। जैसे ही आपको अपने बच्चे में ये लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाएं या अपने किसी डॉक्टर से कंसल्ट करें।

Read More Articles on Miscellaneous in Hindi

Read Next

कोरोना के मरीजों में क्यों हो सकता है सीने में दर्द? डॉक्टर से जानें संभावित कारण

Disclaimer