कोरोना वायरस ने देशभर में करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। लाखों लोगों की कोरोना वायरस ने जान ले ली हैं। देश में कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है, दिन-पर-दिन इसके मामलों में इजाफा हो रहा है। ऐसे में छोटे बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। दरअसल, 2020 में जब कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी, तो बच्चों में इसके मामले बहुत कम देखने को मिले थे। लेकिन कोरोना के नए स्ट्रेन ने बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। कोरोना के नए स्ट्रेन से बच्चों में भी कोरोना वायरस के लक्षण नजर आ रहे हैं, लेकिन इनके लक्षण वयस्कों के लक्षणों की तुलना में काफी अलग है। यहां तक कि केंद्र सरकार और डब्ल्यूएचओ ने भी कहा है कि 10 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा बेहद ज्यादा है। ऐसे में अगर आप पेरेंट्स हैं, तो आप काफी डरे हो सकते हैं, क्योंकि बच्चों में कोरोना वायरस का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आपके दिमाग है कई सवाल होंगे जैसे, बच्चों में कौन-से लक्षण हो सकते हैं? कोरोना पॉजिटिव होने पर बच्चे को कब हॉस्पिटल ले जाना चाहिए? बच्चे का इलाज कैसे किया जाना चाहिए? आदि कई सवाल हैं जो आपके मन में जरूर आते होंगे। ऐसे में आपके सभी सवालों के जवाब दे रही हैं एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, दिल्ली की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीता केजरीवाल-
बच्चों में कोरोना के लक्षण (Symptoms of Corona in Children)
वयस्कों की तुलना में बच्चों में अलग तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं। जिन बच्चों को कोरोना का संक्रमण हो रहा है, उनमें पेट में इंफेक्शन देखने को मिल रहा है।
टॉप स्टोरीज़
- - पेट दर्द या मरोड़ (Stomach Pain)
- - दस्त (loose Motion)
- - उल्टी (Vomiting)
- - अचानक तेज बुखार आना (High Fever)
- - सर्दी-खांसी और गले में खराश (Cold-Cough and Sore Throat)
- - जल्दी थकान लगना (Fatigue Quickly)
- - भूख कम लगना (Loss of Appetite)
- - नाक बहना (Running nose)
कब करवाएं बच्चे का कोरोना टेस्ट (When to Get the Child's Corona Test)
अगर आपके बच्चे को पेट दर्द, दस्त, उल्दी, तेज बुखार और खांसी-जुकाम के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो जल्द से जल्द उनका कोरोना टेस्ट जरूर करवाएं। इसके अलावा अगर आपके घर में कोई बड़ा व्यक्ति भी संक्रमित है, तो बच्चे का टेस्ट जरूर करवा लें। पॉजिटिव आने पर बच्चे को होम आइसोलेशन में रखें। अगर बच्चा ठीक है तो हॉस्पिटल ले जानें से बचें और घर पर ही डॉक्टर की सलाह पर उसका ट्रीटमेंट करें।
बच्चे को कब ले जाएं हॉस्पिटल (When to Take the Child to the Hospital)
बच्चों में माइंड लक्षण नजर आ रहे हैं। इसके लिए बच्चे को बुखार और मल्टीविटामिंस खाने को दी जाती है। अगर बच्चा 3-4 दिनों के अंदर एक्टिव हो जाए। खाना अच्छे से खाए, यूरीन करें, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर बच्चे को सांस लेने में कोई समस्या हो रही हो, बच्चे का ऑक्सीजन लेवल कम होता है, बच्चा खाना नहीं खा रहा है तो बच्चे को हॉस्पिटल लेकर जाने की जरूरत होती है।
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कोरोना के बाद बच्चों को हो रहा है मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (Multi System Inflammatory Syndrome)
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीता केजरीवाल बताती हैं कि तेज बुखार, शरीर पर दाने होना, आंखें लाल होना, रैशेज होना या सांस लेने में परेशानी होना आदि समस्याएं बच्चों में कोरोना से ठीक होने के 4-6 हफ्तों के बाद नजर आ रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये समस्याएं बच्चों में इम्यून सिस्टम ज्यादा एक्टिव होने की वजह से हो सकते हैं। इस मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम कहते हैं। अगर कोरोना होने के बाद ऐसे कुछ लक्षण नजर आए तो भी जल्द से जल्द बच्चे को हॉस्पिटल ले जाए। यह समस्या बेहद गंभीर हो सकती है।
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