ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में प्रोन पोजिशन कैसे है मददगार? जानें सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो का सच

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि प्रोन पोजीशन के जरिये शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ रहा है।
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ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में प्रोन पोजिशन कैसे है मददगार? जानें सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो का सच


देश में कोरोना (Coronavirus) के केस थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी बीच एक और समस्या नजर आई है और वह है हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी हो जाना। यह कमी दिल्ली के साथ-साथ कई राज्यों जैसे महाराष्ट्र, यूपी आदि में देखी गई है। हाल ही में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के ऊपर बातचीत की। दूसरी तरफ कई डॉक्टर्स भी ऑक्सीजन की कमी को लेकर चिंता जता रहे हैं। हालांकि देशभर के एक्सपर्ट्स इस समय कोरोना से बचे रहने के लिए और शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए कई ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिनको लोग अपनाकर अपने शरीर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा कर सकते हैं। हाल ही में मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रोन पोजीशन (prone position) ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने में मददगार है जानते हैं पूरी सच्चाई...

क्या है वीडियो में

वीडियो में एक व्यक्ति है जो ऑक्सीमीटर को पहनकर प्रोन पोजिशन की स्थिति में लेटा हुआ है और यह बता रहा है कि प्रोन पोजीशन के जरिये आप कैसे अपने शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। व्यक्ति का नाम है अंकित चौधरी। वीडियो में अंकित सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाते हैं और फिर वह दिखाते हैं कि उनके शरीर में ऑक्सीजन सैचुरेशन 9 4 यूनिट है अब उसके बाद वह प्रोन पोजीशन की स्थिति में आ जाते हैं जैसे ही वह प्रोन पोजीशन  की स्थिति में आते हैं वैसे ही उनकी यूनिट 5 पॉइंट बढ़कर 99 हो जाती है। वे बताते हैं कि इस प्रकार व्यक्ति घर पर पेट के बल लेट कर शरीर में ऑक्सीजन लेवल को बढ़ा सकते हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

जब हमने प्रोन पोजीशमन को लेकर एक्सपर्ट से बातचीत की तो हमें पता चला कि प्रोन पोजीशन ऑक्सीजन बढ़ाने में मददगार है। उन्होंने बताया कि फेफड़ों के अंदर जो कोशिकाएं होती हैं वायरस उन्हें क्षतिग्रस्त करता है और वह काम करना बंद कर देती हैं। यही कारण होता है कि व्यक्ति को ऑक्सीजन के आदान-प्रदान में परेशानी महसूस होती है। ऐसे में प्रोन पोजीशन की मदद से डॉक्टर व्यक्ति के फेफड़ों की कोशिकाओं पर प्रभाव डालते हैं साथ ही वे ऑक्सीजन देने के दूसरे तरीके भी अपनाते हैं।

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प्रोन पोजीशन का काम

एक्सपर्ट बताते हैं कि हमारे शरीर में फिजियोलॉजिकल लंग्स डेड स्पेस होता है। यानी वह हिस्सा जहां पर कोशिकाएं निष्क्रिय रहती है। जब व्यक्ति प्रोन पोजीशन में आता है तो वह कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं और अपना काम शुरू कर देती हैं। दूसरी तरफ एक्सपर्ट ये भी बताते हैं कि इस पोजीशन के कारण फेफड़े अच्छे से काम करते हैं और इलास्टिक प्रॉपर्टी में सुधार आता है। साथ ही वायरस के कारण जो कोशिकाएं बंद हो जाती है वह भी काम करना शुरू कर देती हैं।

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि देश ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में वे अधिक से अधिक इस कमी को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन आयात करवाएगी। जबकि 18 अप्रैल 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट किया था, जिसके अनुसार सरकार को 162 ऑक्सीजन प्लांट लगवाने की अनुमति मिल गई है।

 ये लेख डॉ. इस्मित त्यागी, कंसल्टेंट फिजियोथेरेपिस्ट, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम द्वारा दिए गए इनपुट्स पर बनाया गया है।

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