डायबिटीज (diabetes) के मरीजों में हमेशा से ही दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा रहा है। दरअसल, डायबिटीज और दिल की बीमारियां दोनों की ही शुरुआत गलत लाइफस्टाइल से होती है। साथ ही ये दोनों एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। जैसे कि डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर असंतुलित होने से ब्लड प्रेशर (blood sugar and blood pressure relationship) पर गहरा प्रभाव पड़ता है। दरअसल, डायबिटीज आपके शरीर में छोटी रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसेल्स) को नुकसान पहुंचाता है, जिससे रक्त वाहिकाओं की दीवारें सख्त हो जाती हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन पर दबाव बढ़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डायबिटीज के संयोजन से आपको दिल का दौरा (heart attack in diabetes) या स्ट्रोक होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। तो, डायबिटीज में हार्ट अटैक को कैसे रोका जाए, इसी बारे में हमने डॉ नित्यानंद त्रिपाठी (Dr. Nityanand Tripathi) निदेशक और यूनिट प्रमुख - कार्डियोलॉजी और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल शालीमार बाग से बात की।
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डॉ नित्यानंद त्रिपाठी (Dr. Nityanand Tripathi) ने डायबिटीज में हार्ट अटैक की बात करते हुए बताया कि सबसे पहले तो हमें ये जानना चाहिए कि ऐसा क्यों है कि 30 से 40 की उम्र वाले डायबिटीज के मरीजों में अचान से हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, इसके पीछे कई कारण हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है नहीं तो, आप डायबिटीज में हार्ट अटैक को कंट्रोल नहीं कर पाएंगे।
डायबिटीज में हार्ट अटैक का कारण-Causes of heart attacks in diabetics
1. बढ़ा हुआ ब्लड शुगर
अगर किसी को 30 या 40 की उम्र में ही डायबिटीज हो जाए है तो और तमाम जिम्मेदारियों के साथ स्वास्थ्य का ख्याल रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ब्लड शुगर का असंतुलित होना दिल की बीमारियों को बुलावा देता है। डॉ नित्यानंद त्रिपाठी की मानें तो, हाई ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है और हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक के खतरे को दोगुना या चौगुना कर देता है। ऐसे में ब्लड सेल्स धीमे-धीमे डैमेज होती हैं और दिल सही से पंप नहीं कर पाता है और हार्ट अटैक आ सकता है।
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2. कोरोनरी आर्टरी डिजीज
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary arteries) और एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) डायबिटीज में हार्ट अटैक का एक और बड़ा कारण रहा है। दरअसल, डायबिटीज के कारण आर्टरी ब्लड वेसेल्स (धमनियां) सख्त हो जाती हैं और दिल तक ऑक्सीजन और ब्लड सही से नहीं पहुंच पाता है। इससे हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल का जमा होना से भी डायबिटीज रोगियों को इस उम्र में हार्ट अटैक का खतरा रहता है।
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3. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण
30 और 40 की उम्र ऐसी होती है कि इसमें हम खुल कर खाते-पीते हैं। भले ही हमें डायबिटीज ही क्यों ना हो ज्यादातर लोग खाने-पीने से जुड़ी आदतों में ज्यादा बदलाव नहीं कर पाते हैं। ऐसे में ज्यादा तेल मसाला खाने का नुकसान ये होता है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। जब ये कोलेस्ट्रॉल प्लॉक टूट जाते हैं, तो शरीर उन्हें ठीक करने के लिए प्लेटलेट्स भेजकर उनकी मरम्मत करता है। ये प्लेटलेट्स आगे एक थ्रोम्बस (thrombus) बनाने के लिए जमा हो जाते हैं जिससे दिल को ऑक्सीजन और न्यूट्रीशन पहुंचाने वाले ब्लड सेल्स ब्लॉक हो जाते हैं और हार्ट अटैक आ जाता है।
4. स्मोकिंग और स्ट्रेस
30 और 40 की उम्र में ज्यादातर लोग अपने करियर और पर्सनल लाइफ को लेकर स्ट्रेस में रहते हैं। स्ट्रेस में रहने के कारण ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों बढ़ता है। साथ ही खराब लाइफस्टाइल, खराब डाइट और एक्सरसाइज ना करना डायबिटीज को असंतुलित करता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ाता है। साथ ही जिन लोगों को स्मोकिंग और शराब पीने की आदत रहती है उनमें भी दिल की बीमारियां तेजी से फैलती हैं और अचानक हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ नित्यानंद त्रिपाठी कहते हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को न केवल हृदय रोग का अधिक खतरा होता है, बल्कि उनमें कार्डियक एरेस्ट होने का भी खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा हार्ट फेलियर का खतरा भी रहता है। हार्ट फेलियर एक ऐसी गंभीर चिकित्सा स्थिति जिसमें हृदय पर्याप्त रूप से रक्त पंप करने में असमर्थ होता है। इससे फेफड़ों में द्रव का निर्माण हो सकता है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है या शरीर के अन्य हिस्सों सूजन आ जाती है।
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डायबिटीज में हार्ट अटैक से बचने के उपाय-How to prevent heart attack in diabetes
डॉ त्रिपाठी की मानें तो, डायबिटीज में हार्ट अटैक से बचने का एक उपाय ये है कि आप पहते तो डायबिटीज को कंट्रोल में रखें और दूसरा हार्ट अटैक के लक्षणों को जानें और इन्हें नजरअंदाज ना करें। जैसे कि सांस लेने में समस्या, बेहोश हो जाना, चक्कर आना, कंधे, जबड़े और बाएं हाथ में दर्द और सीने में दर्द या दबाव विशेषकर किसी गतिविधि के दौरान। इसके अलावा आपको डाटबिटीज कंट्रोल करने के लिए कुछ टिप्स अपनाना चाहिए। जैसे कि
-हृदय रोग की गंभीरता के आधार पर डॉक्टर द्वारा बताए गए खून को पतला करने वाली और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं को हमेशा समय से लेते रहें।
- एंजियोग्राफी करवाते रहें और डॉक्टर से एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी का सुझाव मिलने पर इसे जरूर करवाएं।
-अपने ब्लड शुगर को जितना हो सके उतना सामान्य रखें।
-अपने ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें और इसे 120/80 mmHg के आसपास रखने का प्रयास करें। अगर जरूरी हो तो इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नियमित दवाएं लें।
-अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करवाएं और आहार, व्यायाम और नियमित दवाओं की मदद से इसे नियंत्रण में रखें।
-वजन संतुलित रखें।
-नियमित रूप से व्यायाम करें।
-हृदय को स्वस्थ रखने के लिए हार्ट हेल्दी फूड्स लें।
साथ ही ध्यान रहे कि किसी भी तरह धूम्रपान और तंबाकू का सेवन बंद करें। साथ ही योग और ध्यान जैसी अगर-अलग उपायों का अभ्यास करके दैनिक तनाव को कम करने की कोशिश करें। तो, इस तरह आप डायबिटीज में हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक से बच पाएंगे।
Main image source: Cardiologist in Pune
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