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Underlying Medical Causes Of Insomnia: आज की तारीख में नींद न आए, तो लोग हैरानी नहीं जताते हैं। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि ज्यादातर लोग सोते समय फोन पर अपना ज्यादातर वक्त बिताते हैं। यही कारण है कि जब सुबह आधी-अधूरी नींद लेकर उठते हैं, तो थकान और कमजोरी महसूस करते हैं। बहरहाल, जब लंबे समय तक यह समस्या बनी रहती है यानी नींद नहीं आती है, तो यह सही नहीं है। इस स्थिति को मेडिकली इनसोम्निया के नाम से जाना जाता है। क्या आप जानते हैं कि इनसोम्निया सामान्य नहीं है और यह कई बार किसी गंभीर बीमारी के कारण होता है। इस लेख में इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में Consultant, Psychiatrist डॉ. वैभव चतुर्वेदी से हम यही जानेंगे कि किन बीमारियों के कारण इनसोम्निया जैसी समस्या हो सकती है?
किन बीमारियों के कारण इनसोम्निया की समस्या होती है?- What Health Conditions Cause Insomnia
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अल्जाइमर
Soundsleephealth में प्रकाशित एक लेख की मानें, तो अल्जाइमर ऐसी ब्रेन से संबंधित समस्या है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे चीजों को भूलने लगता है और सोचने-समझने की क्षमता भी कम हो जाती है। साउंडस्लीप हेल्थ में प्रकाशित एक लेख की मानें, तो अल्जामइर के लोगों में शाम ढलने के साथ-साथ कंफ्यूजन बढ़ जाती है। इसलिए, इन लोगों को रात को नींद नहीं आती है, जो कि धीरे-धीरे इनसोम्निया में बदल जाता है।
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स्लीप एप्निया
यह समस्या कई तरह की मेडिकल कंडीशन से जुड़ी हुई है, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज। दरअसल, जब व्यक्ति इस तरह की बीमारी से ग्रस्त होता है, तो अक्सर गहरी नींद लेने में दिक्कत आती है, जो कि एक समय बाद इनसोम्निया का कारण बन सकता है।
क्रॉनिक पेन
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अगर किसी के शरीर में बहुत ज्यादा दर्द है, जो कि क्रॉनिक बन चुका है। ऐसी स्थिति में भी व्यक्ति के लिए गहरी नींद लेना काफी मुश्किल हो जाता है। चूंकि, शरीर में दर्द है और आराम करने से भी दर्द से छुटकारा नहीं मिल रहा है, तो ऐसे में नींद बाधित हो जाती है। नींद नहीं लेने की वजह से बॉडी रिलैक्सिंग मोड में नहीं पहुंच पाती है, जिस वजह से दर्द और बढ़ जाता है।
हार्ट डिजीज
जो लोग हार्ट डिजीज से पीड़िते हैं, उन्हें अक्सर लेटने पर सांस लेने में तकलीफ, सीने में भारीपन की दिक्कत हो जाती है। यहां तक कि बार-बार पेशाब आने की परेशानी भी बढ़ जाती है। इसी वजह से हार्ट के मरीजों को एक समय बाद इनसोम्निया की परेशानी होने लगती है। हालांकि, हर व्यक्ति के साथ ऐसा हो, यह जरूरी नहीं है। अगर सही ट्रीटमेंट मिले और व्यक्ति हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाए, तो इनसोम्निया जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं।
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मेंटल हेल्थ कंडीशन
डॉ. वैभव चतुर्वेदी कहते हैं, "एंग्जाइटी, स्ट्रेस, डिप्रेशन। इस तरह की कई ऐसी मेंटल हेल्थ कंडीशन हैं, जिसकी वजह से नींद से संबंधित समस्या हो सकती है। अगर लंबे समय तक व्यक्ति अपने तनाव को मैनेज नहीं कर पाता है, तो यह सही नहीं है। ऐसे में व्यक्ति ज्यादातर समय अकेले रहता है, रात को अच्छी नींद नहीं लेता है, जो कि उनकी फिजिकल हेल्थ को भी धीरे-धीरे प्रभावित करने लगता है। यही नहीं, कई एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं भी ऐसी होती हैं, जिसकी वजह से नींद बाधि हो सकती है, जो कि एक समय बाद इनसोम्निया में तब्दील हो सकता है।"
निष्कर्ष
इनसोम्निया अपने आप में गंभीर समस्या है। यहां बताई गई बीमारियां ही इनसोम्निया का कारण नहीं होती हैं, बल्कि कई अन्य फिजिकल और मेंटल हेल्थ कंडीशंस भी इसकी वजह होती हैं। इसलिए, अगर आप कभी भी नोटिस करें कि आपको नींद नहीं आ रही है, तो बेहतर है कि इस स्थिति को हल्के में न लें। अपने शरीर में नजर आ रहे अन्य लक्षणों पर गौर करें और जितना जल्दी संभव हो, डॉक्टर के पास जाएं।
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FAQ
इनसोम्निया बीमारी कैसे होती है?
इनसोम्निया, लंबे समय तक नींद न आने की बीमारी है। ऐसा जीवनशैली की खराब आदतें, तनाव, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और मेडिकल कंडीशंस की वजह से होता है। कई बार दवाओं के प्रभाव के कारण भी नींद बाधित होती हैं।मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे हाइपरसोमनिया है?
हाइपरसोमनिया, नींद संबंधी विकार है। इस बीमारी में व्यक्ति को बहुत ज्यादा नींद आती है। नींद लेने के बाजवूद व्यक्ति थकान और कमजोरी से भरा रहता है। हाइपरसोमनिया होने पर दिन भर में बार-बार नींद आती है। यह इसका मुख्य लक्षण है।मुझे हर समय आलस और नींद क्यों आती है?
अगर आपके साथ ऐसा रोजाना होता है, तो किसी मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकता है, जैसे स्लीप एपनिया, थकान, कमजोरी, हार्मोनल बदलाव या कोई जेनेटिकल समस्या।
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Oct 30, 2025 16:42 IST
Modified By : Meera TagoreOct 30, 2025 16:42 IST
Modified By : Meera TagoreOct 30, 2025 16:42 IST
Published By : Meera Tagore