हेल्दी जीवन जीने के लिए मानसिक स्वास्थ्य यानी मेंटल हेल्थ (Mental Health) अच्छी होना बेहद जरूरी है। भागदौड़ भरी जिंदगी और आगे बढ़ने की होड़ में लोग अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं और कई बार अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं। अनिद्रा के कारण अन्य स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी होने लगती हैं। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए ओनलीमायहेल्थ ने "Mental Health A-Z" नाम की एक सीरीज की शुरुआत की है। इस सीरीज में देश के प्रसिद्ध साइकैट्रिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट डॉ निमेष देसाई (Dr. Nimesh G. Desai, Senior Consultant Psychiatrist & Psychotherapist) मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं। इस लेख में NIMHANS, AIIMS जैसे देश के बड़े अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुके और Institute of Human Behavior and Allied Sciences, Delhi के डॉयरेक्टर भी रहे डॉ. निमेष देसाई से जानते हैं, अनिद्रा क्या है? इसके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
अनिद्रा क्या है? - What Is Insomnia
हेल्दी लाइफ के लिए अच्छी नींद बेहद जरूरी है, हमारे पूरे स्वास्थ्य यानी शरीर, मन और मस्तिष्क के कार्य को तरोताजा करने के लिए अच्छी नींद बेहद जरूरी होती है। नींद में अगर अस्थाई रूप से या स्थाई रूप से यानी परमानेंट कोई समस्या हो तो स्वास्थ्य के कई पहलू बिगड़ जाते हैं, इसलिए अनिद्रा यानी इन्सोम्निया स्वास्थ्य की तकलीफ का कारण भी हो सकता है और अपने आप में यह एक बीमारी भी हो सकती है और स्वास्थ्य संबंधी किसी तकलीफ या बीमारी का परिणाम भी हो सकता है। अगर आपको कभी-कभार अच्छी नींद नहीं आती है तो इस पर गौर करने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर एक या दो हफ्ते तक नींद आने में तकलीफ हो या रात में नींद खुलती हो या अक्सर सुबह जल्दी नींद खुल जाती हो तो सावधान हो जाना जरूरी है।
अनिद्रा रोग का कारण क्या है - What Is The Main Cause Of Insomnia
1.भौतिक कारण - Physical Circumstances
भौतिक कारण अनिद्रा का सबसे पहला कारण है, जिसे अक्सर लोग इग्नोर कर देते हैं। बहुत मच्छर हैं, गर्मी ज्यादा है, ठंड ज्यादा है आदि वे भौतिक कारण हैं जिनके कारण नींद न आने की समस्या हो सकती है। ये सभी अस्थाई स्लीप डिस्टर्बेंस में आते हैं।
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2. जज्बाती कारण - Emotional Disturbance
कई बार घर-परिवार में कुछ अनबन के कारण, पार्टनर से कहासुनी के कारण या एग्जाम में कम नंबर और फेल होने के कारण नींद न आना।
3. शारीरिक बीमारी - Physical Illness
दर्द या शारीरिक समस्या के कारण नींद का डिस्टर्ब होना।
4. मानसिक स्वास्थ्य की तकलीफ - Mental Disorder
मानसिक बीमारियों के कारण अनिद्रा के लक्षण को लोग अक्सर इग्नोर कर देते हैं। जबकि ये अनिद्रा का एक बड़ा कारण है, अगर पहले के 3 कारणों की वजह से आपकी नींद खराब नहीं होती है तो हमें मानसिक स्वास्थ्य के कारणों को ढूंढना चाहिए।
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5. प्राइमरी इन्सोम्निया (Primary Insomnia)
अगर ऊपर लिखे चार कारणों में से कोई भी कारण अनिद्रा का नहीं है तो यह प्राइमरी इन्सोम्निया हो सकता है यानी अनिद्रा की बीमारी, जिसकी जांच और इलाज बिल्कुल अलग है। कई बार लोग नींद की समस्या होने पर ट्रेंकुलाइजर और बेड टाइम सिडेटिव (Tranquilisers and Bedtime Sedatives) बिना किसी डॉक्टरी सलाह के लेने लगते हैं। नींद की दवाई सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। इसका इम्यून सिस्टम और फिजिकल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।
बिना डॉक्टर की सलाह के नींद आने की दवा, ट्रेंकुलाइजर और सिडेटिव की शुरुआत कभी न करें और न ही इसे लंबे समय तक लें। अनिद्रा की बीमारी की जांच स्लीप लैबोरेटरी में होती है। जहां 2 से 3 रातों की EEG Study के बाद स्लीप लैब से पता चल सकता है कि आपको प्राइमरी इन्सोम्निया (Primary Insomnia) है या नहीं।
अनिद्रा को कैसे ठीक करें - How To Cure Insomnia
- अपने हालातों को ठीक करें।
- शारीरिक बीमारी है तो इसका पता लगाएं और उचित इलाज करवाएं।
- अगर आपको तनाव है या इमोशनल डिस्टर्बेंस है तो इसकी जांच करें। जरूरत पड़े तो मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से सलाह लें।
- खुद का ध्यान रखें और बेहतर नींद के लिए स्लीप हाइजीन का ध्यान रखें, ये डिप्रेशन और तनाव को कम करने में भी मदद कर सकती है।
इस सभी टिप्स को अपनाने के बाद भी अगर आपकी अनिद्रा की शिकायत रहती है तब ही नींद की दवाइयों का इस्तेमाल होना चाहिए। अगर जरूरी है तो आप डॉक्टर की सलाह पर कुछ समय के लिए नींद की दवा लें, लेकिन लंबे समय तक नींद की दवाइयां लेने से परहेज करें। आप जितने कम समय के लिए नींद की दवाइयां लेंगे उतना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा।
70 और 80 के दशक से 2000 और इसके बाद भी कुछ सालों तक ट्रेंकुलाइजर और सिडेटिव का इस्तेमाल होता रहा है। अब पिछले 10-20 सालों में स्लीप प्रमोटिंग एजेंट्स (Sleep Promoting Agents) बतौर मेडिसन मिलने लगे हैं। आप अपने डॉक्टर से सलाह लें और उनसे पूछें कि ट्रेंकुलाइजर और सिडेटिव की जगह जो खास स्लीप प्रमोटिंग एजेंट्स हैं उनका इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं।
अनिद्रा की समस्या के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सेल्फ केयर यानी खुद का ध्यान रखना, हम सब के लिए स्लीप हाइजीन बहुत जरूरी है। जैसे कि लोग महामारी के दौरान शारीरिक हाइजीन का ध्यान सीख चुके हैं उसी तरह आप स्लीप हाइजीन (Sleep Hygiene) का ध्यान भी रखें।
- रात का खाना सोने से डेढ़ से दो घंटा पहले खाएं।
- खाना खाने के बाद तुरंत सोने की कोशिश न करें।
- सोने से आधा या एक घंटा पहले हॉरर फिल्म या उत्तेजित करने वाली चीजें न देखें।
- कैफीन का सेवन शाम के 5 से 6 बजे के बाद न करें या कम करें।
- स्लीप हाइजीन ठीक करने से कई बार अनिद्रा की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है।
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