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Mental Health A to Z: न्यूरोसिस क्या है? डॉ निमेष देसाई से जानें इस मानसिक रोग के कारण और बचाव के तरीके

ओनलीमायहेल्थ की नई Mental Health A-Z में डॉ निमेष देसाई से जानें न्यूरोसिस क्या है, इसके लक्षण और इलाज।
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Mental Health A to Z: न्यूरोसिस क्या है?  डॉ निमेष देसाई से जानें इस मानसिक रोग के कारण और बचाव के तरीके


आजकल की बिगड़ी लाइफस्टाइल और काम के स्ट्रेस का बुरा असर मानसिक स्वास्थ्य यानी मेंटल हेल्थ (Mental Health) पर पड़ता है। अगर आप हेल्दी जीवन जीना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुधारना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं होने पर व्यक्ति के साथ न्यूरोसिस जैसी गंभीर दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए ओनलीमायहेल्थ ने "Mental Health A-Z" नाम की एक सीरीज की शुरुआत की है। इस सीरीज में देश के प्रसिद्ध साइकैट्रिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट डॉ निमेष देसाई (Dr. Nimesh G. Desai, Senior Consultant Psychiatrist & Psychotherapist) मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं। इस लेख में NIMHANS, AIIMS जैसे देश के बड़े अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुके और Institute of Human Behavior and Allied Sciences, Delhi के डॉयरेक्टर भी रहे डॉ. निमेष देसाई से जानते हैं, न्यूरोसिस क्या है? इसके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।

मानसिक बीमारियों को कुछ साल पहले तक न्यूरोसिस और साइकोसिस (Neurosis and Phychosis) के रूप में देखा जाता था। साइकोसिस वो बीमारियां है, जैसे- सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर। जिसमें व्यक्ति को खुद की सुध नहीं रहती है, ऐसे में व्यक्ति को समझ नहीं आता है कि उसे मानसिक बीमारी है और उनका बर्ताव दूसरों के प्रति बदल रहा है। वहीं न्यूरोसिस वो ग्रुप ऑफ डिसऑर्डर और कंडीशन हैं, जहां व्यक्ति को एहसास होता है कि कुछ तकलीफ है या असामान्य है। लेकिन वह व्यक्ति अपने आप को उस बीमारी के सामने खुद को लाचार समझने लगता है। इस लेख में डॉ निमेष देसाई सभी न्यूरोसिस ग्रुफ ऑफ कंडीशन के बारे में बताने वाले हैं।

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न्यूरोसिस क्या है? - What Is Neurosis

न्यूरोसिस वो मानसिक स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति को एहसास होता है कि उसे तकलीफ है। आज के समय में ये बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और आम भाषा में इसे कॉमन मेंटल डिसऑर्डर (Common mental disorders) कहते हैं। एंग्जायटी, डिप्रेशन, फोबिया और इमोशनली एडजस्टमेंट प्रॉब्लम ये सभी समस्याएं न्यूरोसिस या कॉमन मेंटल डिसऑर्डर में गिनी जाएंगी।

न्यूरोसिस या कॉमन मेंटल डिसऑर्डर क्यों और कैसे होता है? Why And How Neurosis Happens

न्यूरोसिस में ब्रेन मैकेनिज्म और जीन्स का आनुवंशिक कॉम्पोनेंट (Genetic component of genes) है, लेकिन इसमें ज्यादा रोल मानसिक साइकोलॉजिकल फैक्टर्स का, पारिवारिक मुद्दों का, सोशल और इकॉनोमिक मुद्दों का और जीवन की बाहरी सच्चाई का होता है। न्यूरोसिस अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग रहता है, यानी पाश्चात्य देशों में यह समस्या ज्यादा है वहीं एशिया और अफ्रीका में कम तो वहीं शहरों में कस्बों और गांवों के मुकाबले ज्यादा है क्योंकि शहरीकरण हो रहा है। वहीं आदमी और औरत में भी न्यूरोसिस के मामले अलग रहते हैं। न्यूरोसिस बाहरी हालातों से प्रभावित होता है, इसीलिए पारिवारिक, मानसिक और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान देना न्यूरोसिस के लिए बहुत जरूरी है।

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न्यूरोसिस होने पर क्या करें? - Tips To Dealing With Neurosis

1. एक-दूसरे से बातचीत और सलाह करें और फैमली डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से सलाह लें।

2. न्यूरोसिस की समस्या में दवाइयों का रोल थोडा कम होता है, इससे तनाव, उदासीनता और बाकी समस्याएं कम हो सकती हैं। लेकिन न्यूरोटिक कंडीशन पर इफेक्टिव ट्रीटमेंट के लिए काउंसलिंग और साइकोथेरेपी ज्यादा असर दिखाएगी। 

न्यूरोटिक कंडीशन को सामाजिक रूप से डील करने के तरीके- How To Cop Better With Neurosis Socially

किसी भी तरह की शारीरिक बीमारी या दिव्यांग स्थिति में लोगों की मुश्किलें बाहरी रूप से दिखाई देती हैं, ऐसे में लोगों को सहानुभूति होती है। लेकिन सारी मानसिक बीमारियों और खासकर न्यूरोसिस में व्यक्ति अंदरूनी रूप में झेल रहा होता है और बाहरी तौर पर सामान्य दिखता है तो अक्सर सहानुभूति और सपोर्ट की ऐसे लोगों को कमी रहती है और नकारात्मक रवैया (Negative attitude) बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को एक-दूसरे के लिए सहानुभूति और सपोर्ट बढ़ाना चाहिए और कोशिश करें कि जो लोग आंतरिक रूप से इस समस्या से जूझ रहे हैं उनसे बातचीत करके सही इलाज के लिए सपोर्ट करें। 

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