Postpartum Psychosis: हर महिला के मन में मां बनने की खुशी अलग होती है। वह अपने होने वाली संतान के आने का इंतजार नौ महीने करती है और उसके बाद शिशु की देखभाल में लग जाती है। लेकिन कभी-कभी यह अनुभव अपने साथ बहुत सारी समस्याओं को साथ लाता है। यह समस्याएं मानसिक और शारीरिक रूप से नई मां के लिए मुश्किल का कारण बन सकता है। ऐसी ही एक समस्या है जिसे पोस्टपार्टम साइकोसिस के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का मानसिक रोग है। इस लेख में जानेंगे डिलीवरी के बाद महिलाओं हो होने वाली इस समस्या के लक्षण, कारण और इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
पोस्टपार्टम साइकोसिस क्या है?- What is Postpartum Psychosis
महिलाओं के लिए मां बनना एक सुखद एहसास होता है। लेकिन यह एहसास अपने साथ लाता है बहुत बड़ी जिम्मेदारी। इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए कई बार महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को तैयार नहीं कर पातीं। ऐसे में उनकी भावनात्मक स्थिति बिगड़ जाती है और यह एक गंभीर मानसिक रोग का रूप ले लेती है जिसे हम पोस्टपार्टम साइकोसिस के नाम से जानते हैं। यह एक तरह का मानसिक रोग है जो महिलाओं को डिलीवरी के बाद हो सकता है।
पोस्टपार्टम साइकोसिस के लक्षण- Postpartum Psychosis Symptoms
पोस्टपार्टम साइकोसिस में ये लक्षण नजर आते हैं-
- गुस्सा या चिड़चिड़ापन महसूस होना।
- शांत रहना या अधिक बोलना।
- खुद से बातें करना।
- ईटिंग डिसआर्डर की समस्या होना।
- डिप्रेशन या तनाव के लक्षण महसूस होना।
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पोस्टपार्टम साइकोसिस का कारण- Postpartum Psychosis Causes
- गर्भावस्था को लेकर ज्यादा तनाव लेना।
- डिलीवरी का समय मुश्किल भरा होना।
- शिशु की देखभाल के लिए ज्यादा चिंतित होना।
- पहले से कोई मानसिक रोग होना।
पोस्टपार्टम साइकोसिस का इलाज- Postpartum Psychosis Treatment
- पोस्टपार्टम साइकोसिस के लक्षण नजर आने पर देरी न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- किसी परिवार के व्यक्ति का सपोर्ट ऐसे समय में जरूरी होता है इसलिए घर के लोगों से सलाह लें।
- मनोरोग विशेषज्ञ से मिलें और थेरेपी सेशन की मदद से पोस्टपार्टम साइकोसिस का इलाज किया जा सकता है।
- पोस्टपार्टम साइकोसिस का इलाज करने के लिए डाइट और न्यूट्रिशन का ख्याल रखें और जरूरी पोषक तत्वों का सेवन करें।
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