Learning Disability Problems in Hindi: बच्चों में सीखने और समझने की क्षमता कमजोर होने को सामान्य भाषा में लर्निंग डिसेबिलिटी कहा जा सकता है। लर्निंग डिसेबिलिटी की समस्या से हजारों बच्चों प्रभावित होते हैं। फिल्म 'तारे जमीं पर' में भी लर्निंग डिसेबिलिटी से प्रभावित एक बच्चे का रोल दिखाया गया था। लर्निंग डिसेबिलिटी से प्रभावित बच्चे सामान्य बच्चों की तुलना में सीखने और कामकाज कर पाने में असमर्थ होते हैं। लर्निंग डिसेबिलिटी कई तरह की होती है और हर बच्चे में इसके लक्षण अलग-अलग होते हैं। इन बीमारियों के लक्षणों को सही समय पर पहचानकर उचित कदम उठाने से आप गंभीर रूप से इनका शिकार होने से बच सकते हैं।
मानसिक बीमारियों के प्रभाव और इसके प्रति जागरूकता के महत्व को समझते हुए ओनलीमायहेल्थ ने एक खास सीरीज शुरू की है, जिसका नाम है "Mental Health A-Z"। इस खास सीरीज में देश के प्रसिद्ध साइकैट्रिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट डॉ निमेष देसाई (Dr. Nimesh G. Desai, Senior Consultant Psychiatrist & Psychotherapist) बता रहे हैं बच्चों में मानसिक समस्याओं के बारे में। आइये इस लेख में NIMHANS, AIIMS जैसे देश के बड़े अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुके और Institute of Human Behavior and Allied Sciences, Delhi के डॉयरेक्टर भी रहे डॉ. निमेष देसाई से जानते हैं, लर्निंग डिसेबिलिटी प्रॉब्लम्स क्या हैं और इससे प्रभावित बच्चे की मदद कैसे करें।
क्या है लर्निंग डिसेबिलिटी?- What is Learning Disability in Hindi
डॉ निमेष देसाई कहते हैं, "लर्निंग डिसऑर्डर एक तरह की मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है, जो बच्चों में होती है। इस प्रॉब्लम की वजह से बच्चों को सीखने और समझने में जरूरत से ज्यादा समय लग जाता है। लर्निंग डिसेबिलिटी से प्रभावित बच्चों में सीखने, सुनने, बोलने, पढ़ने और समझने की क्षमता कम होती है। इसकी वजह से बच्चों को कई समस्याओं का सामना करना करना पड़ता है।" लर्निंग डिसेबिलिटी प्रॉब्लम कई तरह के होते हैं और इनके लक्षण भी अलग-अलग होते हैं।
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लर्निंग डिसेबिलिटी प्रॉब्लम के प्रकार- Learning Disability Types in Hindi
लर्निंग डिसेबिलिटी प्रॉब्लम कई तरह की होती हैं। इनके टाइप के आधार पर ही बच्चों की परेशानियां और उनमें दिखने वाले लक्षण अलाग्पलग होते हैं। जैसे डिस्लेक्सिया में बच्चों को सीखने में परेशानी होती है। इसमें ध्वनियों की पहचान करने और सीखने व पढ़ने में कठिनाई होती है। वहीं डिस्प्रैक्सिया में बच्चे को आमतौर पर हाथों और उंगलियों का आंखों के साथ सिंक्रनाइजेशन प्रभावित होती है। लर्निंग डिसेबिलिटी प्रॉब्लम के मुख्य प्रकार इस तरह से हैं-
- डिस्लेक्सिया
- डिस्प्रैक्सिया
- डिसकैलकुलिया
- डिसग्राफिया
- श्रवण प्रसंस्करण विकार (एपीडी)
- दृश्य प्रसंस्करण विकार (वीपीडी)
- अशाब्दिक शिक्षण विकार (एनएलडी या एनवीएलडी)
लर्निंग डिसेबिलिटी के कारण- What Causes Learning Disability in Hindi
लर्निंग डिसेबिलिटी या स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी (Specific Learning Disability) तंत्रिका तंत्र से जुड़ी परेशानी है। इसके मुख्य कारण इस तरह से हैं-
- आनुवांशिक या जेनेटिक कारणों से
- नर्वस सिस्टम में खराबी के कारण
- प्री-मैच्योर डिलीवरी के कारण
- डिलीवरी के दौरान किसी गंभीर स्थिति के कारण
- एक्सीडेंट या इंजरी के कारण
लर्निंग डिसेबिलिटी का इलाज- Learning Disability Problems Treatment in Hindi
लर्निंग डिसेबिलिटी को लेकर लोगों में जानकारी की कमी है। इसे अक्सर मानसिक मंदता या मंदबुद्धि के रूप में लिया जाता है। हालाँकि, ऐसा नहीं है, क्योंकि बच्चे को सीखने के केवल एक ही क्षेत्र में कठिनाई होती है। डॉ देसाई कहते हैं, “नियमित प्रशिक्षण से इस स्थिति में सुधार हो सकता है, इसलिए निराश और हताश न हों। सीखने की अक्षमताओं को दूर करने के लिए सहायता, उपचार और पुनर्वास उपलब्ध हैं।” लर्निंग डिसेबिलिटी से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए हमारी विडियो जरूर देखें।
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