Female Mental Health Issues: महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशनियां बीते कुछ सालों में तेजी से उभर कर सामने आ रही हैं। दरअसल महिलाएं इस बदलती दुनिया में अपने आत्मनिर्भरता, सामाजिक समर्थन, और पेशेवर सफलता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही हैं और इस दौरान उन्हें तमाम चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। मेंटल हेल्थ से जुड़ी दिक्कतों के मामले महिलाओं में भले ही तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इसको लेकर जानकारी की कमी के कारण अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। जितना महत्व व्यक्ति अपनी शारीरिक सेहत को देता है, उतना ही महत्व मानसिक स्वास्थ्य को भी देना चाहिए। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में मानसिक समस्याओं का खतरा ज्यादा रहता है और उनमें मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जुड़े लक्षण भी अलग तरह से दिखते हैं।
मानसिक बीमारियों के प्रभाव और इसके प्रति जागरूकता के महत्व को समझते हुए ओनलीमायहेल्थ ने एक खास सीरीज शुरू की है, जिसका नाम है "Mental Health A-Z"। इस खास सीरीज में देश के प्रसिद्ध साइकैट्रिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट डॉ निमेष देसाई (Dr. Nimesh G. Desai, Senior Consultant Psychiatrist & Psychotherapist) बता रहे हैं बुजुर्गों में मानसिक समस्याएं और उनकी देखभाल से जुड़ी जानकारी के बारे में। आइये इस लेख में NIMHANS, AIIMS जैसे देश के बड़े अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुके और Institute of Human Behavior and Allied Sciences, Delhi के डॉयरेक्टर भी रहे डॉ. निमेष देसाई से जानते हैं, महिलाओं में मानसिक समस्याएं, इनके लक्षण और इलाज के बारे में।
महिलाओं में मानसिक समस्याओं के कारण- What Causes Mental Health Issues in Females?
महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य उनके शारीरिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाएं जीवन के विभिन्न स्तरों पर अनेक जिम्मेदारियों का सामना करती हैं, जैसे कि परिवार, पेशेवर जीवन, और समाज में उनकी भूमिका। जिम्मेदारी, कामकाज और स्वास्थ्य से जुड़े कारणों की वजह से महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डॉ निमेष देसाई के मुताबिक महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों के मुख्य कारण इस तरह से हैं-
- बायोलॉजिकल और हार्मोनल कारण
- साइकोलॉजिकल कारण
- सामाजिक कारण
- आर्थिक कारण
इन कारणों के आधार पर महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं अलग-अलग स्वरूप में दिखाई देती हैं।
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महिलाएं होती हैं इन मानसिक समस्याओं की शिकार- Mental Health Issues in Females in Hindi
महिलाओं को उनकी उम्र और शारीरिक स्वास्थ्य के हिसाब से मानसिक समस्याओं का खतरा रहता है। पीरियड्स से लेकर मेनोपॉज तक महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से उनकी आदतों और स्वभाव में बदलाव देखने को मिलता है। पीरियड्स और मेनोपॉज के दौरान मानसिक स्थितियों से बचने के लिए इससे जुड़ी सभी जानकारी होना जरूरी है। ताकि आप खुद को इस दौरान होने वाले शारीरिक बदलाव से संभाल सकें। इसके अलावा सामाजिक, आर्थिक और कुछ शारीरिक स्थितियों की वजह से महिलाएं मानसिक समस्याओं का शिकार हो सकती हैं। महिलाओं को मेंटल हेल्थ से जुड़ी इन बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है-
डिप्रेशन
डिप्रेशन एक सामान्य मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो महिलाओं को प्रभावित कर सकती है। शरीर में होने वले हार्मोनल बदलाव से लेकर शारीरिक स्थितियां इसके लिए जिम्मेदार होती हैं। महिलाओं में डिप्रेशन कई तरह का होता है और इसके पीछे अलग-अलग कारण जिम्मेदार होते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
पोस्टपार्टम साइकोसिस
महिलाओं में प्रसव के बाद होने वाली गंभीर स्थिति है। इस स्थिति में मां का अपने शिशु से जुड़ाव या लगाव कम होने लगता है और इसकी वजह से मां बच्चे के प्रति आक्रामक होने लगती है। इस स्थिति में सही समय पर काउंसलिंग और इलाज मिलने से मरीज कुछ दिनों में ठीक हो जाता है।
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इन बीमारियों और स्थितियों के अलावा महिलाओं को कुछ आम मानसिक सबीमरियों का खतरा रहता है, जो सामाजिक और आर्थिक कारणों से ट्रिगर होता है। इनमें बॉडी डिसमॉर्फिक डिसआर्डर जैसी स्थितियां हैं, जिनकी वजह से महिलाओं को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
महिलाओं में मानसिक समस्याओं का इलाज और बचाव- Prevention and Treatment Of Mental Health Issues In Females
महिलाओं में मानसिक बीमारियों का इलाज ज्यादातर मामलों में जानकारी के अभाव में नहीं हो पाता है। अगर आपको व्यवहार, मूड, विचार और हाव-भाव में लगातार दो से तीन दिन तक बदलाव महसूस हो रहा हो, तो इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज करने के बजे डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज लेना चाहिए। इसके अलावा मानसिक समस्याओं से बचने के लिए रोजाना योगाभ्यास, हेल्दी डाइट और परिवार के साथ बातचीत करनी चाहिए।
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