Kleptomania Meaning in Hindi: जब भी हम मेंटल हेल्थ के बारे में बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले दो शब्द आते हैं तनाव और डिप्रेशन। लेकिन मेंटल हेल्थ का अर्थ केवल स्ट्रेस नहीं है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई बीमारियां हैं जिनके बारे में अभी हमें या तो अधूरी जानकारी या हम उसे मानसिक बीमारी नहीं समझते। ऐसी ही एक बीमारी है क्लेप्टोमेनिया (Kleptomania)। क्लेप्टोमेनिया एक मेंटल डिसआर्डर है। यह डिसआर्डर किसी भी उम्र में हो सकता है। इस डिसआर्डर में व्यक्ति को चोरी करने की लत होती है।
मानसिक स्वास्थ्य, उससे संंबंधित बीमारियां और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ओनलीमायहेल्थ ने एक खास सीरीज की शुरुआत की है। इस सीरीज का नाम है "Mental Health A-Z"। आज इस खास सीरीज के लिए हमने देश के प्रसिद्ध साइकैट्रिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट डॉ निमेष देसाई (Dr. Nimesh G. Desai, Senior Consultant Psychiatrist & Psychotherapist) से बात की। डॉ निमेष देसाई Institute of Human Behavior and Allied Sciences, Delhi के डॉयरेक्टर रह चुके हैं और यह NIMHANS, AIIMS जैसे देश के बड़े अस्पतालों में अपनी सेवाएं भी दे चुके हैं। डॉ निमेष से समझते हैं चीजों को चुराने वाले इस अजीब डिसआर्डर क्लेप्टोमेनिया के बारे में। आगे इस लेख में जानेंगे क्लेप्टोमेनिया के लक्षण, कारण और इलाज।
चोरी की आदत को कंट्रोल नहीं कर पाता व्यक्ति- Kleptomania Symptoms
डॉ निमेष देसाई ने बताया कि क्लेप्टोमेनिया को इंपल्स कंट्रोल डिसआर्डर कहना गलत नहीं होगा। इंपल्स कंट्रोल डिसआर्डर को आसान शब्दों में समझें, तो हम में से ज्यादातर लोगों को लाइफ में कभी न कभी कुछ नेगेटिव या गलत काम करने का विचार आया होगा। लेकिन लोग इसे कंट्रोल कर लेते हैं। लेकिन कुछ लोगों का अपने मन पर कंट्रोल नहीं होता और वह नकारात्मक विचारों को कंट्रोल नहीं कर पाते। इसलिए इसे इंपल्स कंट्रोल डिसआर्डर कहा गया है और इसका एक उदाहरण है क्लेप्टोमेनिया। क्लेप्टोमेनिया होने पर व्यक्ति खुद को चोरी करने से रोक नहीं पाता। यह ही क्लेप्टोमेनिया का मुख्य लक्षण है। ऐसे लोगों को किसी खास चीज को चुराने का मन करता है।
चोरी के बाद पछतावा भी होता है
आापको बता दें कि क्लेप्टोमेनिया, नकारात्मक विचार को कंट्रोल न कर पाने का डिसआर्डर है इसलिए जो लोग इससे पीड़ित होते हैं, उन्हें पछतावा या ग्लानि भी महसूस होती है। कभी-कभी वह चुराई हुई वस्तु को दोबारा उसी जगह पर रख देते हैं, जहां से वह लिया था। ऐसे लोगों को चोरी करके आनंद की अनुभूति होती है जिसे कंट्रोल कर पाना मुश्किल है। ऐसे लोग आपके घर, परिवार, फ्रैंड सर्कल या ऑफिस में भी हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- Kleptomania: क्या है क्लेप्टोमेनिया? 32 वर्षीय रितु शर्मा की कहानी से समझें बीमारी को
क्लेप्टोमेनिया क्यों होता है?- Kleptomania Causes
डॉ निमेष देसाई ने बताया कि क्लेप्टोमेनिया को अभी गहराई से समझना बाकी है। लेकिन जितनी जानकारी अब तक हासिल की गई है उसके मुताबिक, जिन लोगों को क्लेप्टोमेनिया होता है, वह जान-बूझकर ऐसा नहीं करते। ऐसा भी नहीं है उनके पास क्रिमिनल माइंड है, जिसके तहत वह ऐसा कर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों की परेशानी बस इतनी सी होती है कि वह विचारों को कंट्रोल नहीं कर पाता। यही कारण है कि क्लेप्टोमेनिया को मेंटल डिसआर्डर समझा जाना चाहिए। क्लेप्टोमेनिया के पीछे गुस्सा, खराब अतीत, बचपन की कोई बुरी याद, व्यक्ति के साथ हुई शारीरिक हिंसा हो सकती है।
क्लेप्टोमेनिया का इलाज क्या है?- Kleptomania Treatment in Hindi
डॉ निमेष देसाई ने बताया कि बिहेवियरल थेरेपी और दवाओं से क्लेप्टोमेनिया का इलाज संभव है। हालांकि डॉ निमेष इस बात को भी उजागर करना चाहते हैं कि इस बीमारी के कारण व्यक्ति पुलिस की गिरफ्त में भी आ सकता है लेकिन ऐसे व्यक्तियों को इलाज जरूर मिलना चाहिए। बिहेवियरल थेरेपी में ऐसे मरीजों को बताया जाता है कि जब-जब नेगेटिव इंपल्स महसूस हो, तो उसे कंट्रोल कैसे करना है।
समाज को ऐसे लोगों के प्रति सख्त नहीं होना चाहिए
डॉ निमेष देसाई ने बताया कि हमें यह ऐसे व्यक्तियों के प्रति दया का भाव रखना होगा। यह समझना जरूरी है कि ऐसे लोग जान-बूझकर ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह लाचार हैं इसलिए उन पर कानून को सख्त नहीं होना चाहिए। अगर आपको अपने आस-पास ऐसे लोग दिखते हैं, तो उनकी मदद करें और उन्हें इलाज तक पहुंचाना चाहिए।
ऐसी ही अन्य मेंटल हेल्थ बीमारी और उनके प्रभावों को समझने के लिए ओनलीमायहेल्थ को फॉलो करें। अपने विचारों को हमारे इंस्टाग्राम या फेसबुक पेज के जरिए शेयर कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
image credit: akamaized, verywellhealth