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इन 3 बीमारियों में बदल सकता है Hair Texture, जानकर बरतें सावधानी

What Does It Mean When Your Hair Texture Changes: हेयर फॉल की ही तरह हेयर टेक्सचर का बदलना भी कभी-कभी चिंता का विषय हो सकता है। इस लेख में जानिए, किन बीमारियों के कारण ऐसा होता है।
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इन 3 बीमारियों में बदल सकता है Hair Texture, जानकर बरतें सावधानी


Why Did My Hair Texture Change: बालों का झड़ना सामान्य समस्या है और लगभग हर किसी को कभी न कभी हेयर फॉल जरूर होता है। वैसे भी विशेषज्ञ यह कहते हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति का एक दिन में 50 से 100 बालों का गिरना नॉर्मल है। इसे हेयर फॉल नहीं कहा जाता है। हां, अगर इससे ज्यादा बाल झड़ रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हेयर शेडिंग हो रही है, जिसको लेकर चिंता जतानी चाहिए। इसके पीछे कई तरह के कारण जिम्मेदा हो सकते हैं, जैसे खराब लाइफस्टाइल और खानपान की बुरी आदतें। क्या आप जानते हैं कि कई बार कुछ बीमारियां भी हेयर फॉल का कारण बनती हैं और ये हेयर टेक्सचर में भी बदलाव कर देती हैं। जी, हां! यह सच है। इस लेख में राजौरी गार्डन स्थित कॉस्मेटिक स्किन क्लिनिक की कॉस्मेटोलॉजिस्ट और त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. करुणा मल्होत्रा से हम जानेंगे कि किन बीमारियों में हेयर टेक्स्चर में बदलाव देखने को मिलता है?

किन बीमारियों में हेयर टेक्सचर चेंज होता है?- Medical Conditions That Cause Hair Texture Change

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ऑटो इम्यून डिसऑर्डरः NCBI की एक रिपोर्ट की मानें, तो कई ऐसे ऑटो इम्यून डिसऑर्डर्स हैं, जिनकी वजह से हेयर टेक्सचर बदल सकता है। इसमें एलोपेसिया अरेटा, सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस और सिकाट्रिशियल एलोपेसिया शामिल हैं। ये सभी ऐसी बीमारियां हैं, जो न सिर्फ हेयर टेक्सचर बदलता है, बल्कि बालों के पैटर्न भी बदल जाता है। जैसे बाल अधिक कर्ल हो जाते हैं या उनकी अपियरेंस बदल जाती है।

हाइपोथायरायडिज्मः डॉ. करुणा मल्होत्रा कहती हैं, "हार्मोनल बदलाव की वजह से इस तरह की बीमारियां होती हैं। इसमें हाइपोथायरायडिज्म के अलावा, आयरन डेफिशिएंसी और पोस्पार्टम बदलाव भी शामिल हैं।" डॉ. करुणा मल्होत्रा आगे कहती हैं, "जब हाइपोथायरायडिज्म होता है, तो इसकी वजह से थायराइड हार्मोन प्रोडक्शन कम हो जाता है, जिस वजह से हेयर फॉल होने लगता है और हेयर टेक्सचर बदल जाता। इसी तरह, जब पोस्पार्टम बदलाव होते हैं, तो महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिस वजह से हेयर फॉल और हेयर टेक्सचर में नजर आने लगता है।"

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जेनेटिक डिसऑर्डरः कई जेनेटिक डिसऑडर्स, जैसे नेथर्टन सिंड्रोम ऐसे हैं, जो हेयर टेक्सचर में बदलाव करने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। यहां तक कि जेनेटिक कंडीशंस भी ऐसी होती हैं, जो बालों की बनावट बदल देती है, जिस वजह से बालों का पैटर्न और टेक्सचर प्रभावित होता है। कुछ मामलों में तो यह भी देखा जाता है कि जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण बाल डल हो जाते हैं, टूटने लगते हैं और दो मुंहे हो जाते हैं।

बालों का टेक्सचर बदले तो क्या करें?

hair care

अगर आप नोटिस कर रहे हैं कि आपका हेयर टेक्सचर अचानक बदल गया है, तो इसे हल्के में न लें। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। आपके शरीर में नजर आ रहे अन्य लक्षणों को देखते हुए वे आपको कुछ टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। इससे बीमारी को डायग्नोस करने और सही ट्रीटमेंट में मदद मिल सकेगी।

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निष्कर्ष

धूप, बारिश आदि में हेयर टेक्सचर बदल सकता है। यह पूरी तरह नॉर्मल होता है। अगर आप महसूस करें कि हेयर टेक्सचर के साथ-साथ शरीर में अन्य लक्षण भी नजर आ रहे हैं, तो बेहतर है कि आप बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं। इससे समय पर बीमारी डायग्नॉस हो सकेगी और जल्दी ट्रीटमेंट शुरू हो सकेगा।

All Image Credit: Freepik

FAQ

  • हेयर रिबॉन्डिंग के नुकसान क्या हैं?

    इन दिनों कई महिलाएं हेयर रिबॉन्डिंग करवाती हैं। इससे बाल सीधे हो जाते हैं, जो कि दिखने में अट्रैक्टिव लगते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो हेयर रिबॉन्डिंग कराना सही नहीं है। इससे बालों को काफी नुकसान पहुंचता है, जैसे बाल रूखे हो जाते हैं, हेयर फॉल बढ़ सकता है और बालों से जुड़ी अन्य समस्या भी हो सकती है।
  • हेयर पैच कितने दिन चलता है?

    हेयर पैच, हेयर रिस्टोरेशन मेथड है जो कि असली बालों और सिंथेटिक पीस से बनता है। सिर के जिस हिस्से में बाल नहीं होते हैं, वहां यह हेयर पैच लगाया जाता है। आमतौर पर इस तरह के 6 से 12 महीने तक चल सकते हैं।
  • किस बीमारी के कारण बालों की बनावट बदल जाती है?

    हाइपोथायरायडिज्म और कुछ जेनेटिकल कंडीशंस की वजह से बालों की बनावट बदल सकती है। इसके अलावा, हार्मोनल बदलाव भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 30, 2025 15:07 IST

    Published By : Meera Tagore

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