आयुर्वेद के अनुसार बालों का टेक्सचर बेहतर करने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय, मिलेंगे और भी फायदे

According To Ayurveda How To Improve Hair Texture In Hindi: ओवर हेयर वॉश य केमिकल हेयर डाई या रंग की वजह से बालों का टेक्सचर खराब हा सकता है। 
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आयुर्वेद के अनुसार बालों का टेक्सचर बेहतर करने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय, मिलेंगे और भी फायदे


According To Ayurveda How To Improve Hair Texture In Hindi: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, हमारे बालों का टेक्सचर भी बदलता जाता है। जहां, युवावस्था में लोगों के बाल खूबसूरत काले और घने होते हैं। टेक्सचर भी आकर्षक होता है। वहीं, उम्र बढ़ने के साथ-साथ बालों का रंग फीका हो जाता है, बेजान और रूखे भी नजर आते हैं। मौजूदा समय में हैरानी की बात ये है कि कम उम्र में ही बालों से जुड़ी समस्या देखने को मिलती है। इसके पीछे सिर्फ हार्मोनल बदलाव ही नहीं है, बल्कि बढ़ता प्रदूषण भी एक कारण है। लेकिन, अगर आप अपने बालों के टेक्सचर को सुधारना चाहते हैं, तो इसके लिए आयुर्वेद की मदद ले सकते हैं। आज इस लेख में हम जानेंगे कि आयुर्वेद के अनुसार किस तरह बालों के टेक्सचर में सुधार कर सकते हैं।

हेयर टेक्सचर क्या है- What is Hair Texture In Hindi

What is Hair Texture In Hindi

बालां की मोटाइल और उसका आकार बालों की टेक्सचर को डिफाइन करता है। बालों का टेक्सचर, हर बाल के स्ट्रैंड को बनाने वाले प्रोटीन की मात्रा और प्रकार से निर्धारित होता है। आयुर्वेद में बालों के स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और कफ के आधार पर हमारे स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है और दोषों या ऊर्जाओं की पहचान की जा सकती है। ये दोष हमारे बालों के प्रकार और बनावट को निर्धारित करने में भी भूमिका निभाते हैं। आपको बताते चलें कि वात दोष पतले, सूखे बालों से जुड़ा होता है जिनके टूटने और दोमुंहे होने का खतरा होता है। पित्त दोष मीडियम बनावट वाले बालों से जुड़ा होता है, जो ऑयली होस कते हैं और कम उम्र में बालों के सफेद होने का कारण हो सकता है। आखिर में, कफ दोष घने, लहराते बालों से जुड़ा होता है, जिनमें ओवर ऑयलिंग और डैंड्रफ की समस्या हो सकती है।

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कैसे सुधारे बालों का टेक्सचर- How To Improve Hair Texture In Hindi

How To Improve Hair Texture In Hindi

हेयर ऑयलिंग करें- Hair Oiling

आयुर्वेद की मानें, तो बालों के टेक्सचर को बेहतर बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है नियमित रूप से हेयर ऑयलिंग करना। इससे बाल मॉइस्चराइज होते हैं। इससे बालों की बनावट में सुधार होता है, ड्राई और कमजोर बालों की समस्या दूर होती है। यहां तक कि बेजान बालां में नयापन देखने को मिलता है। हेयर ऑयलिंग हमेशा बालों की जड़ों में करें।

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हर्बल हेयर क्लींजर लगाएं- Use Herbal Hair Cleanser

आयुर्वेद की मानें, तो बालों की केयर के लिए हर्बल हेयर क्लींजर सबसे अच्छे ऑप्शन होते हैं। हर्बल हेयर क्लींजर जड़ी-बूटियों, पौधों और एसेंशियल ऑयल की मदद से बनाए जाते हैं। इसमें केमिकल्स नहीं होते हैं। हर्बल होने की वजह से बालों पर इन प्रोडक्ट का नेगेटिव असर भी नहीं पड़ता है। इससे बालों की ड्राईनेस दूर होती है और बालों का झड़ना भी कम होता है।

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हेल्दी डाइट लें- Healthy Diet

बालों के टेक्सचर में सुधार के लिए हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि बालों का झड़ना सिर्फ बाहरी कारणों से नहीं होता है, बल्कि कई बार अनहेल्दी डाइट और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से भी ऐसा होता है। हेल्दी डाइट की मदद से बालों के टेक्सचर में सुधार होता है। इससे आपके शरीर को विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं, जो बालों को मजबूत बनाने में भी मदद करते हैं।

बालों को ओवर वॉश न करें- Avoid Over Hair Wash 

आयुर्वेद की मानें, तो बालों को ओवर वॉश करने की वजह से भी बालों का टेक्सचर खराब हो सकता है। दरअसल, ओवर हेयर वॉश करने की वजह से बालों का नेचुरल हेयर खत्म हो जाता है, जो बालों की हेल्थ को बिगाड़ सकता है। नतीजनत, बालों में ड्राइनेस, डैंड्रफ और खुजली होने जैसी समस्या हो सकती है। सप्ताह में दो बार बाल धोना काफी होता है। 

केमिकल हेयर डाई से दूर रहें- Avoid Chemical Hair Dye

मौजूदा समय में ज्यादातर लोग केमिकल बेस्ड हेयर कलर या हेयर डाई का यूज करते हैं। आयुर्वेद की मानें, तो केमिकल्स का हमारे बालों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे बालों का नेचुरल कलर प्रभावित होता है और बालों की कोमलता भी खत्म भी होती है। यही नहीं है, बालों का न्यूट्रिशन भी नष्ट होने लगता है। बालों की मजबूत के लिए प्राकृतिक और ऑर्गेनिक हेयर डाई या कलर का यूज किया जा सकता है।

image credit: freepik

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