गर्मी का मौसम शुरू होते ही हर जगह आम की खुशबू और स्वाद की चर्चा होने लगती है। आम को यूं ही 'फलों का राजा' नहीं कहा जाता, इसकी मिठास, स्वाद और पौष्टिकता इसे खास बनाते हैं। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, आम सिर्फ स्वाद का विषय नहीं बल्कि एक औषधीय फल भी है। आम के गूदे से लेकर इसकी गुठली तक, हर हिस्से का अपना अलग महत्व और उपयोग बताया गया है। जहां पका हुआ आम भूख बढ़ाने वाला, एनर्जी देने वाला और शरीर को पोषण देने वाला माना जाता है, वहीं कच्चा आम पाचन शक्ति को मजबूत करता है और लू से बचाव में मदद करता है। इसके अलावा, आम की गुठली जिसे आयुर्वेद में 'आम्रमज्जा' कहा गया है, वह भी औषधीय दृष्टि से बेहद उपयोगी होती है।
लेकिन आज के समय में सही जानकारी के अभाव में लोग आम का उचित तरीके से प्रयोग नहीं कर पाते या फिर इसके नुकसान से अनजान रहते हैं। यही वजह है कि "आरोग्य विद आयुर्वेद" सीरीज के अंतर्गत हम आम जैसे फलों और औषधीय पौधों के बारे में बताएंगे, ताकि लोग फिर से प्राकृतिक औषधियों की ओर लौट सकें और बिना साइड इफेक्ट के हेल्दी जीवन जी सकें। इस लेख में हम रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा से जानेंगे कि आयुर्वेद के अनुसार आम के क्या-क्या फायदे हैं, कौन-सी बीमारियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए, आम की गुठली कैसे उपयोगी है और इसे सही तरीके से कैसे खाएं ताकि इसका अधिकतम लाभ लिया जा सके और नुकसान से बचा जा सके।
आयुर्वेद में आम का महत्व
आयुर्वेद में आम को 'अम्लरस प्रधान' फल माना गया है, यानी इसमें खटास का रस अधिक होता है, जो शरीर में अग्नि (पाचन शक्ति) को जाग्रत करता है। जब किसी व्यक्ति को अत्यधिक गर्मी लगती है, पित्त का प्रकोप होता है और भूख नहीं लगती, तो आम उस व्यक्ति के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह अग्निमंद (कमजोर पाचन अग्नि) को समाप्त करता है और रुचि (भूख) को बढ़ाता है।
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आम गर्म होता है या ठंडा? - Mango is hot or cold for body
आम गर्म तासीर का फल है लेकिन गर्मियों में इसका सेवन पाचन की अग्नि को बेहतर (kya aam garmi karta hai) करता है। लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन सीमित मात्रा में करें।
आम की गुठली खाने के क्या फायदे हैं? - What are the benefits of eating mango seed
आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा बताते हैं कि आम की गुठली को सुखाकर उसका चूर्ण तैयार किया जाता है, जिसे 'आम्रमज्जा' चूर्ण कहा जाता है। इसके कई औषधीय उपयोग हैं।
1. हार्मोनल इंबैलेंस में सहायक
यह हार्मोन संतुलन में मदद करता है, जिससे महिलाओं में पीरियड्स संबंधित समस्याएं कम होती हैं।
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2. ल्यूकोरिया में फायदेमंद
आम की गुठली का पाउडर सफेद पानी की समस्या (श्वेत प्रदर) में राहत देता है।
3. शुक्रधातु में लाभकारी
यह पुरुषों में वीर्य स्तंभन (सेमिनल रिटेन्शन) को बेहतर बनाता है।
कच्चा आम खाने के फायदे - Benefits of eating raw mango
- अग्निवर्धक
- लू से बचाव में सहायक
- विटामिन C का अच्छा (kacche aam khane ke fayde kya hai) सोर्स है
पका हुआ मीठा आम खाने के फायदे - Benefits of eating ripe mango
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- स्वाद में मीठा और रुचिकर
- थोड़ी मात्रा में अग्निवर्धक
आम खाने के साइड इफेक्ट क्या होते हैं? - What are the side effects of mango
1. पित्त बढ़ाए
विशेषकर पका आम अधिक मात्रा में लेने पर शरीर में पित्त बढ़ा सकता है।
2. ब्लीडिंग पाइल्स और नकसीर
तीक्ष्णता के कारण रक्तस्राव यानी ब्लीडिंग से संबंधित रोगों में हानि पहुंचा सकता है।
3. डायबिटीज
आम में नेचुरल शुगर अधिक होती है, इसलिए डायबिटीज रोगियों को कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
4. स्किन एलर्जी
अधिक गर्म प्रकृति होने से त्वचा पर फोड़े-फुंसी की संभावना बढ़ जाती है।
आम खाने का सही तरीका
- आम को खाने से पहले कम से कम 30 मिनट तक पानी में भिगोकर रखें, इससे इसकी गर्म तासीर थोड़ी कम हो जाती है।
- एक दिन में 1 से 2 मध्यम आकार के आम से अधिक न खाएं।
- अधिक गर्मी या पित्त विकार वाले लोग सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
- भोजन के तुरंत बाद आम न खाएं, दोपहर में या स्नैक के रूप में लेना बेहतर है।
आम की गुठलियों का सेवन कैसे करें?
- गुठली को छाया में सुखाएं
- सूखने के बाद उसका चूर्ण बना लें
- रोजाना 1-2 ग्राम चूर्ण गुनगुने पानी के साथ सेवन करें
निष्कर्ष
आम एक ऐसा फल है, जो न केवल स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि आयुर्वेद में भी इसका विशेष स्थान है। हालांकि, इसकी प्रकृति गर्म होने के कारण इसे संतुलित मात्रा में और उचित तरीके से लेना जरूरी है। आम की गुठली, जिसे आम्रमज्जा कहते हैं, भी कई रोगों में लाभदायक है। लेकिन कोई भी औषधीय प्रयोग करने से पहले आयुर्वेद एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। सही समय, सही मात्रा और सही तरीका अपनाकर आम को औषधि की तरह उपयोग किया जा सकता है।
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FAQ
आम कितना खाना चाहिए?
आम स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर फल है, लेकिन इसकी तासीर गर्म होने के कारण इसका सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति दिन में 1 से 2 मध्यम आकार के आम खा सकता है। अत्यधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं, पित्त वृद्धि, मुंह में छाले या नकसीर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आम को खाने से पहले 30 मिनट तक पानी में भिगोकर रखना चाहिए, जिससे उसकी गर्मी कम हो जाती है। डायबिटीज, पित्त विकार वाले व्यक्तियों को आम का सेवन चिकित्सकीय सलाह के अनुसार सीमित मात्रा में करना चाहिए।आम कब खाना चाहिए?
आम एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है, लेकिन इसे खाने का सही समय जानना जरूरी है। आम को सुबह या दोपहर के समय खाना सबसे उपयुक्त होता है, क्योंकि इस समय शरीर का मेटाबॉलिक रेट बेहतर होता है और शुगर जल्दी पचती है। खाली पेट आम खाने से बचना चाहिए, इसे खाने के साथ या स्मूदी में लिया जा सकता है। आम के साथ ठंडी चीजें, दही, या नमक-मिर्च का सेवन पाचन पर असर डाल सकता है। डायबिटिक व्यक्ति भी सीमित मात्रा में आम खा सकते हैं, बशर्ते समय और मात्रा का ध्यान रखें।आम कब नहीं खाना चाहिए?
जिन लोगों को ब्लीडिंग पाइल्स और नकसीर जैसी समस्या रहती हैं उन्हें आम का सेवन करने से परहेज (aam kab nahi khana chahiye) करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि आम का सेवन आपकी दिक्कतों को और ज्यादा बढ़ा सकता है।