एंडोमेट्रियोसिस एक पुरानी स्थिति है, जहां कोशिकाएं गर्भाशय की परत से मिलती-जुलती हैं। इन्हें एंडोमेट्रियल कोशिकाएं कहा जाता है। ये काेशिकाएं गर्भाशय के बाहर (जैसे-फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय और आंत एंडोमेट्रियोसिस में) 7-10 प्रतिशत तक विकसित हाेती है। जिन महिलाओं काे एंडोमेट्रियोसिस है, उनमें इरिटेबल बाउल सिंड्राेम की घटनाओं में वृद्धि देखने काे मिलती है।
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एंडाेमेट्रियाेसिस के लक्षण (Symptoms of Endometriosis)
ग्लाेबल हॉस्पिटल, मुंबई के कंसल्टेंट गैस्ट्राेएंटराेलॉजी डॉक्टर अंकित दलाल (Dr Ankit Dalal, Consultant Gastroenterology, Global Hospital, Parel, Mumbai) बताते हैं कि एंडाेमेट्रियाेसिस की समस्या हाेने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। इनमें से कुछ लक्षण हैं-
- क्रॉनिक पेल्विक पेन (Chronic Pelvic Pain)
- डिस्पेर्यूनिया यानी दर्दनाक शारीरिक संबंध (Dyspareunia)
- डिसमेनाेरिया यानी महावारी के दौरान दर्द हाेना (Dysmenorrhea)
- पेट में दर्द
- सूजन
- मतली
- कब्ज
- उल्टी
- मल त्याग करने में पीड़ा
- डायरिया
- मासिक धर्म के दौरान लक्षणों में वृद्धि भी हाेती है जैसे- ब्लाेटिंग और कब्ज
ऊपर बताए गए ये सभी लक्षण इरिटेबल बाउल सिंड्राेम (IBS) के भी हैं।
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इन दाेनाें ही स्थिति में आंतें बुरी तरह से प्रभावित हाेते हैं। इस स्थिति में तंत्रिका तंत्र विशेष रूप से संवेदनशील हाेते हैं, जिससे दर्द बढ़ जाता है। इन लक्षणों की घटना से संबंधित अन्य स्पष्टीकरणों में शामिल हैं:
1.एंडोमेट्रियोसिस घाव इंफ्लामेटेरी और प्रोस्टाग्लैंडीन रिलीज करता है, जाे आंताें के कार्य में बदलाव करता है।
2. आंताें के भीतर एंडाेमेट्रियाेसिस घाव यांत्रिक रुकावट या चक्रीय सूक्ष्म रक्तस्त्राव के कारण लक्षण पैदा करते हैं।
3. एंडोमेट्रियोसिस और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) का सह-अस्तित्व।
एंडाेमेट्रियाेसिस के कारण (Endometriosis Causes)
1.एंडोमेट्रियोसिस का एक कारण है रेट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन है। इसमें पीरियड्स के दौरान एंडाेमेट्रियल काेशिकाएं शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। यह फैलाेपियन ट्यूब से पेल्विक केविटी में प्रवाहित हाेने लगती हैं।
2.एंडाेमेट्रियाेसिस का दूसरा कारण पेरिटाेनियल काेशिकाओं का बदलना है। इसे इंडक्शन थ्याेरी भी कहते हैं। दरअसल, जब पेरिटाेनियल काेशिकाओं में बदलाव हाेता है, ताे एंडाेमेट्रियाेसिस हाेने का जाेखिम बढ़ जाता है।
3.इसका एक कारण कमजाेर इम्यूनिटी भी हाे सकती है। कमजाेर इम्यूनिटी एंडाेमेट्रियल ऊतकाें काे नष्ट नहीं कर पाती है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए आपकाे अपनी इम्यूनिटी काे मजबूत बनाना बहुत जरूरी है।
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एंडाेमेट्रियाेसिस के बचाव टिप्स (Prevention Tips of Endometriosis)
एंडाेमेट्रियाेसिस से बचाव के लिए डाइट पर खास ध्यान देना जरूरी हाेता है। डाइट में कुछ चीजाें काे जाेड़कर और कुछ चीजाें से परहेज करके आप काफी हद तक इस समस्या से बच सकती हैं।
- अघुलनशील फाइबर, बीन्स, वसायुक्त भोजन से परहेज करें।
- कैफीन, चॉकलेट, शुगर का सेवन करने से बचें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
- ऐसे खाद्य पदार्थाें से दूरी बनाकर रखें, जिनमें ग्लूटेन हाेता है।
- स्ट्रेस, टेंशन से दूर रहें।
एंडाेमेट्रियाेसिस से बचाव के लिए आप ऊपर बताए गए टिप्स काे जरूर फॉलाे करें। साथ ही अगर इसके लक्षण नजर आए, ताे तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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