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साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस क्या है? डॉक्टर से जानें इसके कारण और लक्षण

एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिलाओं के पेल्विक में दर्द, हैवी ब्लीडिंग, शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द, इनफर्टिलिटी और मूत्राशय से जुड़ी समस्याएं होती है। लेकिन, क्या आपको पता है कुछ महिलाओं को साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस भी होता है, आइए जानते हैं इसके बारे में-
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साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस क्या है? डॉक्टर से जानें इसके कारण और लक्षण


खराब डाइट, लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याओं के कारण महिलाओं को कंसीव करने में मुश्किल होने लगती है। कम उम्र में ही महिलाएं कुछ ऐसी स्वास्थ्य स्थिति का सामना करने लगी हैं, जो उनके फर्टिलिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एंडोमेट्रियोसिस भी महिलाओं में एक ऐसी ही बीमारी है जो उनके कंसीव करने में मुश्किल होती है। एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिला के गर्भाशय की अंदरूनी परत के एंडोमेट्रियम जैसे ऊतक शरीर के अन्य हिस्सों में विकसित होने लगते हैं। एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिलाओं के पेल्विक में दर्द, हैवी ब्लीडिंग, शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द, इनफर्टिलिटी और मूत्राशय से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज, सूजन या मल त्याग करते समय दर्द की समस्या हो सकती है। लेकिन, क्या आपको पता है एंडोमेट्रियोसिस का एक प्रकार साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस भी होता है। आइए दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन से जानते हैं कि साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस क्या होता है और इसके कारण और लक्षण क्या हैं?

साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस क्या है?

डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन के अनुसार, साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में एंडोमेट्रियोसिस मौजूद तो होता है, लेकिन इसका कोई खास लक्षण जैसे पीरियड्स के दौरान दर्द, पेट दर्द या थकान नहीं दिखाई देती है। इस बीमारी के बारे में अक्सर तब पता चलता है, जब महिला कंसीव करने की कोशिश करती है, लेकिन वह प्रेग्नेंट नहीं हो पाती है। यह एक साइलेंट बीमारी है, जो शरीर को बिना किसी लक्षण के आपके शरीर को प्रभावित करता है।

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साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस के कारण - Causes of Silent Endometriosis in Hindi

डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन का मानना है कि, साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस के सही कारणों का अभी तक पूरी तरह पता नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन, इसके पीछे ये कारण हो सकते हैं, जिसमें

1. रेट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन

जब पीरियड्स के दौरान ब्लड गर्भाशय से बाहर निकलने के स्थान पर फैलोपियन ट्यूब के जरिए पेल्विक कैविटी में चला जाता है और वहां चिपककर बढ़ने लगता है।

2. हार्मोनल असंतुलन

महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल असंतुलन जैसे एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने से भी एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी को बढ़ावा मिल सकता है।

3. जेनेटिक कारण

अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति को पहले एंडोमेट्रियोसिस रहा हो तो भी अगली पीढ़ी या आने वाली पीढ़ी की महिलाओं में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है।

4. इम्यून सिस्टम में समस्या

इम्यून सिस्टम की कमजोरी के कारण भी शरीर उन टिशू को सही तरीके से नहीं पहचान पाता है जो गलत जगह पर विकसित हो रहे हों, जिस कारण ये एंडोमेट्रियोसिस को जन्म दे सकते हैं।

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5. ऑपरेशन या सी-सेक्शन के बाद

कभी-कभी महिलाओं में किसी सर्जरी या सी-सेक्शन के बाद एंडोमेट्रियोसिस की समस्या हो सकती है, क्योंकि सर्जरी के दौरान एंडोमेट्रियल टिशू शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं।

साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण - Symptoms of Silent Endometriosis in Hindi

डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन के मुताबिक साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस में मौजूद साइलेंट शब्द इस बात की ओर इशारा करता है कि इसके लक्षण साइलेंट होते हैं, जो सामान्य तौर पर नजर नहीं आते हैं, इसलिए, कुछ समस्याओं के द्वारा इस बीमारी का अंदाजा लगाया जा सकता है। जैसे-

  • साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को अक्सर प्रेग्नेंट होने में मुश्किल होती है, और जब वे जांच करवाती हैं तो उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चलता है।
  • कुछ महिलाओं में पीरियड्स सामान्य से हल्का हो सकता है, लेकिन इसके पीछे साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस की समस्या हो सकती है।
  • लगातार कमर और पीठ में हल्का-फुल्का दर्द भी साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण हो सकता है, जिसे अक्सर थकान समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।  
  • शरीर का अक्सर थका-थका महसूस होना और कमजोरी महसूस होना साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस का संकेत हो सकता है।
  • बिना किसी कारण महिलाओं को पेट फूला हुआ और ब्लोटिंग जैसा महसूस हो सकता है।

निष्कर्ष

साइलेंट एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है, जो महिलाओं के शरीर को बिना किसी संकेत के नुकसान पहुंचाती है किसी शोर के नुकसान पहुंचाती है। इसलिए, जरूरी है कि महिलाएं अपने शरीर में नजर आने वाले छोटे-छोटे बदलावों पर ध्यान दें, खासकर फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं को लेकर
Image Credit: Freepik 

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  • Oct 02, 2025 14:56 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

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