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क्या एंडोमेट्रियोसिस इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है? समझें डॉक्टर से

Endometriosis And Infertility In Hindi: एंडोमेट्रियोसिस का महिलाओं की प्रजनन अंगों पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिलाओं में इनफर्टिलिटी की दिक्कत हो सकती है।
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क्या एंडोमेट्रियोसिस इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है? समझें डॉक्टर से


Do Endometriosis Cause Infertility In Hindi: एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं में होने वाली गंभीर समस्या है। एंडोमेट्रियोसिस का मतलब होता है कि यूट्रस के बाहरी हिस्से में टिश्यूज का ग्रो करता है। इसकी वजह से यूट्रस यानी गर्भाशय पर काफी दबाव पड़ता है। ऐसे में महला के पीरियड्स पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। यानी जिस महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस होता है, उन्हें पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग हो सकती है, पेट के निचले हिस्से में दर्द और ऐंठन हो सकता है। यहां तक कि एंडोमेट्रियोसिस के कारण दो पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग की समस्या भी देखने को मिलती है। जाहिर है, जब महिलाओं को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो उनके मन में यह सवाल जरूर कौंधता है कि क्या वाकई एंडोमेट्रियोसिस के कारण उन्हें इनफर्टिलिटी की दिक्कत हो सकती है? आइए, जानते हैं क्या कहते हैं Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता।

क्या एंडोमेट्रियोसिस इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है?- Will Endometriosis Cause Infertility In Hindi

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जैसा कि यह स्पष्ट है कि एंडोमेट्रियोसिस पीरियड साइकिल पर नेगेटिव इंपैक्ट छोड़ता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि एंडोमेट्रियोसिस के कारण इनफर्टिलिटी की दिक्कत हो सकती है। एक आंकड़े के मुताबिक जितनी महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस है, उनमें से करीब 30-40 फीसदी महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आती है यानी उन्हें इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, यह कहना गलत होगा एंडोमेट्रियोसिस के कारण वे कभी कंसीव नहीं कर सकतीं। हां, उन्हें कंसीव करने के लिए कुछ ट्रीटमेंट की मदद लेनी पड़ सकती है।

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एंडोमेट्रियोसिस और इनफर्टिलिटी का आपस में क्या कनेक्शन है

रिप्रोडक्टिव ऑर्गन प्रभावित होता है

एंडोमेट्रियोसिस में यूट्रस के बाहर यूटराइन लाइनिंग के समान टिश्यूज ग्रो करने लगते हैं। ये टिश्यूज प्रजनन अंगों को प्रभावित कर सकते हैं। इससे एग्स और सपर्म की मेटिंग तथा फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया पर नेगेटिव असर पड़ता है। यहां तक कि एंडोमेट्रियोसिस की वजह से कई बार फर्टिलाइज्ड एग को इंप्लांट करना भी मुश्किल हो जाता है।

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पेल्विक में सूजन

एंडोमेट्रियोसिस के कारण पेल्विक एरिया में सूजन आ सकती है, वहां के टिश्यूज पर भी बुरा असर पड़ता है। इस तरह की समस्या के कारण नॉर्मल तरीके से कंसीव करने में महिला को दिक्कत हो सकती है। यहां तक कि एंडोमेट्रियोसिस के कारण रिप्रोडक्टिव फंक्शन भी प्रभावित होता है।

फेलोपियन ट्यूब में दिक्क्तें

एंडोमेट्रियोसिस फेलोपियन ट्यूब की प्रॉब्लम को भी ट्रिगर कर सकती है। आपको बता दें कि फेलोपियन ट्यूब के जरिए एग्स यूट्रस तक पहुंचते हैं। अगर फेलोपियन ट्यूब में कोई दिक्क्त आती है, तो महिला के लिए कंसीव करना चैलेंजिंग हो सकता है।

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एग क्वालिट पर असर

विशेषज्ञों की मानें, तो एंडोमेट्रियोसिस होने पर महिलाओं की एग क्वालिटी भी प्रभावित होती है। ध्यान रखें कि खराब क्वालिटी के एग के साथ कंसीव करना आसान नहीं होता है। यहां तक कि खराब एग फर्टिलाइज नहीं होते हैं और उन्हें इंप्लांट करने में भी दिक्कतें आती हैं।

All Image Credit: Freepik

FAQ

  • क्या एंडोमेट्रियोसिस गर्भावस्था की समस्याओं का कारण बनता है?

    एंडोमेट्रियोसिस के कारण पेल्विक एरिया प्रभावित होता है। इसका बुरा असर मासिक धर्म पड़ता है, जिससे महिला के लिए कंसीव करना चैलेंजिंग हो सकता है। इस तरह, हम कह सकते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस गर्भावस्था की समस्याओं का कारण बनता है।
  • क्या एंडोमेट्रियोसिस दोबारा हो सकता है?

    हां, एंडोमेट्रियोसिस दोबारा हो सकता है। इसलिए, अगर किसी को एंडोमेट्रियोसिस है, तो उन्हें नियमित रूप से अपनी जांच करवानी चाहिए। साथ ही, जीवनशैली में हेल्दी आदतों को अपनाना चाहिए, ताकि एंडोमेट्रियोसिस के रिस्क को कम किया जा सके।
  • बिना सर्जरी के एंडोमेट्रियोसिस का इलाज कैसे किया जा सकता है?

    एंडोमेट्रियोसिस का इलाज बिना सर्जरी किए भी संभव हो सकता है। हालांकि, यह कितना कारगर होगा, यह डॉक्टर ही बता सकेंगे। इसके वैकल्पिक इलाज की बात करें, तो इसमें हार्मोन थेरेपी, पेन मैनेजमेंट शामिल हैं। डॉक्टर्स दवाओं के जरिए भी एंडोमेट्रियोसिस का इलाज कर सकते हैं।

 

 

 

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