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पीरियड्स में होने वाले तेज दर्द से जुड़ी है एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी, जानें कैसे करती है शरीर को प्रभावित?

पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द जब असहनीय हो जाए या आपको एहसास हो कि मुझको पीरियड्स में लगभग लेबर पेन जितना दर्द हो रहा है, तो यह समस्या एंड्रोमेट्रियोसिस हो सकती है।
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पीरियड्स में होने वाले तेज दर्द से जुड़ी है एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी, जानें कैसे करती है शरीर को प्रभावित?


What is Endometriosis and How Does it Affect the Body: पीरियड्स हर महिला के जीवन का एक अहम हिस्सा है। पीरियड्स के दौरान 5 से 7 दिनों तक वजाइना से ब्लीडिंग और पेट में दर्द होना एक आम बात मानी जाती है। लेकिन पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द जब असहनीय हो जाए या आपको एहसास हो कि मुझको पीरियड्स में लगभग लेबर पेन जितना दर्द हो रहा है, तो यह समस्या एंड्रोमेट्रियोसिस हो सकती है। हैरानी की बात यह है कि आज भी ज्यादातर लड़कियां जो पीरियड्स भयावह पीरियड पेन को झेल रही हैं, उन्हें आज भी एंड्रोमेट्रियोसिस की जानकारी नहीं है।

यही कारण है आज इस लेख में गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की वरिष्ठ डॉ. अंजलि कुमार से जानेंगे एंड्रोमेट्रियोसिस क्या है और यह एक महिला के शरीर को कैसे प्रभावित करती है।

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एंडोमेट्रियोसिस क्या है?- What is endometriosis?

डॉ. अंजलि कुमार का कहना है, गर्भाशय की अंदरूनी परत को "एंडोमेट्रियम" कहा जाता है। मासिक धर्म के दौरान यह परत टूटकर शरीर से बाहर निकल जाती है। लेकिन जब एंडोमेट्रियम जैसी कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर फैलने लगती हैं और अन्य अंगों पर चिपक जाती हैं, तो इसे एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है। किसी भी महिला को एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी तब होती है जब गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) जैसी कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर अन्य अंगों पर बढ़ने लगती हैं। एंडोमेट्रियोसिस की परेशानी न सिर्फ महिलाओं को शारीरिक तौर पर परेशान करती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी महिलाओं पर गहरा प्रभाव छोड़ती है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि भारत में 10 में से लगभग 3 महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस से जूझ रही हैं।

एंडोमेट्रियोसिस में कोशिकाएं आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब, ओवरी, आंतों और पेल्विक एरिया में बढ़ सकती हैं। यह कोशिकाएं काफी संवेदनशील होती हैं, इसलिए पीरियड्स के दौरान जब हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, तो यह सूज जाती हैं, जिसकी वजह से दर्द और भी ज्यादा बढ़ सकता है।

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एंडोमेट्रियोसिस शरीर को कैसे प्रभावित करती है?- How does endometriosis affect the body?

डॉ. अंजलि कुमार का कहना है कि एंडोमेट्रियोसिस जैसी दर्दनाक स्थिति सिर्फ महिला को शारीरिक तौर पर प्रभावित नहीं करती है, बल्कि यह मानसिक तौर पर भी महिला को परेशान कर देती है।

1. पेल्विक दर्द : एंडोमेट्रियोसिस का सबसे आम लक्षण पेल्विक दर्द है, जो पीरियड्स के दौरान असहनीय हो जाता है। इस दर्द से राहत पाने के लिए कई बार महिलाओं को 2 से 3 गोली और गर्म पानी का सेंक करना पड़ सकता है।

2. प्रजनन समस्याएं :एंडोमेट्रियोसिस बांझपन (इंफर्टिलिटी) का एक प्रमुख कारण है। यह फैलोपियन ट्यूब को रोक देता है, जिसकी वजह से अंडाशन में गांठें बन सकती हैं। इन गांठों के कारण महिला को गर्भधारण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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3. इनरेगुलर पीरियड्स : पीरियड्स के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग, लंबे समय तक चलने वाले पीरियड्स या पीरियड्स का सही समय पर न होना भी एंडोमेट्रियोसिस की ही परेशानी मानी जाती है।

4. पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं : एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिलाओं का पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है। इस बीमारी के कारण महिलाओं को कब्ज, दस्त, पेट में दर्द और सूजन की समस्या भी हो सकती है।

5. थकान और कमजोरी :एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिलाओं को ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से शारीरिक थकान, कमजोरी और चिड़चिड़ापन की समस्या हो सकती है।

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एंडोमेट्रियोसिस का इलाज क्या है?- What is the treatment for endometriosis?

एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीके अपनाए जाते हैं:

    • पेन किलर्स
    • हार्मोनल थेरेपी
    • दवाएं
    • सर्जरी

 

 

 

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निष्कर्ष

एंडोमेट्रियोसिस एक गंभीर बीमारी है, जो महिलाओं के जीवन को प्रभावित करती है। अगर आपको पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द और अन्य कोई समस्या हो रही है, तो इस विषय पर तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें और इलाज शुरू करवाएं।

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