इजराइल ने कोरोना वायरस से लड़ने वाली वैक्सीन का तैयार किया नमूना, जानें मरीज पर कैसे करेगा काम

कोरोना वयारस से लड़ने के लिए इजरायल ने तैयार किया नमूना, लेकिन लग सकता है लंबा वक्त। जानें कैसे मरीज के शरीर पर करेगा काम।
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इजराइल ने कोरोना वायरस से लड़ने वाली वैक्सीन का तैयार किया नमूना, जानें मरीज पर कैसे करेगा काम


दुनियाभर में सभी देश कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन की खोज कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई भी दवाई कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार नहीं हो पाई है। अब तक दुनियाभर में लाखों लोग इसका शिकार हो चुके हैं और कई लोग इस वायरस के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही एक तस्वीर यह दावा करती है कि इजराइल में कोरोना वायरस (COVID-19) के लिए एक टीका बना लिया गया है। यह तस्वीर 14 मार्च 2020 को फेसबुक पर पोस्ट की गई थी। लेकिन ऐसा नहीं है। हां ये सच है कि इजरायल के इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च के वैज्ञानिक - रक्षा मंत्रालय के तहत एक नागरिक संगठन-जल्द ही कोरोनोवायरस के लिए एक टीका के विकास की घोषणा करने की उम्मीद है, लेकिन इस प्रक्रिया को समझने से पहले कई महीनों के परीक्षण और प्रयोगों की आवश्यकता हो सकती है सुरक्षित और प्रभावी हो। 

इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय के पूर्व वैक्सीन मूल्यांकनकर्ता मैनफ्रेड ग्रीन ने चेतावनी दी कि उचित टीका विकास प्रक्रिया में  अभी भी करीब 18 महीने तक लग सकते हैं। ग्रीन ने द टाइम्स ऑफ इजराइल को बताया कि इस प्रक्रिया को शुरू करना बहुत ही जोखिम भरा हो सकता है। आपको बता दें कि वैक्सीन का नमूना विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मॉलिकुलर सेल बायोलॉजी एंड बायो टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर जोनाथन गरशोनी की टीम ने तैयार किया है। यह वैक्सीन सीधे तौर पर कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए बनाया गया है। लेकिन क्लिनिकल ट्रायल के लिए जाने में अभी इस वैक्सीन को कई महीने का समय लग सकता है। वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर फैल रही खबर गलत है कि बहुत बड़ी तादात में कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार की जा रही है। लेकिन हां इजरायल ने वायरस को लेकर पेटेंट तैयार कर लिया है जिसपर काम किया जा रहा है। 

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अमेरिका में जारी है परीक्षण

अमेरिका में एक कोरोना वायरस वैक्सीन परीक्षण ने अपने पहले प्रतिभागी को एक खुराक दी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिसीज (NIAID) की ओर से पोषित और सिएटल में कैसर परमानेंट हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में संचालित यह अध्ययन वर्तमान में परीक्षण कर रहा है कि क्या यह टीका मानव उपयोग के लिए सुरक्षित है या नहीं। प्रतिभागियों को 28 दिनों के अलावा दो खुराक मिलेंगी और दूसरे शॉट के बाद एक साल तक निगरानी की जाएगी। चीन के राज्य के मीडिया ने बताया है कि चीन में एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं ने हाल ही में शुरू होने वाले संभावित वैक्सीन के प्रारंभिक चरण के नैदानिक परीक्षण शुरू करने की मंजूरी प्राप्त की है। 

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WHO ने जताई आशंका 

कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ने के लिए कई देश अपनी-अपनी ताकत का इस्तेमाल कर वैक्सीन को तैयार करने में लगे हुए हैं। लेकिन अभी तक कोरोना वायरस पर सीधा असर करने वाली कोई भी वैक्सीन तैयार नहीं की जा सकी है। फिलहाल, WHO ने आशंका जताई है कि हाल-फिलहाल में जानलेवा कोरोना वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन के विकसित होने की कोई संभावना नहीं है। वैश्विक संगठन के विशेष दूत डेविड नैबैरो ने चेताया है 'इस बात की कोई गांरटी अभी नहीं है कि आने वाले महीनों में जानलेवा वायरस को खत्म करने वाली कोई वैक्सीन सफलतापूर्वक विकसित कर ली जाएगी।' एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि जब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक हमे इसी तरह कोरोना वायरस से बचाव के लिए कदम उठाने होंगे तभी हम इस वायरस से बचे रह सकते हैं। 

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