मुंह में छाले बार-बार होना कई लोगों को परेशान करता है। पर बहुत से लोग इसके कारणों के बारे में जानना ही नहीं चाहते। जबकि मुंह में छाले बार-बार होना पेट में गर्मी के बढ़ने का भी एक संकेत है। इसके अलावा कई बार विटामिन बी12, जिंक, फोलिक एसिड और आयरन की कमी के कारण भी मुंह में बार-बार छाले होते हैं। तो, कई बार जिन लोगों का पेट साफ नहीं होता या फिर कब्ज की समस्या रहती है उन्हें भी मुंह में छाले निकल आते हैं। ऐसे में आप मुंह के छालों को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसमें से एक है ईसबगोल की भूसी (isabgol or psyllium husk benefits)का सेवन। दरअसल, पेट से जुड़ी कई समस्याओं में ईसबगोल की भूसी (psyllium husk benefits) बहुत फायदेमंद होती है। ये शरीर में पीएच को भी बैलेंस करने में मदद करती है और वात-पित्त-कफ को संतुलित करती है। इस तरह ये पाचन तंत्र को सही रख कर और शरीर के पीएच को संतुलित करके मुंह के छालों को रोकती है। तो, आइए जानते हैं मुंह में छाले होने पर ईसबगोल की भूसी का सेवन (isabgol or psyllium husk benefits for mouth ulcers) कैसे करें और इनके फायदे क्या हैं?
1. गर्म दूध में ईसबगोल लें
मुंह में छाले का एक बड़ा कारण कब्ज की समस्या है। दरअसल, कब्ज होने पर पेट में गंदगी जमा रहती है जिससे पेट की गर्मी बढ़ जाती है। इसके चलते मुंह में छाले निकलने लगते हैं। इसबगोल एक प्राकृतिक लैक्सटेसिव के रूप में काम करता है, क्योंकि इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं। ये आपके स्टूल में थोक जोड़ती है और कब्ज की समस्या को दूर करती है। इससे पेट की गर्मी शांत होती है और मुंह के छाले कम होने लगते हैं। इसके लिए एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच ईसबगोल मिलाकर सोने से ठीक पहले पिएं। रेगुलर कुछ दिनों तक इसे करते रहें जो कि पेट की इस समस्या को कम करने में आपकी मदद करेगी।
2. मिश्री और ईसबगोल
मिश्री और ईसबगोल के फायदे की बात करें, तो ये दोनों छाले की जलन को कम कर सकते हैं। दरअसल, मिश्री की तासीर ठंडी होती है जो कि छालों की जलन को कम कर सकता है। जब आपके मुंह में छाले हो तो आप 1 कप पानी में मिश्री भिगो कर रखें। फिर उसमें भूसी का गाढ़ा सा पेस्ट बनाएं। अब इसे छालों पर लगाएं। कुछ देर छोड़ दें और बाकी बचे हुए गाढ़ी भूसी में ठंडा पानी मिला कर इसे पी जाएं। रोजाना इसे तीन बार करें। आप पाएंगे कि ये कि आपके छाले को कम कर देगा।
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3. शहद और ईसबगोल
इसबगोल में मौजूद जिलेटिनस पदार्थ पानी में भिगोने पर एक जेल बनाता है, जेल बैक्टीरिया और हानिकारक विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करते हैं। मुंह के छाले कई बारमाउथ इंफेक्शन के कारणभी होता है और ईसबगोल इस माउथ इंफेक्शन को कम कर सकता है। इसके अलावा शहद एंटीबैक्टीरियल जो माउथ अल्सर के अलावा मुंह में होने वाले किसी भी घाव के लिए फायदेमंद है। तो, शहद में ईसबगोल भूसी मिलाएं और इसे अपनी जीभ पर लगाएं। आप चाहें तो, ठंडे पानी में इसबगोल भूसी और शहद मिला कर भी ले सकते हैं।
4. छाछ और ईसबगोल
छाछ पेट की दीवार के अंदर चिकनाई बढ़ाता है जो कब्ज के इलाज में मदद करता है। पर छाछ और ईसबगोल दोनों को एक साथ लेने का एक फायदा ये है कि ये दोनों शरीर का पीएच बैलेंस करने में मदद करते हैं। साथ ही ये दोनों शरीर में वात और पित्त को भी संतुलित करते हैं और इंफेक्शन को कम करते हैं। तो, कई बार छाछ और ईसबगोल मिल कर आंतों की सफाई करते हैं और शरीर की गंदगी को डिटॉक्स करते हैं, जो कि मुंह के छालों का कारण भी बनता है।
5. सेब के सिरके में मिला कर मुंह में लगाएं ईसबगोल
एप्पल साइडर विनेगर मुंह के छालों को कम करने में मददगार है। ये एसिडिक प्रकृति का होता है। ये माउथ इंफेक्शन को कम करने में मददगार है। ये बैक्टीरियल इंफेक्शन को कम करता है जिससे माउथ इंफेक्शन से छुटकारा मिलता है। इसके लिए सेब के सिरके में ईसबगोल भूसी मिला कर आधे घंटे छोड़ दें। फिर इसमें हल्का सा गुनगुला पानी मिलाएं और 30 सेकंड के लिए मुंह में गरारे करें और अच्छी तरह से धो लें। मुंह के छालों से जल्दी राहत पाने के लिए इसे हफ्ते में दो बार रोजाना दोहराएं।
6. सुबह उठते ही ईसबगोल के घोल से कुल्ला करें
ईसबगोल भूसी का पतला घोल बनाएं इससे बार-बार कुल्ला करें। ये आपके छालों की जलन को कम करता है और मुंह को साफ करने में मदद करता है। दरअसल, ईसबगोल पित्त को शांत करता है और मुंह के छाले को कम करता है। साथ ही आप इस घोल को पी भी सकते हैं क्योंकि ये पेट साफ करने में मदद करता है। ये आपके पेट में एक प्रैशर बनाएगा और आपके आंतों की सफाई करेगा। इस तरह ये बोवेल मूवमेंट को भी बेहतर बनाने में मदद करता है। तो, रोजाना सुबह उठते ही ईसबगोल के घोल से कुल्ला करना ना सिर्फ माउथ इंफेक्शन को रोकता है बल्कि ये आपके पेट और पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है।
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7. ईसबगोल और दही का लेप लगाएं
आपने कई बार सुना होगा कि दही छालों को कमता है। दरअसल, दही एसिडिक गुणों वाला और एंटीबैक्टीरियल है। ये मुंह के बैक्टीरिया को कम करता है और इसे बेअसर करने में मदद करता है। तो, वहीं ईसबगोल जीव और छालों की जलन को कम करता है और इसे शांत करता है। तो, एक कटोरे में 3 चम्मच ठंडी दही लें और इसमें छोटा चम्मच ईसबगोल भूसी मिला कर लगातार 5 मिनट तक चलाते रहें। अब चब भूसी इसमें मिल कर ऊपर नजर आने लगे तो इसे अपने मुंह के छालों पर लगाएं। आप इसे अपनी जीभ और दाहों पर भी लगाए रह सकते हैं। फिर ऐसे ही 15 मिनट तक छोड़े और गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें। ये मुंह को साफ करने के साथ छालों को शांत करने में आपकी मदद करेगी।
बता दें कि इसबगोल भूसी एक शक्तिशाली डिटॉक्सीफायर है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दीवार को साफ करने और सभी विषाक्त पदार्थों को हटाने का काम करता है। ये मुंह को साफ करते हुए पाचन तंत्र के स्वस्थ कामकाज का समर्थन करता है और आंतों को साफ रख, आंतों की बीमारियों से भी बचाव में मदद करता है। साथ ही इसबगोल का नियमित सेवन पाचन उत्तेजक के रूप में कार्य करता है और पेट के अल्सर, एसिडिटी, कोलाइटिस और अन्य पाचन समस्याओं से तुरंत राहत देता है। तो, अगर आपको मुंह में छाले हो तो आपको ईसबगोल भूसी का सेवन करना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि मुंह में छाले अगर हर कुछ दिनों बाद हो तो अपने डॉक्टर से एक बार जरूर दिखाएं।
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