आज के समय में खराब खानपान, अनियमित दिनचर्या, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और तनावपूर्ण लाइफस्टाइल के कारण मोटापा तेजी से बढ़ रही एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है। मोटापा केवल शरीर का वजन बढ़ने तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, थायराइड, दिल की बीमारी के साथ-साथ एक ऐसी समस्या भी है जो अक्सर नजरअंदाज की जाती है वह है हर्निया। कई बार पेट के अंदर जमा चर्बी लगातार आंतरिक अंगों और मांसपेशियों पर दबाव बनाती है, जिससे वे धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं और हर्निया विकसित हो सकता है।
इस लेख में हम मेट्रो अस्पताल, नोएडा के इंटरनल मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ सैबल चक्रवर्ती (Dr. Saibal Chakravorty,Senior Consultant, Internal Medicine, Metro Hospital, Noida) से जानेंगे कि मोटापा और हर्निया के बीच क्या संबंध है। यदि आप या आपके परिवार में कोई मोटापे से ग्रस्त है तो यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी हो सकती है।
क्या हर्निया और मोटापे के बीच कनेक्शन है - Hernia And Obesity Connection
आमतौर पर लोग हर्निया को पेट या कमर से जुड़ी समस्या मानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मोटापा हर्निया की संभावना को कई गुना बढ़ा सकता है। हर्निया तब होता है जब शरीर के किसी अंग का हिस्सा, खासकर पेट की आंतें, कमजोर मांसपेशियों या टिश्यू से बाहर की ओर निकल आते हैं। यह अधिकतर पेट, नाभि, जांघ के पास के पास होता है। हर्निया कई प्रकार का होता है जैसे इनग्वाइनल हर्निया, अम्बिलिकल हर्निया आदि। यह समस्या अक्सर भारी वजन उठाने, लंबे समय तक खांसी या कब्ज या मांसपेशियों की कमजोरी के कारण होती है।
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मोटापा शरीर के कई हिस्सों पर दबाव डालता है, खासकर पेट की मांसपेशियों पर। जब पेट की अंदरूनी चर्बी (visceral fat) अधिक हो जाती है, तो वह पेट की दीवारों पर दबाव बनाती है और यदि वहां की मांसपेशियां कमजोर हों तो आंत बाहर की ओर निकल सकती है। मोटे लोगों को अधिकतर इनग्वाइनल या अम्बिलिकल हर्निया होने का खतरा रहता है।
मोटे लोगों में सर्जरी के बाद जटिलताएं
अगर किसी मोटे व्यक्ति को हर्निया हो जाता है और उसे ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है, तो स्थिति और भी जटिल हो सकती है। अधिक वजन के कारण सर्जरी के बाद रिकवरी धीमी होती है, इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है और फिर से हर्निया बनने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए डॉक्टर अक्सर मोटापे को कंट्रोल करने की सलाह पहले देते हैं।
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मोटापे में हर्निया से कैसे बचें?
अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो हर्निया से बचने के लिए सबसे जरूरी है वजन कम करना। इसके लिए आपको बैलेंस डाइट लेनी चाहिए, जिसमें अधिक फाइबर, कम फैट और पर्याप्त प्रोटीन हो। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, खासकर कोर मसल्स को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज। पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने से हर्निया का खतरा कम हो सकता है।
निष्कर्ष
हर्निया और मोटापा के बीच गहरा संबंध है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मोटापा केवल सौंदर्य की दृष्टि से नहीं बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी खतरनाक है। यह हर्निया जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है जो दर्दनाक और जटिल हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि लोग समय रहते अपने वजन पर कंट्रोल रखें, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें। सही जानकारी और सतर्कता से आप हर्निया जैसी स्थिति से बच सकते हैं और जीवन को स्वस्थ बना सकते हैं।
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FAQ
मोटापा क्यों बढ़ता है?
मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण असंतुलित लाइफस्टाइल और गलत खानपान होता है। जब व्यक्ति जरूरत से अधिक कैलोरी लेता है और फिजिकल एक्टिविटी कम करता है, तो शरीर में कैलोरी वसा यानी फैट के रूप में जमा होने लगती है। जंक फूड, तले-भुने खाने का अत्यधिक सेवन, देर रात तक जागना, नींद की कमी और मानसिक तनाव भी मोटापे को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, कुछ लोगों में मोटापा अनुवांशिक कारणों से भी होता है।मोटापा कम करने का उपाय?
मोटापा कम करने के लिए सबसे पहले बैलेंस डाइट और नियमित एक्सरसाइज जरूरी है। अपने खाने में हरी सब्जियां, फल, अंकुरित अनाज और फाइबर युक्त चीजें शामिल करें। तले-भुने, मीठे और प्रोसेस्ड फूड से बचें। दिन की शुरुआत गर्म पानी में नींबू या त्रिफला पाउडर मिलाकर करने से पाचन बेहतर होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है। रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या एक्सरसाइज करें। पर्याप्त नींद लें और तनाव से दूर रहें।महिलाओं में मोटापे के क्या कारण हैं?
महिलाओं में मोटापे के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हार्मोनल असंतुलन प्रमुख होता है। पीसीओडी/पीसीओएस, थायराइड, मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी के बाद शरीर में हार्मोन बदलते हैं, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है। इसके अलावा, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव, अनियमित नींद, फास्ट फूड और मीठे फूड्स का अधिक सेवन भी मोटापे का कारण बनते हैं। कई महिलाएं अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करती हैं और नियमित एक्सरसाइज नहीं कर पातीं, जिससे चयापचय धीमा हो जाता है। इन सभी वजहों से महिलाओं में वजन बढ़ने की समस्या आम हो गई है।